मंगलवार, 14 मार्च 2017

देश की सबसे अमीर होगी यूपी विधानसभा!

यूपी की जनता ने अधिकांश दागियों को नकारा
विधानसभा में दाखिल हुए 322 धनकुबेर
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश की सत्रहवीं विधानसभा में अमीर विधायकों का दबदबा कायम होता जा रहा है हालांकि इसके विपरीत प्रदेश की जनता ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिकांश प्रत्याशियों को पसंद नहीं किया, जिसके कारण इस बार दागी विधायकों में कमी आई है। लेकिन 80 फिसदी अमीर विधायक यूपी विधानसभा में दाखिल हो चुके हैं।
देश के सबसे बड़े सूबे उत्त्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा इस बार अमीर विधायकों से सराबोर नजर आएगी, जहां 322 यानि 80 फीसदी धनकुबेर विधायक निर्वाचित हुए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा यूपी विधानसभा के नतीजों के बाद निर्वाचित विधायकों का विश्लेषण करने के बाद यह खुलासा किया है। जबकि इस चुनाव में चुनाव मैदान में उतरे 4853 प्रत्याशियों में 1457 धनकुबरों ने दांव खेला था। करोड़पति विधायकों में सबसे ज्यादा 246 यानि 79 प्रतिशत विधायक भाजपा और सहयोगी दलों के टिकट पर जीतकर आए हैं, जबकि 39 सपा, 18 बसपा, पांच कांग्रेस तथा तीन निर्दलीय विधायक अमीर विधायकों की फेहरिस्त में शामिल हैं। खासबात यह है कि वर्ष 2012 में 271 और 2007 के चुनाव में मात्र 124 करोड़पति विधायक निर्वाचित होकर यूपी विधानसभा में दाखिल हुए थे। मसलन यूपी में अमीर विधायकों की संख्या में लगातार इजाफा देखा गया है। गौरतलब है कि मौजूदा चुनाव में 325 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा गठबंधन ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है, जिसमें भाजपा के 312, अपना दल के नौ तथा भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक निर्वाचित हुए हैं। सपा को 47, कांग्रेस को सात, रालोद, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल को एक-एक सीट पर जीत मिली है, जबकि तीन निर्दलीय प्रत्याशी भी जीतकर विधानसभा में दाखिल हुए हैं।
दागियों का ग्राफ गिरा
यूपी विधानसभा में इस बार मतदाताओं ने दागी प्रत्याशियों को नकारने का साहस दिखाया है। इस चुनाव में 859 आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन 143 यानि 36 फीसदी ही विधानसभा में दाखिल हो सके हैं, जबकि पिछले 2012 के चुनाव में 189 दागी विधायक चुनकर आये थे। इस बार वर्ष 2007 में भी 143 दागियों ने चुनाव जीता था। यूपी की 17वीं विधानसभा में दाखिल हुए 143 दागियों में 107 विधायकों के खिलाफ संगीन मामले विचाराधीन हैं, जिनमें आठ पर हत्या, 34 पर हत्या का प्रयास और एक के खिलाफ महिला के प्रति अपराध का मामला दर्ज है। इन दागी विधायकों में हालांकि सर्वाधिक 114 भाजपा, 14 सपा, पांच बसपा, एक कांग्रेस, और तीनों निर्दलीय विधायक दागी विधायकों की सूची में शामिल हैं। गौरतलब है कि सबसे ज्यादा दागियों को बसपा ने चुनाव लड़ाया और वह तीसरे नंबर पर रही।
मंत्रिमंडल में भी सजेंगी अमीर मोहरे
यूपी चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार अमीर मोहरों से सजेगी, जो जगजाहिर है। हालांकि सबसे अमीर विधायक बसपा के टिकट पर जीतकर आए हैं, जिनमें आजमगढ़ की मुबारक सीट से जीते बसपा विधायक शाह आलम की 118 करोड़ की संपत्ति सार्वजनिक है, जबकि बसपा के ही गोरखपुर की चिल्लूपर सीट के विधायक विनय शंकर की संपत्ति 67 करोड़ रुपये की है, जबकि तीसरे पायदान पर भाजपा की आगरा की बाह सीट से चुनाव जीतकर आई रानी पक्षालिका सिंह हैं, जिन्होंने 58 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। इस बार विधानसभा में करोड़पति विधायकों की औसत संपत्ति 5.92 करोड़ रुपये आंकी गई है।

महिला विधायकों में इजाफा, निर्दलीय आधे
यूपी की 17वीं विधानसभा चुनाव में हालांकि 445 महिलाओं ने ही अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन करीब 10 प्रतिशत भागीदारी करते हुए 40 महिलाओं ने विधानसभा में प्रवेश किया है, जिनमें सबसे ज्यादा 34 भाजपा, दो-दो कांग्रेस व बसपा तथा एक-एक अपना दल व सपा की महिला विधायक शामिल हैं। पिछले 2012 के चुनाव में 583 में से केवल 35 महिलाएं ही विधायक के रूप में निर्वाचित हो सकी थी। बाकी सभी अपनी जमानत बचाने में भी विफल रही। जबकि इस बार चुनाव मैदान में 1459 निर्दलीय प्रत्याशियों में केवल तीन ही अपने बाहुबल के सहारे विधानसभा में पहुंचे हें, जबकि पिछले चुनाव में छह निर्दलीय विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा में पहुंचे थे।
पढ़े-लिखे विधायक बढ़े
चुनावी नतीजों के विश्लेषण के अनुसार यूपी में सर्वाधिक 290 यानि 72 प्रतिशत विधायक स्नातक या उससे अधिक पढ़े लिखे चुने गये हैं, जबकि 25 प्रतिशत विधायक कक्षा आठ से 12वीं कक्षा तक शिक्षित हैं। जबकि पिछली विधानसभा में 76-76 विधायक पोस्ट ग्रजुएट व 12वीं पास विधायक थे। यही नहीं 16वीं विधानसभा में जो साक्षर यानि थोड़ा बहुत लिखना-पढ़ना जानते हैं ऐसे विधायकों की संख्या भी 14 थी और चार अनपढ विधायक भी चुने गये थे।
आधी विधानसभा युवा
इस बार 25 से 50 साल की आयु वाले 201 विधायक निर्वाचित होकर यूपी विधानसभा पहुंचे हैं, जिनमें 41 से 50 साल के बीच सर्वाधिक 131 विधायक शामिल हैं, जबकि 50 से 60 साल के 115, 61 से 70 साल के 73 और 71 से 80 साल के 13 विधायक निर्वाचित हुए हैं।
15Mar-2017

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