रेलवे नेटवर्क को विश्व स्तर पर ले जाने की कवायद
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
रेल
मंत्री सुरेश प्रभु के रेल बजट में प्रधानमंत्री के शुरू किये गये मेक इन
इंडिया, डिजीटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान की ऐसी झलके देखने को मिली,
जिनके जरिए रेलवे का कायाकल्प करने का प्रयास है।

संसद में पेश
किये गये रेल बजट-2016-17 में देश को विकास करने वाली प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मिशन की झलक साफतौर से नजर आई, जिसके जरिए रेल मंत्री प्रभु भी
रेलवे के विकास और उसके कायाकल्प करने की योजनाओं को आगे बढ़ाने की राह पर
हैं। रेल मंत्री की प्राथमिकता रेलवे को बेहतर बनाकर वैश्विक स्तर तक ले
जाने की है, जिसके लिए उन्होंने आम आदमी की जेब पर कतई कोई बोझ नहीं ड़ाला,
बल्कि रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने के लिए रेलवे के कायाकल्प की परिकल्पना
के सामने खड़ी चुनौतियों को ‘चलो मिलकर कुछ नया करें’ जैसे स्लोगन के रूप
में यात्रियों की उम्मीदों के पंख के सहारे पार करने का प्रयास है। रेल बजट
पेश करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु का यह कहना कि इसी प्रयास का द्योतक
है कि वह ड्राईविंग सीट पर जरूर हैं, लेकिन उनके साथ देश की पूरी जनता सफर
कर रही है, इसलिए जनता का ख्याल रखने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। इसलिए
टेÑनों में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने, कोच बढ़ाने और ट्रेनों की गति
बढ़ाने के अलावा ई-टिकटिंग, प्लेटफॉर्म टिकट वेंडिंग मशीन, एसएमएस से कोच की
सफाई, हर कोच में इंफॉर्मेशन डिस्पले बोर्ड, बायो-टायलेट, सोलर एनर्जी,
वाई-फाई, रेलवे कोचों में मोबाइल चार्जिंग और स्वच्छ शौचालयों जैसी
सुविधाएं देने का वादे के अलावा रेलवे सुरक्षा में तकनीक प्रणाली से जोडने
के लिए रेलवे को सुधारने की ही कवायद है। वहीं बजट में यात्रयिों की
सुरक्षा खासकर महिलाओं की सुरक्षा को रेलवे की प्राथमिकता करार देते हुए
रेल मंत्री ने के तौर पर रेलवे की द्वारा सभी बड़े स्टेशनों को चरणबद्ध
तरीके से सीसीटीवी सर्विलांस के दायरे में लाने की घोषणा भी यात्रियों की
सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यही नहीं बजट में रेलवे की आर्थिक सहेत
सुधारने के उपायों पर भी जोर दिया गया है, जिसके लिए अंतर्राष्टÑीय और
राज्यों के साथ करार करना भी यही संकेत दे रहा है कि मोदी के विजन के तहत
रेलवे की कायाकल्प करने की तैयारी है।
पीएम मोदी का विजन

रेलवे
के विकास को ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के तहत दो लोकोमोटिव फैक्ट्रियों को
प्रोत्साहित करने के अलावा अन्य संसाधनों को बढ़ाने जैसे कदमों का ऐलान मोदी
विजन को आगे बढ़ाने के संकल्प पूरी तरह सामने नजर आ रहा है, जिसमें रेल
मंत्री ने बजट भाषण की शुरूआत में रेलवे के कायाकल्प करने को चुनौतीपूर्ण
सबसे कठिन बताते हुए सरकार के संकल्प को बयां किया। उन्होंने नवअर्जन,
नवमूल्य, नव संरचना जैसे तीन स्तंभो का जिक्र करते हुए भारतीय रेल का
पुनगर्ठन, पुनर्निमार्ण और पुनरूद्धार करने वाली चुनौतियों से निपटने की
बात कही। रेलवे के विकास में मेक इन इंडिया के अलावा डिजीटल इंडिया, स्वच्छ
भारत अभियान को समाहित करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भले ही
लक्ष्यों को अगले चार सालों में पूरा करने की बात कही हो, लेकिन उन्होंने
बजट भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को साकार करने के लिए
रेलवे की परियोजनाओं को तेजी और कुशलता के साथ आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया
है।
26Feb-2016
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