सोमवार, 8 मई 2017

‘सागरमाला’ के बाद अब ‘भारतमाला’

अंतिम रूप में 10 लाख करोड़ की सड़क परियोजना
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में एक कोने से दूसरे कोने तक सड़क नेटवर्क तैयार करने के लिए केंद्र सरकार की चल रही सड़क परियोजनाओं में सीमावर्ती इलाकों और तटीय क्षेत्रों में सड़क की व्यवस्था सुधारने की योजना के तहत 'सागर माला' के बाद अब जल्द ही 'भारत माला' परियोजना को भी शुरू कर दिया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार आने वाले चार-पांच साल में भारतमाला नामक मेगा सड़क परियोजना पूरी होने के बाद देश के कम से कम 15 सीमावर्ती राज्यों और अन्य इलाके भारत के सड़क नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। मंत्रालय के अनुसार दस लाख करोड़ की तैयार हो चुकी इस परियोजना की डीपीआर तैयार होते ही इस परियोजना को शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले सागरमाला कार्यक्रम के तहत देश के बंदरगाहों को सड़क और रेल नेटवर्क से जोड़ने की परियोजनाएं जारी हैं। मंत्रालय के अनुसार भारतमाला परियोजना देश के पूर्वी छोर से पश्चिमी छोर के सीमावर्ती क्षेत्रों तक की पहुंच बेहद आसान हो जाएगी और तटीय बंदरगाहों का गलियारा भी इस कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। उम्मीद है कि इसी महीने भारतमाला परियोजना पर प्रेजेंटेशन के बाद परियोजना के पहले चरण में 20 हजार किमी सड़क निर्माण के लिए पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड (पीआइबी) की मंजूरी मिल सकती है। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना यानी एनएचडीपी में करीब 50 हजार किमी सड़क का विकास हुआ। यानि भारत माला इसके बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सड़क परियोजना साबित होगी।
क्या है भारत माला परियोजना
देश में जिस प्रकार से अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना शुरू की थी, उसी तर्ज पर अब पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारतमाला जैसी एक महत्वाकांक्षी परियोजना को सिरे चढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत भारत के पूरब से पश्चिम तक यानी मिजोरम से गुजरात तक सीमावर्ती इलाकों में सड़क बनाई जाएगी। वहीं इस परियोजना के तहत बनने वाले हाइवे को महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक तटीय राज्यों को एक सड़क नेटवर्क से जोड़ेगा। सड़क मंत्रालय के अनुसार सरकार की इस परियोजना के पहले चरण में करीब 20 हजार किमी हाईस्पीड हाईवे का निर्माण किया जाएगा। लिहाजा मंत्रालय को उम्मीद है कि भारतमाला परियोजना की एक विस्तृत प्रॉजेक्ट रिपोर्ट यानि डीपीआर तैयार होने की स्थिति में है। इस भारतमाला की शुरूआत पश्चिम में सीमावर्ती राज्य गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और इसके बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्र से होते हुए पश्चिम बंगाल तक काम पूरा किया जाएगा। अगल अगले चरण में सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश से होते हुए मणिपुर और मिजोरम में काम पूरा करके भारत-म्यांमार सीमा तक सड़के बनाई जाएंगी।
सुरक्षित होंगी सीमाएं
मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना को पटरी पर उतारने का मकसद सीमावर्ती इलाकों को भारत के सड़क नेटवर्क से जोड़ना है, ताकि देश की सीमाओं तक आवागमन में भी असानी हो सके और भारतीय सेनाओं और सुरक्षा बलों को अपने गंतव्य तक पहुंचना आसान हो सके। खासतौर से मोदी सरकार ने चीन और नेपाल सीमा से सटे राज्यों में कमजोर सड़क नेटवर्क को मजबूती देने के लिए महत्वाकांक्षी 'भारत माला' परियोजना तैयार की है, जिसके तहत उत्तराखंड के चीन और नेपाल से सटे संवेदनशील सीमांत इलाकों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने की योजना है। मसलन देश की सीमाओं की सुरक्षा की दृष्टि से भी इस परियोजना के तहत पूरब से पश्चिम तक पूरी सीमा को कवर किया जाना है। मंत्रालय ने बताया कि पहले चरण में 20 हजार किमी सड़क ऐक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे होगा, जो दोनो तरफ बैरिकेडिंग के साथ हाईस्पीड हाईवे होने के कारण इसका ज्यादातर हिस्सा यूटर्न फ्री होगा यानि इस सड़क खास इलाकों पर ही यूटर्न और कट्स बनाने की योजना है।
82 हाईवे भी बनेंगे
मंत्रालय के अनुसार भारतमाल परियोजना के तहत पोर्ट कनेक्टिविटी सुधारने की दिशा में 82 हाईवे का निर्माण भी किया जाना है, जिसमें 18 हाइवे परियोजना केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और 18 हाईवे परियोजनाओं का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई को सौंपा गया है। बाकी हाईवे केंद्र सरकार और एनएचएआई मिलकर पूरा करेंगे। खासबात ये है कि भारतमाला परियोजना के तहत तटीय और सीमा क्षेत्रोें के अलावा धार्मिक और पर्यटन स्थलों आदि इलाकों तक को राष्ट्रीय राजमार्गों क े नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

हाइवे से जुड़ेंगे जिला मुख्यालय
मोदी सरकार ने देश में जिला मुख्यालयों को राष्ट्रीय राजमार्गो से जोड़ने की मेगा योजना तैयार की है, जिसमें पहले चरण में देश के 676 जिलों में से 100 जिलों के मुख्यालयों को 'राष्ट्रीय राजमार्ग जिला संज्योक्ता परियोजना' के तहत विश्वस्तरीय हाइवे से जोड़ने की योजना को स्वीकृति दी जा चुकी है। इस परियोजना के तहत 60 हजार करोड़ रुपए की लागत से 6,600 किमी हाइवे का निर्माण करने की परियोजना बनाई गई है।
'सेतु भारतम स्कीम'
राजग सरकार विकास को गति देने के लिए सड़क परियोजनाओं, पुलों, रेल ओवरब्रिजों का बड़े स्तर पर निर्माण कराने की योजनाओं को पटरी पर उतारने में जुटी है, जिसमें से 'सेतु भारतम स्कीम' भी शामिल है। मंत्रालय के अनुसार इस स्कीम के तहत राष्ट्रीय राजमार्गो पर 202 रेल ओवर ब्रिज, 150 पुल बनाने का प्रस्ताव है। सरकार ने प्रतिदिन सड़क निर्माण की रफ्तार को भी तेज किया है यानि फिलहाल देश में हर साल 8 हजार किमी से भी ज्यादा गति से सड़क निर्माण किया जा रहा है। यानि देश में सिग्नल फ्री हाईवे के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है।
08May-2017

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