यूएन की समिति में मनोनीत नहीं कर सका विशेषज्ञ
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
पठानकोट
एयरबेस हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित
आतंकियों की सूची में शामिल कराने की मुहिम में भारत फिर चूक गया है। मसलन
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध लगाने वाली समिति में
अपना विशेषज्ञ नियुक्त करने का पहला मौका गंवा दिया।

सूत्रों के
अनुसार भारत को यूएन की इस समिति में अपना विशेषज्ञ नियुक्त करने के लिए
जनवरी तक का समय दिया गया था, लेकिन समयसीमा के भीतर विशेषज्ञ की नियुक्ति न
होने के कारण पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख
मसूद अजहर को कालीसूची में शामिल करने की कोशिश पहले दौर में अटक गई है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार विशेषज्ञ मनोनीत करने के लिए यूएन ने
नाम भेजे जाने के लिए भारत को एक पखवाड़े का समय दिया था। गृहमंत्रालय के
सूत्रों की माने तो यूएन में ऐसे नामांकनों हेतु भारत की आंतरिक प्रक्रिया
काफी लम्बी है, जिसमें कई निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है।
हालांकि भारत मसूद अजहर को पठानकोट का गुनाहगार मानते हुए उसे यूएन की
प्रतिबंधों की सूची में डाले जाने के लिए लगातार प्रयास में जुटा है। इसका
कारण यह भी है कि पाकिस्तान पठानकोट हमले में मसूद अजहर को क्लीनचिट दे रहा
है। गृहमंत्रालय ने संकेत दिये हैं कि यूएन की आतंकियों को प्रतिबंधित
करने वाली इस महत्वपूर्ण कमेटी के लिए किसी योग्य सेवानिवृत्त और विशेषज्ञ
नौकरशाह की तलाश जारी है और गृह मंत्रालय ने एक ऐसे नौकरशाह की नियुक्ति का
प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है, जिस पर जल्द ही निर्णय होने की
उम्मीद है।
कालीसूची में है जैश-ए-मोहम्मद

गृह
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव
1267 कमेटी में विशेषज्ञ मनोनीत करने का मकसद यह है कि कि प्रतिबंध लगाने
वाली इस समिति की कार्यवाही का जायजा लिया जा सके, जिसने जैश-ए-मोहम्मद पर
तो पाबंदी लगाई हुई है,लेकिन उसके सरगना पर कोई पाबंदी नहीं है। संयुक्त
राष्ट्र ने 2001 में जैश-ए-मोहम्मद पर पाबंदी लगाई थी, लेकिन चीन ने इससे
पहले 2009-10 में अजहर मसूद को आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत की कोशिश
को नाकाम किया था। सूत्रों के अनुसार पठानकोट आतंकी हमले के बाद भारत सरकार
फिर जैश के सरगना मसूद पर पाबंदी लगवाने के प्रयास कर रहा है, जिसे
पाकिस्तान खुली छूट देने में जुटा है।
11Feb-2016
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