तटीय क्षेत्रों में युवाओं का होगा कौशल विकास
कार्यक्रम को मिला ग्रामीण कौशल्या योजना का साथ
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश के बंदरगाहों और सभी तटवर्ती शहरो को बेहतर सड़क, रेल, हवाई और समुद्री मार्ग से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘सागरमाला’ कार्यक्रम से देश की आर्थिक तस्वीर बदलने के प्रयास किये जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों से जुड़े इस कार्यक्रम को अंजाम देने की दिशा में रेल व कौशल विकास के बाद ग्रामीण मंत्रालय भी अपनी दीनदयाल उपाध्याय कौशल्या योजना के साथ आगे आ गया है।
मोदी सरकार का इस सागरमाला कार्यक्रम के जरिए देश के प्रमुख बंदरगाहों के तटीय आर्थिक क्षेत्रों की आबादी का आधुनिक विकास करना प्रमुख मकसद है। समुद्री कारोबार को प्रोत्साहन देने के लिए बंदरगाहों तक माल के तीव्र, दक्षतापूर्ण और किफायती ढंग से आवाजाही को आसान बनाना इस योजना का मकसद है। सरकार देश की 7500 किमी लंबी तटीय रेखा से जुडेÞ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा मजबूत करने में जुटी है। इस कार्यक्रम में रेल संपर्क मार्गो की पहुंच को बंदरगाहों तक बनाने के लिए रेलवे की 21 परियोजनाएं पटरी पर आ चुकी हैं। अब एक दिन पहले ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक करार किया है। इस करार के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय अपनी दीन दयाल ग्रामीण कौशल्या योजना के तहत तटीय क्षेत्रों के युवाओं का कौशल विकास करने में सहयोग देगा। इस करार का मकसद ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना’ के सहारे स्थानीय युवाओं को इस महत्वाकांक्षी परियोजना ‘सागरमाला’ कार्यक्रम के तहत रोजगार मुहैया कराया जा सके। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर दोनों मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और नरेन्द्र सिंह तोमर की मौजूदगी में किये गये।
परियोजना में युवाओं का योगदान
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि यह समझौता बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र में उद्योगों की सटीक कौशल जरूरतों को पूरा करेगा। युवाओं के कौशल विकास के साथ सागरमला में तटीय समुदायों की निकट सहभागिता होने से तटीय क्षेत्र के समेकित व आर्थिक विकास को बल मिलेगा। गडकरी का कहना है कि सागरमाला कार्यक्रम में तटीय समुदाय प्रमुख हितधारकों में है, इसलिए सरकार ने इस परियोजना के तहत 100 करोड़ रुपये का बजट तटीय सामुदायिक विकास संबन्धी गतिविधियों के लिए आवंटित किया गया है।
मछुआरों को मिलेगी सुविधा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना के तहत मछुआरों को मशीनीकृत ट्रॉलरों की सुविधाजनक देने की योजना का खाका तैयार करने की भी जानकारी दी। इस योजना से मछुआरों को अंतर्राष्ट्रीय समुद्र में 30-40 समुद्री मील तक मछली तक पहुंचाने की अनुमति दी जाएगी, जिसका मकसद भी तटवर्ती इलाकों में युवाओं के लिए रोजगार सृजन करना है, जहां मछली पकड़ने और उसका व्यापार एक बड़ा उद्योग के दायरे में है। सरकार की इस योजना में मछली और अन्य समुद्री उपजों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और निर्यात भी शामिल है। वहीं तटीय इलाकों में दीपगृहों के आसपास पर्यटन विकसित करके ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य है।
रोजगार देगा कौशल विकास
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि डीडीयू ग्रामीण कौशल्या योजना उनके मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है। सागरमाला कार्यक्रम के लिए हुए इस करार के बाद कौशल्या योजना के तहत ग्रामीण युवा और तटीय क्षेत्रों की महिलाएं समुद्री, नौवहन और बंदरगाह प्रबंधन के लिए कौशल विकसित करने में सक्षम हो सकेंगी। इस योजना के तहत देश में अब तक कौशल विकास पायलट परियोजना के तहत प्रशिक्षित किये गये करीब सात हजार लोगों में से 600 लोगों को रोजगार मुहैया हो चुका है। इस परियोजना के तहत 21 तटीय जिलों के कौशल की जरूरतों के प्रशिक्षण के लिए एक आधार सर्वेक्षण किया गया है। इसी माह से तटीय क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है।
रडार पर ये चार परियोजना
मंत्रालय के अनुसार अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सागरमाला कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना जारी की थी। इस योजना के तहत चार बड़े बुनियादी ढांचे मजबूत करने वाली परियोजनाओं की पहचान की गई। इनमें बंदरगाह आधुनिकीकरण और नए बंदरगाहों का विकास, बंदरगाह संपर्क बढ़ाना, बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण और तटीय समुदाय विकास प्रमुख रूप से शामिल है।
कार्यक्रम को मिला ग्रामीण कौशल्या योजना का साथ
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश के बंदरगाहों और सभी तटवर्ती शहरो को बेहतर सड़क, रेल, हवाई और समुद्री मार्ग से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘सागरमाला’ कार्यक्रम से देश की आर्थिक तस्वीर बदलने के प्रयास किये जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों से जुड़े इस कार्यक्रम को अंजाम देने की दिशा में रेल व कौशल विकास के बाद ग्रामीण मंत्रालय भी अपनी दीनदयाल उपाध्याय कौशल्या योजना के साथ आगे आ गया है।
मोदी सरकार का इस सागरमाला कार्यक्रम के जरिए देश के प्रमुख बंदरगाहों के तटीय आर्थिक क्षेत्रों की आबादी का आधुनिक विकास करना प्रमुख मकसद है। समुद्री कारोबार को प्रोत्साहन देने के लिए बंदरगाहों तक माल के तीव्र, दक्षतापूर्ण और किफायती ढंग से आवाजाही को आसान बनाना इस योजना का मकसद है। सरकार देश की 7500 किमी लंबी तटीय रेखा से जुडेÞ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा मजबूत करने में जुटी है। इस कार्यक्रम में रेल संपर्क मार्गो की पहुंच को बंदरगाहों तक बनाने के लिए रेलवे की 21 परियोजनाएं पटरी पर आ चुकी हैं। अब एक दिन पहले ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक करार किया है। इस करार के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय अपनी दीन दयाल ग्रामीण कौशल्या योजना के तहत तटीय क्षेत्रों के युवाओं का कौशल विकास करने में सहयोग देगा। इस करार का मकसद ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना’ के सहारे स्थानीय युवाओं को इस महत्वाकांक्षी परियोजना ‘सागरमाला’ कार्यक्रम के तहत रोजगार मुहैया कराया जा सके। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर दोनों मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और नरेन्द्र सिंह तोमर की मौजूदगी में किये गये।
परियोजना में युवाओं का योगदान
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि यह समझौता बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र में उद्योगों की सटीक कौशल जरूरतों को पूरा करेगा। युवाओं के कौशल विकास के साथ सागरमला में तटीय समुदायों की निकट सहभागिता होने से तटीय क्षेत्र के समेकित व आर्थिक विकास को बल मिलेगा। गडकरी का कहना है कि सागरमाला कार्यक्रम में तटीय समुदाय प्रमुख हितधारकों में है, इसलिए सरकार ने इस परियोजना के तहत 100 करोड़ रुपये का बजट तटीय सामुदायिक विकास संबन्धी गतिविधियों के लिए आवंटित किया गया है।
मछुआरों को मिलेगी सुविधा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना के तहत मछुआरों को मशीनीकृत ट्रॉलरों की सुविधाजनक देने की योजना का खाका तैयार करने की भी जानकारी दी। इस योजना से मछुआरों को अंतर्राष्ट्रीय समुद्र में 30-40 समुद्री मील तक मछली तक पहुंचाने की अनुमति दी जाएगी, जिसका मकसद भी तटवर्ती इलाकों में युवाओं के लिए रोजगार सृजन करना है, जहां मछली पकड़ने और उसका व्यापार एक बड़ा उद्योग के दायरे में है। सरकार की इस योजना में मछली और अन्य समुद्री उपजों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और निर्यात भी शामिल है। वहीं तटीय इलाकों में दीपगृहों के आसपास पर्यटन विकसित करके ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य है।
रोजगार देगा कौशल विकास
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि डीडीयू ग्रामीण कौशल्या योजना उनके मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है। सागरमाला कार्यक्रम के लिए हुए इस करार के बाद कौशल्या योजना के तहत ग्रामीण युवा और तटीय क्षेत्रों की महिलाएं समुद्री, नौवहन और बंदरगाह प्रबंधन के लिए कौशल विकसित करने में सक्षम हो सकेंगी। इस योजना के तहत देश में अब तक कौशल विकास पायलट परियोजना के तहत प्रशिक्षित किये गये करीब सात हजार लोगों में से 600 लोगों को रोजगार मुहैया हो चुका है। इस परियोजना के तहत 21 तटीय जिलों के कौशल की जरूरतों के प्रशिक्षण के लिए एक आधार सर्वेक्षण किया गया है। इसी माह से तटीय क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है।
रडार पर ये चार परियोजना
मंत्रालय के अनुसार अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सागरमाला कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना जारी की थी। इस योजना के तहत चार बड़े बुनियादी ढांचे मजबूत करने वाली परियोजनाओं की पहचान की गई। इनमें बंदरगाह आधुनिकीकरण और नए बंदरगाहों का विकास, बंदरगाह संपर्क बढ़ाना, बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण और तटीय समुदाय विकास प्रमुख रूप से शामिल है।
18May-2017
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