गुरुवार, 16 मार्च 2017

देश में जल्द आएगी नई परिवहन नीति!



मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स लागत कम पर रहेगा बल
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश की परिवहन नीति में व्यापक बदलाव करके सुरक्षित यातायात व्यवस्था लागू करने में जुटी मोदी सरकार जल्द ही एक एकीकृत परिवहन नीति लाने की तैयारी में है। सरकार का इस नीति के जरिए जहां देश में लॉजिस्टिक लागत को आधा करना है, वहीं देश में हो रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाना होगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने ऐसे संकेत देते हुए कहा कि सरकार एकीकृत, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स और परिवहन नीति तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। इस नीति से देश में लॉजिस्टिक लागत लगभग आधी कम हो जाएगी और भारतीय उत्पाद अधिक स्पर्धी हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान ‘प्वाइंट टू प्वाइंट’ के स्थान पर लॉजिस्टिक क्षेत्र के लिए ‘हब एंड स्पोक’ नीति अपनाई जाएगी। इसी नीति में देश में बढ़ रहे सड़क हादसों में कमी लाने के उपायों को लागू करने का भी प्रस्ताव शामिल है। हालांकि सरकार ने 2020 तक सड़क हादसों में 50 फीसदी कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। सरकार के इस कदम से अर्थव्यवस्था में सप्लाई चेन लागत में 5 से 6 प्रतिशत की कमी आएगी। लॉजिस्टिक्स पार्कों से शीर्ष 15 नोड के लिए परिवहन लागत में 10 प्रतिशत की कमी लाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त प्रदूषण कम होगा। कम जाम लगेगा और भंडारण लागत कम होगी।
कैसी होगी एकीकृत परिवहन नीति
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार की एकीकृत नीति में 50 आर्थिक गलियारों को बनाना तथा माल ढुलाई की समग्र क्षमता में सुधार के लिए फीडर तथा अंतर-गलियारा मार्गों को उन्नत बनाना शामिल है। योजना में 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित किये जाएंगे। ऐसे पार्क माल एकत्रीकरण, मल्टी मॉडल परिवहन, भंडारण तथा मूल्यवर्द्धित सेवाओं के लिए केन्द्र के रूप में काम करेंगे। इसके अलावा 10 इंटर मॉडल स्टेशन बनाने की योजना हैं। यह स्टेशन रेल, सड़क, रैपिड ट्राजिट प्रणाली, बस रैपिड ट्राजिट (बीआरटी), आॅटो रिक्शा, टैक्सी तथा निजी वाहनों जैसे विभिन्न परिवहन मॉडलों को एकीकृत करेंगे।
जाम मुक्त होंगे शहर
इस परिवहन नीति के तहत देश में करीब 56 हजार किलोमीटर के समग्र नेटवर्क को चिन्हित किया जा चुका है, जिसमें मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग (स्वर्ण चतुष्कोणीय तथा उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम गलियारा), प्रस्ताविक आर्थिक गलियारे, अंतर गलियारा मार्ग तथा फीडर मार्ग भी शामिल हैं। इन मार्गों पर बसे ऐसे 191 शहरों की पहचान की गई हैं, जहां भीड़भाड़ और जाम को कम करने के इंतजाम होंगे। इसमें अंतर-राज्य सीमा आवाजाही से संबंधित प्रलेखन और प्रक्रिया को सरल बनाने का भी प्रस्ताव है। इस नीति के तहत लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास के लिए चेन्नई और विजयवाड़ा को चिन्हित किया गया है। इन दो शहरों में संभावना पूर्व अध्ययन तत्काल आधार पर शुरू किया जाएगा। इस नीति के सहारे जहां सड़कों पर जाम कम होने से प्रदूषण स्तर में कमी आएगी, वहीं उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार सृजन होगा।

सम्मेलन में होगा मंथन
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने बताया कि इस एकीकृत परिवहन नीति को पटरी पर उतारने के लिए आगामी तीन से पांच मई तक ‘भारत एकीकृत परिवहन और लॉजिस्टिक्स सम्मेलन’ आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन के दौरान सड़क, रेल, विमानन, शहरी नियोजन जैसे सरकार के विभिन्न हितधारकों, निजी क्षेत्र के अवसंरचना विकासकतार्ओं और वैश्विक विशेषज्ञों के साथ मंथन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में परिवर्तन केवल एकीकृत प्रणाली के आधार पर ही संभव है। सम्मेलन में 50 भारतीय और वैश्विक उद्योग के नेतृत्वकर्ता निम्नलिखित विषयों पर आयोजित होने वाले सत्रों में शामिल होंगे।
ये होंगी विशेषताएं
-आर्थिक विकास के लिए सड़क माल ढुलाई गलियारा।
-सार्वजनिक निजी साझेदारी : मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क।
-जीएसटी: बदलते लॉजिस्टिक्स मॉडल।
-नई संभावनाएं: अन्तदेर्शीय जलमार्ग तथा तटीय जहाजरानी।
-गेटवे : जाम, क्लीयरेंस, आवाजाही, समय और डिजिटीकरण की भूमिका।
-सप्लाई चेन परिवर्तन: भंडारण नवाचार।
-मानक तथा लॉजिस्टिक्स के लिए कौशल।
-शहरी परिवहन : नये विकास।
17Mar-2017

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