गुरुवार, 4 मई 2017

एकीकृत परिवहन प्रणाली पर एकजुट हुए मंत्रालय

योजना को लेकर शिखर सम्मेलन में शुरू हुआ मंथन
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में एकीकृत परिवहन प्रणाली को लागू करने के लिए सड़क, जहाजरानी, नागर विमानन और रेल मंत्रालय एकजुट नजर आए। यहां चल रहे भारत एकीकृत परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स शिखर सम्मेलन में केंद्र के संबन्धित मंत्रालयों और विशेषज्ञों के बीच विस्तार से मंथन किया गया।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को तीन दिवसीय भारत एकीकृत परिवहन और लॉजिस्टिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि देश में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम लागू करने का मकसद है कि देश में ‘अंत्योदय’ या समाज में सबसे कमजोर व्यक्ति की पहुंंच को आसान बनाया जाए। इसके लिए सुरक्षित यातायात को बहाल करना सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए गडकरी ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ऐसी कल्याणकारी योजनाओं के जरिए मौज्ूदा करीब 7.5 प्रतिशत जीडीपी में दो अंकों की वृद्धि दर हासिल की जा सकेगी। गडकरी ने कहा कि ऐसा करके विकास को प्रोत्साहन देने की भी आवश्यकता है। यदि हम देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और देश को टिकाऊ और संतुलित विकास सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो हमें तत्काल विश्व स्तर पर तुलनात्मक दरों पर हमारी लॉजिस्टिक लागत को कम करने पर ज्यादा ध्यान देना होगा। देश में मल्टीमॉडल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच रचनात्मक संवाद की सुविधा के उद्देश्य से आईआईटीएलएस का आयोजन किया गया है।
पहली बार एकजुट मंत्रालय
देश में शायद यह पहला मौका है जब सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन, नागर विमानन, रेलवे, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, कौशल विकास, वाणिज्य, शहरी विकास, वित्त, विभिन्न राज्य सरकारों और उद्योग और बुनियादी ढांचे के विशेषज्ञ मंत्रालय एक साथ मिलकर एकीकृत परियोजनाओं पर मंथन करके एकजुटता का संदेश दे दहे हैं। मसलन विभिन्न जुड़े मुद्दे पर जान बूझकर और भारत में लॉजिस्टिक्स और परिवहन परिदृश्य के परिवर्तन के बारे में चर्चा करने के लिए रूपरेखाओं पर चर्चा की गई। गौरतलब है कि सागरमल कार्यक्रम के साथ पोर्ट रेल कनेक्टिविटी भी बेहतर और अधिक कुशल बन रही है। देश में परिवहन व्यवस्था वास्तव में कुशल बनाने के लिए सभी मंत्रालयों ने एकीकृत, निर्बाध, बहुआयामी विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया।

कारगर होगी एकीकृत योजना
गडकरी ने कहा कि देश में उच्च लॉजिस्टिक लागत को एक एकीकृत तरीके से ही कम करना संभव है। परिवहन के विभिन्न तरीकों के विकास में समेकित, बहुआयामी परिवहन योजना से परिवहन व्यवस्थ में आमूलचूल परिवर्तन की संभावनाएं हैं, जिसमें कुशल, तेज, सुरक्षित, आयात प्रतिस्थापन, लागत प्रभावी और प्रदूषण मुक्त परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सकता है। वहीं रेलवे के मंत्री सुरेश प्रभु ने माना कि रेलवे, विमानन, सड़कों और जहाजों जैसे विभिन्न परिवहन क्षेत्र हाल के वर्षों में बहुत विकास और विकास देख रहे हैं। रेलवे ने अपने निवेश को बढ़ाया और मार्गों के विघटन और विद्युतीकरण युद्ध के स्तर पर किया जा रहा है। एक एकीकृत परिवहन प्रणाली के विकास में शामिल किए जाने वाले प्रयासों में सभी परिवहन प्रणालियों को एकीकृत करने की एक तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि जीएसटी, व्यापार और व्यापार के कार्यान्वयन के साथ बहुत तेज दर से विकास होगा।
हवाई यातायात में वृद्धि
शिखर सम्मेलन में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री पी अशोक गजपति राजू ने कहा कि भारत ने पिछले दो से तीन वर्षों में वायु यातायात और बुनियादी ढांचे के बेहतर वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि एयर कार्गो उद्योग अगले कुछ वर्षों में लगभग 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। उन्होंने माना कि परिस्थितियों को देखते हुए देश में लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण बहुत उपयोगी होगा। इसी प्रकार केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने भी माना कि केंद्र सरकार की एकीकृत योजना की पहल में सड़क, जलमार्ग, वायु और रेल क्षेत्र में प्रभावशाली वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन की खरीद, भंडारण और वितरण के लिए उचित और कुशल लॉजिस्टिक्स तंत्र की आवश्यकता है, ताकि रिसावों को प्लग किया जा सके, अनाज और अन्य विनाशकारी वस्तुओं की सड़ांध से बचें और उत्पाद के समय पर परिवहन को बाजार में ले जा सके।
05May-2017

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