शनिवार, 4 मार्च 2017

यूपी: छठे चरण में 94 फीसदी पढ़े-लिखे प्रत्याशी

सियासी दलों ने दागियों व धनकुबेरों को दी तरजीह 
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में चुनावी जंग लड़ रहे 635 प्रत्याशियों में 94 फीसदी पढें लिखे हैं, जिनमें 53 फीसदी गे्रज्युएट 36 फीसदी प्रत्याशी उससे कम शिक्षित हैं। वहीं 20 फीसदी आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े हैं तो 25 फीसदी उम्मीदवार धनकुबेरों की फेहरिस्त में शामिल हैं। इस चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र वाले 33 फीसदी उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
देश की निर्माण के भाग्य विधाता मानी जाने वाली भारतीय राजनीति के लिए कोई शैक्षिक योग्यता तय नहीं है, जिसका नतीजा एक अनपढ़ नेता भी भारतीय सेवा में उच्चाधिकारियों पर राज करते हैं। ऐसे ही लचीले कानूनों का कारण है कि यूपी विधानसभ्‍ाा की 403 सीटों में पहले छह चरण की 362 सीटों पर चुनावी जंग में आए कुल 4308 प्रत्याशियों में करीब 9 फीसदी यानि 366 ऐसे चुनावी दंगल में दांव लगा रहे हैं, जिन्होंने स्कूल में कभी कदम नहीं रखा होगा, हालांकि इनमें करीब 83 फीसदी साक्षर जरूर हैं। इन छह चरणों में 2054 यानि 48 फीसदी ग्रेजुएट और उससे ज्यादा उच्च शिक्षित हैं, जबकि 1762 यानि 41 फीसदी पांचवी से इंटरमिडिएट तक शिक्षित हैं।
छठे चरण में कितने शिक्षित
यूपी के छठे चरण में 4 मार्च को पूर्वांचल के सात जिलों की 49 सीटों पर हाने वाले चुनाव में छह राष्टÑीय, 5 क्षेत्रीय, 67 गैर मान्यता प्राप्त दलों के अलावा 175 निर्दलीय समेत दांव पर अपनी किस्मत लगाने वाले 635 प्रत्याशियों की कुंडली खंगालने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिर्फाेम्स द्वारा विश्लेषण किया गया। इस विश्लेषण रिपोर्ट के मुताबिक 338 यानि 53 फीसदी स्नातक और उससे ज्यादा उच्च शिक्षित प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जबकि 229 यानि 36 फीसदी पांच से 12वीं तक पढ़े लिखे हैं। इस चरण में 39 प्रत्याशी साक्षर हैं, जिनमें तीन को कतई अक्षर का ज्ञान नहीं है। इस चरण में एक भाजपा, एक रालोद व दो सपा प्रत्याशी पीएचडी धारक भी हैं।
दागियों पर सभी ने खेला दांव
यूपी चुनाव के छठे चरण में जिन 126 यानि 20 फीसदी आपराधिक प्रवृत्ति वाले प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला होना हैं, उनमें 17 फीसदी यानि 109 नेता ऐसे हैं,जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, बलात्कार, अपहरण, अवैध वसूली जैसे संगीन अपराध करने के आरोपों में मामले अदालतों में विचाराधीन हैं। इन दागी प्रत्याशियों की फेहरिस्त में 49 में से सबसे ज्यादा 24 प्रत्याशियों के साथ बसपा पहले पायदान पर है, जबकि दूसरे नंबर पर चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे 175 में से 22 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। जबकि भाजपा ने 45 में 18, सपा ने 40 में 36, रालोद ने 36 में 5 और कांग्रेस ने 10 में तीन और सीपीआई पें 15 में चार दागी प्रत्याशियों पर अपना चुनावी दांव खेला है। जबकि संगीन अपराधिक पृष्ठभूमि वाले 109 में हालांकि सर्वाधिक 21 प्रत्याशी निर्दलीय हैं, लेकिन राजनीतिक दलों में सर्वाधिक बसपा के 20 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस श्रेणी के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने के लिए भाजपा ने 16, सपा ने 12, रालोद ने 5 तथा कांग्रेस ने दो  नेताओं को अपने-अपने टिकट पर चुनाव लड़ा रही है। खास बात यह है कि संगीन अपराध वाले प्रत्याशियों में 9 पर हत्या, 23 पर हत्या का प्रयास, दो पर महिलाओं के प्रति अपराध और एक प्रत्याशी के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज हैं।
अमीरों की सियासत
उत्तर प्रदेश की विधानसभा में दाखिल होने के लिए करोड़पतियों ने भी चुनावी दंगल में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। छठे चरण में पूर्वांचल के 7 जिलों की 49 सीटों पर 635 उम्मीदवारों में से 160 यानि 25 फीसदी धनकुबेरों को सियासी दलों ने चुनावी जंग में उतारा है। इनमें बसपा ने सबसे ज्यादा 35, भाजपा ने 33, सपा ने 28, रालोद ने 8 व कांगे्रस ने 6 धनकुबेरों को प्रत्याशी बनाया। जबकि 23 निर्दलीय प्रत्याशियों की फेहरिस्त में शामिल हैें।
युवा उम्मीदवारों को तरजीह
चार मार्च को छठे चरण के चुनाव में उतरे 635 प्रत्याशियों में 426 यानि 67 फीसदी की आयु 25 से 50 साल के बीच है, जबकि 205 यानि 32 फीसदी उम्मीदवारों की उम्र 51 से 80 साल तक है। मसलन सबसे ज्यादा 192 प्रत्याशी 31 से 40 साल के हैं, जबकि 41 से 50 साल के 190, 51 से 60 साल के 129, 60 से 70 साल के 62 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इस चरण के चुनाव में सबसे युवा 25 से 30 साल के प्रज्याशियों की संख्या 44 है, तो 71 से 80 साल तक के सबसं बुजुर्ग 14 प्रत्याशी भी इस चुनावी जंग में अपनी किस्मत दांव पर लगाए हुए हैं।
इन जिलों में चुनाव
छठे चरण में सात जिलों की 49 सीटों पर 4 मार्च को वोट डाले जाएंगे। इन सीटों में महाराजगंज की पांच, कुशीनगर की सात, गोरखपुर की नौ, देवरिया की सात, आजमगढ़ की दस, मऊ की चार तथा बलिया की सात सीटें शामिल हैं। पूर्वांचल की इन सीटों के लिए 63 महिलाओं समेत 635 उम्मीदवार चुनावी जंग में हैं, जिसमें बसपा के 49, •ााजपा के 45, सपा के 40, कांग्रेस व राकांपा के 10-10, रालोद के 36 के अलावा सीपीआई के 15 व सीपीएम के चार के अलावा 248 प्रत्याशी गैर मान्यता प्राप्त दलों के हैं। जबकि 174 प्रत्याशियों ने निर्दलीय रूप से किस्मत आजमाने का फैसला किया है।
03Mar-2017

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