सोमवार, 22 फ़रवरी 2016

संसद में सरकार को घेरने को तैयार विपक्ष!

हंगामेदार शुरूआत सरकार की चुनौती
23 फरवरी को होगी संसद सत्र की शुरूआत
लोकसभा अध्यक्ष ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
संसद का 23 फरवरी से शुरू हो रहा बजट सत्र सरकार की मुश्किलों का सबब बन सकता है। मसलन जेएनयू, जाट आरक्षण आंदोलन, हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्र की आत्महत्या जैसे अनेक मुद्दों को लेकर संसद में सरकार की घेराबंदी करने के लिए लामबंद होता नजर आ रहा है। हालांकि सरकार भी विपक्ष के हमले का जवाब देने के लिए आक्रमक तेवरों के साथ संसद में आने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर चुकी है। देश में ऐसे मुद्दों पर गरमाई सियासत के मद्देनजर संसद के बजट सत्र की शुरूआत हंगामेदार होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
मंगलवार को संसद के बजट सत्र की शुरूआत संयुक्त सदन की बैठक में राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण से होगी। विपक्षी दलों के सरकार के खिलाफ आक्रमक तेवरों से अभिभाषण के दौरान भी हंगामा होने की संभावना बनी हुई है। हालांकि सरकार विपक्ष के हरेक मुद्दे पर चर्चा कराने का भरोसा दे चुकी है। वहीं एक दिन पहले राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाकर संसद के सत्र को सुचारू रूप से चलाने का आव्हान किया है। इन बैठकों में हालांकि सरकार को विपक्ष ने कुछ जरूरी बिलों पर समर्थन करने का भी वादा किया है, लेकिन कुछ पेचीदा मुद्दों पर विपक्ष सरकार से सहमत होने को तैयार नहीं है। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 22 फरवरी को इसी मकसद से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
विपक्ष की आक्रमक रणनीति
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, वाम दलों, जद-यू, राजग और राकांपा जेएनयू विवाद तथा रोहित वेमुला की आत्महत्या के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर चुके हैं। वहीं इन मुद्दों पर आक्रमक रणनीति में इन दलों द्वारा सरकार के खिलाफ अन्य दलों को भी अपने पाले में लाकर लामबंदी कर रहे हैं। इनके अलावा विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए जाट आरक्षण आंदोलन, पठानकोट आतंकवादी हमला, अरुणाचल के राजनीतिक घटनाक्रम जैसे अनेक ऐसे मुद्दे है, जिनका जिक्र करते हुए विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी द्वारा बुलाई गयी बैठकों में खुला ऐलान कर दिया है कि वे संसद में इन मुद्दों को जोर शोर से उठाएंगे और सरकार को जवाब देना होगा। इसके अलावा हाल में शेयर बाजारों में भारी उथल पुथल और डालर की तुलना में रुपए की कीमत में गिरावट के लिए भी विपक्ष मौजूदा सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराने में लगे हैं।
सरकार की चुनौती
केंद्र सरकार संसद के बजट सत्र में आम बजट व रेल बजट के अलावा विधायी कार्यो में पिछले सालों से लंबित वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) और रियल एस्टेट विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की चुनौती होगी। सरकार का प्रयास होगा कि वह इस सत्र में ज्यादा से ज्यादा विधायी कामकाज का निपटारा किया जाए। हालांकि विपक्षी दलों के तेवरों से सरकार के इन प्रयासों से पार पाना आसान नहीं लगता। सरकार की रणनीति में विपक्षी दलों का सहयोग लेने का प्रयास भी जारी हैं। सरकार ने विपक्ष को यह भी भरोसा दिया था कि सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के अनुसार संसद में चर्चा कराने के लिए तैयार है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने संसद को सुचारू रूप से चलाने में सहमति तो जताई लेकिन ऐसा सरकार की सदन में सकारात्मक रवैये पर निर्भर करने की भी दुहाई दी है।
22Feb-2016

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