बुधवार, 29 मार्च 2017

आखिर बिजली का शुद्ध निर्यातक बना भारत!

पहले पडोसी देशों को निर्यात करेगा बिजली
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
मोदी सरकार के कार्यकाल में आखिर भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। मसलन भारत पहली बार बिजली का शुद्ध निर्यातक देश बन गया है, जो पडोसी राज्यों को बिजली निर्यात करेगा।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि भारत पहली बार अप्रैल-फरवरी के दौरान बिजली का शुद्ध निर्यातक बना है। मंत्रालय से जारी एक बयान पर गौर करें तो केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार भारत पहली बार बिजली के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बना है जिसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2016-17 (अप्रैल-फरवरी) के दौरान भारत ने 579.8 करोड़ यूनिट बिजली नेपाल, बांग्लादेश तथा म्यांमार को निर्यात की है। यह भूटान से आयातित करीब 558.5 करोड़ यूनिट बिजली से 21.2 करोड़ यूनिट अधिक है। नेपाल और बांग्लादेश को किया गया निर्यात पिछले तीन साल में क्रमश 2.5 और 2.8 गुना बढ़ा है। गौरतलब है कि भारत की छवि बिजली की स्थिति को लेकर खासा अच्छी नहीं रही, लेकिन देश में बिजली उत्पादन बढ़ने के कारण आज भारत बिजली का निर्यातक बन चुका है। गौरतलब है कि भारत की छवि बिजली की स्थिति को लेकर खासा अच्छी नहीं रही, लेकिन आज भारत बिजली का निर्यातक बन चुका है। बीते कुछ सालों में भारत ने पावर जेनरेशन में भारी निवेश किए हैं। वहीं कोयला से बिजली बनाने में भी भारत को काफी फायदा बीते दो सालों में पहुंचा है।
बदला बिजली का व्यापार
सूत्रों के अनुसार वर्ष 1980 के मध्य से सीमा पार बिजली का व्यापार शुरू हुआ और उस समय से भारत ने भूटान से बिजली का आयात करने का सिलसिला जारी रखा। वहीं नेपाल बिहार और उत्तर प्रदेश से 33 केवी और 132 केवी रेडियल मोड में नेपाल को मामूली विद्युत का निर्यात करता रहा है। वहीं भूटान औसत रूप में भारत को 500-550 करोड़ यूनिट विद्युत की आपूर्ति करता रहा है। भारत नेपाल को 11 केवी, 33 केवी और 132 केवी लेवल पर 12 हजार से अधिक सीमापार इंटर कनेक्शनों के लिए करीब 190 मेगावाट विद्युत का निर्यात भी करता रहा है। 2016 में 400 केवी लाइन क्षमता (132 केवी क्षमता के साथ संचालित) मुजμफरपुर (भारत)-धालखेबर (नेपाल) के चालू हो जाने के बाद नेपाल को विद्युत निर्यात में करीब 145 मेगावाट का इजाफा हुआ।
बांग्लादेश को भी निर्यात
भारत से बांग्लादेश को किए जाने वाले विद्युत निर्यात में उस समय वृद्धि हुई, जब सितम्बर 2013 में 400 केवी क्षमता का पहला सीमा पार इंटर-कनेक्शन चालू हुआ। इसी तरह भारत में सुर्जामणिनगर (त्रिपुरा) और बांग्लादेश में दक्षिण कोम्मिल्ला के बीच दूसरा सीमा पार इंटर-कनेक्शन चालू होने के बाद भारत के निर्यात में और बढ़ोतरी हुई। 132 केवी काटिया (बिहार), कुसाहा (नेपाल) और 132 केवी रक्सौल (बिहार),पावार्णीपुर (नेपाल) सीमा पार इंटर-कनेक्शन चालू हो जाने के बाद नेपाल को किए जाने वाले विद्युत निर्यात में करीब 145 मेगावाट की वृद्धि होने का अनुमान है। पड़ोसी देशों के साथ कुछ और सीमा पार सम्पर्क स्थापित किए जा रहे हैं, जिनसे भारत के विद्युत निर्यात में इजाफा होगा।

प्रदूषण कम करने की कवायद
वहीं बता दें कि बीते फरवरी महीने में एनजीटी ने बिजली और तेल कंपनियों से जवाब मांगा था। ई-कचरा जलाने व उसे गंगा में डालने पर कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने खतरनाक कचरे का भंडारण करने वाली विद्युत कंपनियों और हवा में जहर घोल रहे डीजल वाहनों व तेल कंपनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी की थी।
30Mar-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें