शुक्रवार, 5 मई 2017

एकीकृत परिवहन व लॉजिस्टिक्स का खुला रास्ता

बुनियादी ढांचे में जीएसटी की होगी अहम भूमिकाओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के विकास के एजेंडे के तहत लॉजिस्टिक लागत कम करते हुए देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए देशभर से विभिन्न राज्यों के साथ दो लाख करोड़ रुपये के निवेश के 34 समझौते किये गये हैं। इसका मकसद देश में एकीकृत परिवहन प्रणाली को लागू करना है, जिसमें जल, थल, वायु और रेल और अन्य लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों को एकजुटता के साथ विकसित किया जाएगा।
यहां विज्ञान भवन में संपन्न हुए तीन दिवसीय भारतीय एकीकृत परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान संबन्धित विषय पर प्रदर्शियों का आयोजन भी किया गया और राज्यों के साथ मिलकर इस दिशा में करीब 2 लाख करोड़ रुपये के 34 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। इस शिखर सम्मेलन में देश-विदेश के लगभग 3000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें केन्द्र एवं राज्यों के सरकारी संगठनों और विश्व बैंक एवं एडीबी जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, वैश्विक परिवहन तथा सप्लाई चेन विशेषज्ञ और निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करके विकसित करने की योजनाओं पर गंभीरता के साथ विचार विमर्श किये और सुझावों का आदान-प्रदान भी हुआ। सम्मेलन के समापन सत्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यदि हम आर्थिक विकास दर को दहाई अंकों में ले जाने के साथ हीसमाज के सबसे कमजोर तबकों का कल्याण भी सुनिश्चित करना चाहते हैं तो देश में लॉजिस्टिक्स लागत को घटाकर उसे वैश्विक दरों के बराबर करना अत्यंत जरूरी है। मंत्रालय ने इस अवसर पर सोलर टोल प्लाजा डिजाइन करने के लिए आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किये।

इन राज्यों ने दिखाई रूचि
शिखर सम्मेलन के दौरान बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं मणिपुर में बंदरगाह कनेक्टिविटी व एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी), त्रिपुरा, असम एवं मिजोरम में भूमि बंदरगाह तक पहुंच, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, असम, गुजरात एवं मिजोरम में लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास, मुम्बई, बेंगलुरू व हरियाणा में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास एवं विस्तारीकरण, लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश अवसरों की तलाश करने, अंतर्देशीय जलमार्गों के तलकर्षण, सागरमाला के अंतर्गत 79 बंदरगाह कनेक्टिविटी परियोजनाओं के क्रियान्वयन, चेन्नई एवं विशाखापत्तनम पोर्ट तक जाने वाली बंदरगाह सड़कों के विकास और नवी मुम्बई में हवाई अड्डे तक कनेक्टिविटी इत्यादि के लिए इन एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इनमें से कुछ एमओयू सरकारी एजेंसियों के बीच हस्ताक्षरित किये गये हैं, जबकि कई एमओयू सरकार एवं कंपनियों के बीच तथा अन्य एमओयू विभिन्न कंपनियों के बीच हुए हैं।
06May-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें