मंगलवार, 21 मार्च 2017

संसद में मातृत्व लाभ विधेयक पर लगी मुहर

अब मिलेगा 26 हμते का मातृत्व अवकाश
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में अब मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़कर 26 सप्ताह करने के प्रस्ताव वाले मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा के बाद सोमवार को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई है। यह विधेयक पिछेल साल अगस्त में राज्यसभा में पारित किया गया था, जिसमें संशोधन किया गया है।
राज्यसभा में इस विधेयक के पारित होने से पहले लोकसभा में पारित किया जा चुका है, लेकिन कुछ तकनीकी संशोधनों के कारण इस विधेयक को दोबारा उच्च सदन में पारित कराया गया है। यह पुष्टि करते हुए सदन में उपसभापति प्रो. पी. जे. कुरियन ने भी की। सदन में सोमवार को इस विधेयक को तकनीकी संशोधन के साथ ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया गया। अब इस विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर लगना बाकी है।
क्या है विधेयक के प्रावधान
देश में मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक उन महिलाओं को भी 12 सप्ताह का अवकाश प्रदान करता है, जो तीन माह से कम उम्र के बच्चों को गोद लेती हैं या सरोगेसी से जन्म लेने वाले बच्चों का लालन-पालन करती हैं। ऐसे मामलों में मातृत्व अवकाश की अवधि उस दिन से जोड़ी जाएगी, जिस दिन बच्चे को गोद लेने वाली मां को सौंपा जाएगा। यह विधेयक अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कन्वेंशन 183 के अनुमोदन का मार्ग को भी प्रशस्त करता है, जो महिलाओं के लिए 14 सप्ताह के मातृत्व अवकाश का प्रावधान को भी पूरा करेगा। यह बच्चों का लालन-पालन करने वाली माताओं के लिए 'घर से काम' की सुविधा भी प्रदान करता है। वहीं उन प्रतिष्ठानों में शिशु-सदन (क्रेच) सुविधा की व्यवस्था किए जाने को भी आवश्यक बनाता है।
21Mar-2017

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