रविवार, 12 मार्च 2017

अखिलेश के इतिहास रचने के सपने चकनाचूर!

यूपी में अब तक लगातार दोबरा नहीं बन सका कोई मुख्यमंत्री
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में फिर से सत्ता काबिज करने के इरादे से सत्तारूढ सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता एवं सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल से भी पंगा लिया और कांग्रेस के साथ गठबंधन भी किया, लेकिन यूपी के दोबारा से मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रचने के संजाये सपनों को मोदी लहर ने चकनाचूर कर दिया।
दरअसल यूपी के इतिहास में आज तक उत्तर प्रदेश में कोई भी मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाया है। ऐसे ही नये इतिहास को रचने के लिए अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले शुरू की रणनीतियों के तहत चुनाव समाप्त होने तक न जाने कितने प्रयोग किये। इसके लिए उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल से पंगा लेकर परिवारिक विवाद को भी सुर्खिंयों में लाने का काम किया, जो देश की राजनीति में सुर्खियों में रहा। शायद सपा की अंतर्कलह के बीच चले दंगल में अखिलेश को देश की सियासत का चेहरे के रूप में लाने की रणनीति मानी जा रही थी। इसके बाद विकास के नाम पर जिस प्रकार जनता के सामने रिपोर्ट कार्ड पेश किया उस पर भी शायद अखिलेश को विश्वास नहीं था, तो हर हालत में प्रदेश में फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी की खातिर ऐसी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करके उपाध्यक्ष राहुल गांधी से कंधा से कंधा मिलाकर चुनाव प्रचार अभियान चलाया,जो पहले से ही यूपी में सियासी जमीन तलाश रही थी। इसके बावजूद अखिलेश ऐसा इतिहास रचने से कोसो दूर पिछड़ते नजर आए, जिसका कारण बना मोदी मैजिक। हालांकि यह इस सूबे की परंपरा में भी है कि कोई नेता एक बार मुख्यमंत्री बना तो लगातार उसे यह पद नसीब नहीं हुआ, भले ही वे फिर कभी सीएम बन गया हो। कुछ लोग इस परंपरा को अंधविश्वास भी मानते हैं।
जहां तक यूपी की सत्ता का सवाल है उसमें सूबे के पहले मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत से लेकर अखिलेश यादव तक कोई भी लगातार दो बार सत्तासीन नहीं रहा है। गौरतलब है कि यूपी में अब तक 20 मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनके अतरिक्त, तीन लोग राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री रहे, जिनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा है। वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 15 मार्च 2012 से इस पद पर आसीन हुए थे।

दस बार रहा राष्ट्रपति शासन
पहली विधानसभा (1952-57) में गोविंद वल्लभ पंत मुख्यमंत्री बने। दूसरी विधानसभा (1957-62) में सम्पूणार्नंद, इसके बाद चंद्रभानु गुप्ता, सुचेता कृपलानी, चंद्रभानु गुप्ता,चरण सिंह, चंद्रभानु गुप्ता, चरण सिंह, त्रिभुवन नारायण सिंह,कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, राम नरेश यादव, बनारसी दास, विश्वनाथ प्रताप सिंह,श्रीपति मिश्र, नारायणदत्त तिवारी, वीर बहादुर सिंह, नारायणदत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव, मायावती, राष्ट्रपति शासन, मायावती, कल्याण सिंह,रामप्रकाश गुप्त, राजनाथ सिंह, मायावती, मुलायम सिंह यादव, मायावती, अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पद संभाला। इस दौरान यूपी में दस बार राष्ट्रपति शासन भी लागू रहा है।
12Mar-2017

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