गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016

जनता की उम्मीदों को पूरा करना प्रभु

आज पेश होगा संसद में रेल बजट
रेल बजट में रेलवे सुधार पर रहेगा जोर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु कल गुरुवार को संसद में रेल बजट पेश करेंगे, जिस पर जनता की उम्मीदें भरी नजरे लगी हुई हैं। इस बार रेल बजट में सुरेश प्रभु का जहां रेलवे को घाटे से उबारने पर जोर रहेगा, वहीं रेल यात्रियों को कई तरह की राहत दे सकते हैं, जबकि रेलवे के आधुनिक सुधार और उसके बुनियादी ढांचे को सुधारने की भी घोषणाएं होने की संभावना है।
सरकार को दुनिया के दूसरे सबसे बड़े नेटवर्क रेलवे को विश्वस्तरीय पहचान देने के लिए आगे बढ़ रही मोदी सरकार का प्रयास है कि यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं और सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए। सरकार रेलवे को घाटे से बाहर भी निकालने की कवायद में लगी हुई है। रेलवे और रेलवे स्टेशनों पर आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ रेलवे के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। लिहाजा सरकार की ऐसी योजनाओं को देखते हुए गुरुवार को लोकसभा में पेश होने वाले रेल बजट पर पूरे देश की नजरें लगना स्वाभाविक है। मसलन मोदी सरकार के तीसरे रेल बजट में यात्रियों की ज्यादा से ज्यादा सुविधाओं का ख्याल रखते हुए सुरेश प्रभु की रेल सुधारों की पटरी पर दौड़ाने की ज्यादा संभावना है। हालांकि इस बजट में वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में तकरीबन सभी रियायतें समाप्त हो सकती हैं। इसके अलावा विभिन्न रियायतों को तर्कसंगत बनाने, उनमें कमी लाने तथा उनके दुरूपयोग को रोकने के उपायों की घोषणा हो सकती है। देश में बुलेट ट्रेन और सेमी बुलेट टेÑन चलाने की योजनाओं का खुलासा होने की भी संभावना बनी हुई है। राज्यों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाकर रेलवे ढांचे को मजबूत करने वाली कई योजनाएं सामने आ सकती हैं।
सुविधाएं चाहती है जनता
रेलवे की आर्थिक सहेत ठीक न होने के कारण रेलवे और कारोबारी संगठनों के दबाव के बावजूद एक दशक से ज्यादा समय से किसी भी सरकार ने शायद राजनीतिक कारणों से रेल किराए में बढ़ोतरी नहीं की। इसी रणनीति पर मौजूदा सरकार द्वारा भी रेल किराए में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है, बल्कि मालभाड़े में वृद्धि होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि देश जनता केवल यह चाहती है कि रेलवे भले ही किराया किराया बढ़ाए, लेकिन उन्हें बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित होना प्राथमिकता होनी चाहिए। मसलन ट्रेनें समय पर आएं, रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई और खाने की गुणवत्ता बेहतर होने के साथ सुरक्षा खासकर महिला सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए।
रेलवे सुधार पर रहेगा जोर
रेल बजट में यात्रियों के किरायों में वृद्धि से किनारा करते हुए मालवहन, पार्सल, विज्ञापन और खानपान व्यवस्था की नई नीतियों के माध्यम से राजस्व बढाने पर जोर देने की संभावना है। रेलवे के सूत्रों की माने तो इस बार के रेल बजट में ट्रेनों की गति बढ़ाने, दोहरीकरण, तिहरीकरण, विद्युतीकरण, सिगनल एवं संचार आधुनिकीकरण जैसी क्षमता वृद्धि की नई योजनाओं की घोषाणाओं के साथ मोबाइल के जरिए संपूर्ण भारत के अनारक्षित टिकट की सुविधा एवं अन्य आईटी सेवाओं का विस्तार किए जाने की संभावना है। रेलवे का ध्यान अगले वित्त वर्ष में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन से रेलवे पर पड़ने वाले 32 हजार करोड़ रूपए के पड़ने वाले बोझ पर भी टिकी हुई है। इसलिए ही हाल में रेलवे में रद्दीकरण नियमों एवं शुल्कों में बदलाव, बच्चों के लिए पूरी बर्थ का पूरा शुल्क लेने जैसे कई कदमों से राजस्व बढ़ाने की व्यवस्था को अंजाम दिया है। रेल बजट में रेलवे परिचालन के पूर्ण कंप्यूटरीकरण का विस्तार करते हुए मालगाड़ियों को मुख्य मार्गो की बजाय वैकल्पिक मार्ग से भेजे जाने की नई प्रणाली की घोषित होने की भी उम्मीद है। प्रमुख रेल मार्गों पर तकनीकी में बढ़ोत्तरी करके उस पर गाड़ियों की रμतार में दस किलोमीटर प्रति घंटा तक की वृद्धि की जा सकती है।
वर्ल्ड बैंक से निवेश का प्रस्ताव
सूत्रों के अनुसार रेलवे की महत्वाकांक्षी क्षमता विस्तार योजनाओं के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम के डेढ़ लाख करोड़ रुपए के निवेश की तर्ज पर विश्व बैंक एवं कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से निवेश के प्रस्ताव का उल्लेख भी बजट में किया जा सकता है। बाजार में इस्पात लौह अयस्क, सीमेंट, कोयला, आॅटोमोबाइल्स एवं कई अन्य सेक्टरों को मालवहन से जोड़ने की नई नीति के अलावा पार्सल बुकिंग की भी नई नीति लगभग तैयार है।
25Feb-2016

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें