सोमवार, 29 मई 2017

नए श्रम कानूनों ने बदली श्रमिकों की तस्वीर

उपलब्धियों पर मंत्रालय ने ठोकी अपनी पीठ
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की उपलब्धियों पर पीठ ठोकते हुए कहा कि इस दौरान श्रम कानूनों में किये गये व्यापक बदलाव के कारण देश में श्रमिकों के जीवन की तस्वीर बदलने लगी है, जिसमें सरकार ने उनकी सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सोमवार को यहां अपने अधीन ईपीएफओ और ईसीआई जैसे संगठनों के उच्चाधिकारियों के साथ मिलकर पिछले तीन साल की उपलब्धियों का बखान किया। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (आईसी) बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश के इतिहास में इस मंत्रालय की भी महत्ता बढ़ी है, जिसने असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ श्रमिकों को ईएसआईसी और ईपीएफओ जैसे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि सरकार असंगठित क्षेत्र सहित सभी कर्मचारियों के लिए मजदूरी, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी बदौलत रोजगार सृजन में सुधारों और नए तरीके और साधनों का क्रियान्वयन किया जा सका है। उन्होेंने जानकारी दी कि देश में पहली बार प्रभावी व्यापार को असान बनाने के लिए श्रमसुविधा पोर्टल की शुरूआत की गई है।
नए कानूनों ने दी मजबूती
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में मोदी सरकार ने बाल श्रम (निषेध और नियमन) संशोधन अधिनियम लागू करके14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम कराने पर पाबंदी ही नहीं लगाई, बल्कि सरकार की योजनाओं के तहत उन्हें स्कूल भेजा जाने लगा है। उन्होंने मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम को भी महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा का हथियार बताया और कहा कि इसके तहत महिलाओं को मातृत्व लाभ 12 सप्ताह से 26 सप्ताह कर दिया गया है। जबकि कर्मचारियों ओर श्रमिकों के न्यूनतम वेतन तय करने के लिए वेतन का भुगतान (संशोधन) अधिनियम लागू किया गया, जिसमें नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को मजदूरी का नकद भुगतान या उनके बैंक खाते में जमा करने का सख्त प्रावधान शामिल है। इसी प्रकार कर्मचारी मुआवजा (संशोधन) अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए मौजूदा 5000 रूपये से बढ़ाकर जुर्माने की राशि 50 हजार रुपये की गई है। वहीं बोनस संशोधन अधिनियम के भुगतान की सीमा दस हजार से 21 हजार करने की जानकारी दी। श्रम मंत्री ने कर्मचारियों के हित में औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम के जरिए कर्मचारियों के लिए नियत अवधि रोजगार को बढ़ावा दिया है।
60 लाख के खोले बैंक खाते
केंद्रीय मंत्री दत्तात्रे ने कहा कि मजदूरों के हित में मंत्रालय ने एक अभियान के तहत देशभर में 1.50 लाख शिविरों का आयोजन करके 60 लाख श्रमिकों के बैंक खाते खुलवाए गये। इस अभियान से श्रमिकों की अर्थव्यवस्था पर बेहतर असर हुआ है। इसी प्रकार कर्मचारी बीमा स्कीम में भी 2.03 करोड़ से बढ़कर 3.10 करोड़ श्रमिकों को लाभ मिल रहा है, तो ईपीएफओ की पीएफ स्कीम में भी देशभर में कर्मचारियों और पेंशनधारकों की संख्या बढ़कर 4.5 करोड़ पहुंच गई है।

पीएफ अंशदान का प्रस्ताव
ईपीएफओ के अध्यक्ष डा. वीपी जॉय ने इस मौके पर कहा कि नियोक्ताओं की ओर से कर्मचारियों के पीएफ के मासिक अंशदान में दो प्रतिशत की कटौती करने का प्रस्ताव आया, लेकिन कर्मचारियों के हितों को देखते हुए दो दिन पहले हुई न्यासी बोर्ड में इसे एक सिरे से खारिज कर दिया गया है। यानि अब नियोक्ता और कर्मचारियों के मूल वेतन का 12-12 फीसदी अंशदान ही पीएम में जमा होगा।
30May-2017

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