शनिवार, 4 मार्च 2017

नतीजे बताएंगे कितनी अमीर व दागी होगी यूपी विधानसभा!

ईवीएम में कैद हो चुके हैं 1326 अमीर व 744 दागी प्रत्याशी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश की विधानसभा के लिए आज शनिवार को संपन्न हुए छठे चरण तक यूपी की 403 में से 362 सीटों पर संपन्न हुए चुनाव में ईवीएम में अपनी किस्मत कैद करा चुके 4308 प्रत्याशियों में 2070 यानि 48.05 फीसदी आपराधिक पृष्ठभूमि और धनकुबेर प्रत्याशी भी शामिल हैं। हालांकि 11 मार्च को आने वाले नतीजों के बाद ही तय होगा कि यूपी विधानसभा कितनी अमीर और दागी मोहरों से सजेगी।
उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार से सियासी दलों ने अमीरों और दागियों पर चुनावी दांव लगाया है उससे ऐसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि 17वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा में अमीरों और दागियों की संख्या बढ़ सकती है। 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में अब केवल 41 सीटों पर चुनाव होना बाकी है, जबकि 362 यानि 89.83 फीसदी सीटों पर अब तक छह चरणों में कुल 4308 उम्मीदवार अपनी किस्मत ईवीएम में कैद करा चुके हैं। इनमें प्रमुख दलों भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद, सीपीआई, सीपीआईएम, राकांपा के प्रत्याशियों के अलावा 1288 यानि 35.65 फीसदी प्रत्याशियों ने पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों के बैनर पर चुनाव लड़ने वाले भी शामिल है। जबकि इन छह चरणों में 1320 यानि 30.64 फीसदी निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी दांव खेल चुके हैं। ईवीएम में अपना भविष्य कैद करा चुके उम्मीदवारों में 428 यानि 9.94 फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं।
किसी ने इनसे नहीं किया परहेज
यूपी में जिस प्रकार से सियासी महासंग्राम चल रहा है उसमें किसी भी दल ने अमीर और दागी प्रत्याशियों पर दांव खेलने से कोई परहेज नहीं किया। भले ही सभी प्रमुख दल एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के बहाने गरीबों और कानून व्यवस्था दुरस्त करने का दावा ही क्यों न करते आ रहे हैं। मसलन हमाम में सभी नंगे वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए इस बार अमीरों व दागियों के सहारे सत्ता तक पहुंचने का ही प्रयास है कि अब तक छह चरणों के चुनाव में शामिल रहे प्रत्याशियों में 744 यानि करीब 18 फीसदी दागियों और 1326 यानि 31 फीसदी अमीरों पर सियासी दांव लगाया जाचुका है। यानि ईवीएम में अपनी किस्मत कैद करा चुके दागी 744 प्रत्याशियों में से संगीन मामलों में लिप्त करीब 82 फीसदी यानि 609 उम्मीदवार भी शामिल हैं, हालांकि दागियों में आधे भी जीतते हैं तो उत्तर प्रदेश का भविष्य किस दिशा में जाएगा यह वक्त ही बता सकेगा।
दागियों का ऐसे बढ़ा ग्राफ
उत्तर प्रदेश में पिछले चुनाव में 16वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में 403 सीटों पर विभिन्न दलों ने 759 दागियों पर दांव खेला था, जिनमें से सपा के 111 समेत कुल 189 अपराधिक छवि वाले विधायक निर्वाचित हुए थे। इस बार अभी तक छह चरणों की 362 सीटों पर 744 दागी उम्मीदवार अपनी किस्मत ईवीएम में कैद करा चुके हैं, जिनमें 609 यानि करीब 82 फीसदी तो ऐसे दागी हैं जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण जैसे संगीन मामलों में मुकदमें दर्ज हैं। मसलन आज शनिवार को 49 सीटों पर हुए चुनाव समेत अब तक छह चरणों में 362 सीटों के लिए ईवीएम में अपनी तकदीर कैद करा चुके 4308 प्रत्याशियों में ऐसे दागी उम्मीदवार भी शामिल हैं। खासबात है कि इनमें सबसे ज्यादा 133 दागी नेताओं को बसपा ने टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने 124, सपा ने 94, रालोद ने 52, कांग्रेस ने 31 दागियों को गले लगाया है। वहीं 129 दागी निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ चुके हैं।

दागियों से ज्यादा धनकुबेर
उत्तर प्रदेश की विधानसभा के लिए अभी तक छह चरणों के संपन्न हुए चुनावों में सियासी दलों ने 1326 यानि करीब 31 फीसदी करोड़पति प्रत्याशियों पर दांव खेला है। पहले चरण में 73 सीटों पर 839 उम्मीदवारों में से 302 यानि 36 फीसदी, तो दूसरे चरण के चुनाव में भी 721 प्रत्याशियों में 36 फीसदी यानि 256 करोड़पति, तीसरे चरण में 826 में से 250, चौथे चरण के चुनाव में 680 में से 189 तथा पांचवे चरण में 607 में 168 करोड़पति और आज संपन्न हुए छठे चरण में 635 में से 160 यानि 25 फीसदी अमीर प्रत्याशी चुनावी चुनावी जंग में अपनी तकदीर लिखा चुके हैं। इन छह चरणों के चुनाव में बसपा ने सबसे ज्यादा 303, भाजपा ने 279, सपा ने 222, रालोद ने 92 व कांगे्रस ने 68 धनकुबेरों पर अपना सियासी दांव चलाया है। जबकि 165 करोड़पति प्रत्याशी निर्दलीय रूप से चुनावी जंग लड़कर यूपी विधानसभा में दाखिल होने का सपना संजोय हुए है।
शिक्षित उम्मीदवार
अब तक यूपी की 362 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में सबसे ज्यादा 2054 यानि 48 फीसदी प्रत्याशी स्नातक और उससे ज्यादा शैक्षित योग्यता वाले ईवीएम में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। जबकि 1762 यानि 41 प्रतिशत पांचवी से 12वीं तक पढ़े लिखे हैं। यही नहीं इन छह चरणों में 54 प्रत्याशी तो ऐसे अनपढ़ हैं जिन्हें अक्षर तक का ज्ञान नहीं है, जबकि 312 साक्षर सामने आए हैं। मौजूदा विधानसभा में 92 विधायक स्नातक, 76-76 विधायक पोस्ट ग्रजुएट व 12वीं पास हैं, पेशवर स्नातकों की संख्या भी 63 है। इसके जबकि आठ डॉक्टरेट की उपाधि वाले विधायक भी हैं। यही नहीं 14 साक्षर और चार अनपढ़ विधायक भी पिछले चुनाव में निर्वाचित हुए थे।
05Mar-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें