उत्तर
प्रदेश की सत्रहवीं विधानसभा के गठन के लिए पूर्वांचल के सात जिलों की 49
सीटों पर कल शनिवार को वोटिंग होगी, जिसमें 63 महिलाओं समेत 635
प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद होनी है। इनमें प्रमुख दलों के
दिग्गज नेताओं के अलावा सत्तारूढ़ दल के कई मंत्री और बाहुबली नेताओं की
प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों
में 313 सीटों पर 3673 उम्मीदवारों का भविष्य पहले ही ईवीएम में कैद हो
चुका है और अब शनिवार को पूर्वांचल के सात जिलों की 49 सीटों पर होने वाली
वोटिंग पर सियासी दलों की नजरें लगी हुई है। जहां 60 महिलाओं समेत 635
प्रत्याशियों में छह राष्ट्रीय और 5 क्षेत्रीय दलों समेत 78 दलों के
प्रत्याशियों के अलावा करीब पौने दो सौ निर्दलीय उम्मीदवार भी वर्चस्व की
सियासत के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पूर्वांचल के पिछले चुनाव के
अनुभवों के आधार पर चुनाव आयोग ने पूर्वांचल में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध
कराने के साथ निष्पक्ष और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सुधार की दिशा में सभी
तैयारियां पूरी कर ली हैं।
इन मंत्रियों व दिग्गजों की दांव पर प्रतिष्ठा
यूपी
के इस छठे चरण के चुनाव में सत्तारूढ़ अखिलेश यादव सरकार के प्रभावशाली
मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, बलराम यादव, राम गोविंद चौधरी, राधे श्याम
सिंह, ब्रह्माशंकर त्रिपाठी की जनता के बीच पैठ व उनके कामकाज का इम्तिहान
भी है। विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय, भाजपा के पूर्व
प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही और बसपा छोड़कर भाजपा में आए स्वामी
प्रसाद मौर्या की भी प्रतिष्ठा भी दांव पर है। गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की
नौ सीटों के लिए भाजपा सांसद और फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ, तो आजमगढ़
जिले की 10 सीटों पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।
इसी प्रकार देवरिया जिले के की 7 सीटों के लिए केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र
की अग्नि परीक्षा होनी है। जबकि मऊ जिलें में परिवार समेत बसपा के पाले
में गये बाहुबली मुख्तार अंसारी सपा के लिए चुनौती बने हुए हैं। यूपी के
पूर्व राज्यपाल राम नरेश यादव के बेटे श्याम बहादुर यादव आजमगढ़ के पवई से
मैदान में है। यही नहीं बसपा के अंबिका चौधरी और नारद राय तथा निर्दलीय
अमरमणि त्रिपाठी की इज्जत भी दांव पर है।
इस चरण के प्रमुख तथ्य
छठे
चरण में सात जिलों की 49 सीटों में महाराजगंज की पांच, कुशीनगर की सात,
गोरखपुर की नौ, देवरिया की सात, आजमगढ़ की दस, मऊ की चार तथा बलिया की सात
सीटें शामिल हैं। शनिवार को जिन 635 उम्मीदवारों की तकदीर का फैसला होना है
के लिए 7806416 महिलाओं और 988 तीसरे लिंगी समेत 17286327 मतदाताओं के
चक्रव्यूह को भेदने की चुनौती होगी। इस चरण में बसपा के 49, भाजपा के 45,
सपा के 40, कांग्रेस व राकांपा के 10-10, रालोद के 36 के अलावा सीपीआई के
15 व सीपीएम के चार के अलावा 248 प्रत्याशी गैर मान्यता प्राप्त दलों के
हैं। जबकि 174 प्रत्याशियों ने निर्दलीय रूप से किस्मत आजमाने का फैसला
किया है। पिछले वर्ष 2012 के चुनाव में इन सीटों में से सपा ने 27, बसपा ने
9, भाजपा ने 7 तथा कांग्रेस ने 4 सीटें जीती थी, जबकि 2 सीटें अन्य के
खाते में गई थीं। इस चरण में वोटिंग के लिए 17926 मतदान केंद्र बनाए गये
हैं, जहां कड़ी सुरक्षा के प्रबंध किये गये हैं। सबसे अधिक उम्मीदवार
गोरखपुर से मैदान में हैं, यहां से कुल 23 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि
सबसे कम उम्मीदवार मऊ की मोहम्मदाबाद गोहना की सीट से हैं, यहां सिर्फ सात
उम्मीदवार मैदान में हैं।
दागी व अमीर पर दांव
छठे चरण में भी
सभी दलों ने दागियों व अमीरों को चुनावी मैदान में उतारा है। इस चरण में
संगीन मामलों में लिप्त 109 नेताओं समेत 126 दागी उम्मीदवार सामने आए हैं।
जबकि 160 धनकुबेर प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। दागियों ओर अमीर
प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हैं। दागियों
के चुनावी जंग में आने के कारण इस चरण में 24 सीटें संवेदनशील घाषित की गई
हैं, जहां तीन और इससे ज्यादा उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले
घोषित किए हैं।
04Mar-2017
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