सोमवार, 20 मार्च 2017

दलबदलुओं से सराबोर हुआ योगी मंत्रिमंडल

भाजपा का दामन थामना बना सियासी वरदान
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश की सत्रहवीं विधानसभा के चुनावों में भाजपा ने दलबदलुओं पर जो दांव खेला था, उसके लिए भाजपा खरी उतरी और उसी का नतीजा है कि ऐसे विधायकों को योगी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है जिन्होंने चुनाव से पहले हीभाजपा का दामन थामा था।
शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में गठित मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में दूसरे दलों के इन कद्दावर नेताओं को जगह दी गई है। उत्तर प्रदेश में बनी भाजपा सरकार में बसपा छोड़कर भाजपा में स्वामी प्रसाद मौर्य, बजेश पाठक, दारा सिंह, प्रो. एसपी सिंह बघेल के अलावा कांग्रेस छोड़कर भाजपा के टिकट से जीती रीता बहुगुणा जोशी जैसे चेहरों के अलावा अन्य दलों से भाजपा में आए नेताओं को भी योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मसलन ऐसे दलबदलू नेताओं के लिए भाजपा का दामन थामकर चुनाव लड़ना सियासी फायदे का सौदा रहा है।
प्रमुख दलबदलू नेता
योगी मंत्रिमंडल में शामिल हुए ऐसे प्रमुख चेहरों में स्वामी प्रसाद मौर्य पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे, जो बसपा प्रमुख मायावती की करीबी नेता माने जाते रहे हैं। बसपा के सांसद रह चुके दारा सिंह चौहान ने भी भाजपा के टिकट से चुनाव जीता और कैबिनेट मंत्री बन गये। इसी प्रकार बसपा छोड़कर आए ब्रजेश पाठक, लक्ष्मी नारायण चौधरी, एस.पी. सिंह बघेल, अनिल राजभर ने भाजपा में शामिल होकर चुनाव जीता। एसपी बघेल इनमें सबसे पहले भाजपा में शामिल हुए थे, जिन्हें भाजपा के राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का अध्यक्ष भी बनाया गया था। सबसे चौंकाने वालों में कांग्रेस की यूपी में प्रदेशाध्यक्ष रही रीता बहुगुणा जोशी चुनाव के ऐन मौके पर भाजपा में आई और लखनऊ कैंट सीट पर मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अर्पणा यादव को हराकर अपना दबदबा बनाया और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी। कांग्रेस के ही नंद गोपाल कुमार नंदन ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल कर योगी कैबिनेट में जगह बनाई है।
20Mar-2017

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