सर्वदलीय बैठक: नरम नहीं पड़े विपक्षी दलों के तेवर
नई दिल्ली।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में जहां सरकार जीएसटी और रियल एस्टेट जैसे विधेयकों को पारित कराने पर जोर दे रही है, वहीं विपक्षी दल जेएनयू और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्र की आत्महत्या तथा जाट आरक्षण के मुद्दे को जोरशोर से उठाने का राग अलाप रहे हैं। हालांकि सरकार ने इन मुद्दों पर चर्चा कराने का भरोसा दिया है, लेकिन इसके बावजूद इस सत्र की शुरूआत हंगामेदार होने के आसार बने हुए हैं।
सरकार की ओर से सोमवार को संसद भवन में संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सर्वदलीय बैठक में मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने में विपक्षी दलों से सहयोग की अपील की है। विपक्षी दलों की मांग पर सरकार ने विपक्ष को भरोसा दिया है कि वह जेएनयू और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्र की आत्महत्या तथा जाट आरक्षण जैसे सभी मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने को तैयार है। वहीं सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्षी दलों से जीएसटी और रियल एस्टेट जैसे देश के लिए महत्वपूर्ण विधायी कार्यो में सहयोग करने और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग मांगा है। बैठक में सरकार और विपक्ष के विचार विमर्श के बावजूद संसद का बजट सत्र की शुरूआत हंगामेदार होने के आसार हैं। वहीं सरकार के लिए राज्य सभा में प्रमुख विधेयकों को पारित कराने की चुनौती है जिसके लिए सरकार को विपक्ष के समर्थन की दरकार है।
बजट सत्र में 32 विधेयक
सर्वदलीय बैठक के बाद एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार जीएसटी विधेयक, रियल एस्टेट विधेयक, दिवालिया संबंधी विधेयक, आंतरिक जलमार्ग विधेयक, भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता के बाद लोगों को मताधिकार देने से संबंधित निर्वाचन विधेयक को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी। इस सत्र में इन महत्वपूर्ण और आर्थिक सुधारों संबन्धी विधेयकों समेत एजेंडे में 32 विधायी कार्य शामिल हैं। सरकार का प्रयास है कि इन महत्वपूर्ण कार्यो में विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभाते हुए सहयोग दें। उन्होंने कहा कि एजेंडे में शामिल विधेयकों के अलावा उन सभी उन मुद्दों पर भी नियमानुसार चर्चा की जाएगी, जिन्हें विपक्ष उठाना चाहता है।
सरकार का बचाव
नायडू ने विपक्ष द्वारा जेएनयू और रोहित वेमुला मुद्दा उठाने की संभावना पर कहा कि सरकार का बचाव करते हुए कहा कि इन मामलों में कहीं भी कोई गलती नहीं की और वह सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के पक्ष में है। नायडू ने कहा कि जेएनयू हो या हैदराबाद विश्वविद्यालय या कोई अन्य मुद्दा, सरकार को उन पर चर्चा कराने में कोई हिचक नहीं है। सरकार का मकसद है कि संसद में हंगामा न हो और सदन सुचारू रूप से चले ताकि देशहित के कार्यो का निपटान हो सके।
नई दिल्ली।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में जहां सरकार जीएसटी और रियल एस्टेट जैसे विधेयकों को पारित कराने पर जोर दे रही है, वहीं विपक्षी दल जेएनयू और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्र की आत्महत्या तथा जाट आरक्षण के मुद्दे को जोरशोर से उठाने का राग अलाप रहे हैं। हालांकि सरकार ने इन मुद्दों पर चर्चा कराने का भरोसा दिया है, लेकिन इसके बावजूद इस सत्र की शुरूआत हंगामेदार होने के आसार बने हुए हैं।
सरकार की ओर से सोमवार को संसद भवन में संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सर्वदलीय बैठक में मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने में विपक्षी दलों से सहयोग की अपील की है। विपक्षी दलों की मांग पर सरकार ने विपक्ष को भरोसा दिया है कि वह जेएनयू और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्र की आत्महत्या तथा जाट आरक्षण जैसे सभी मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने को तैयार है। वहीं सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्षी दलों से जीएसटी और रियल एस्टेट जैसे देश के लिए महत्वपूर्ण विधायी कार्यो में सहयोग करने और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग मांगा है। बैठक में सरकार और विपक्ष के विचार विमर्श के बावजूद संसद का बजट सत्र की शुरूआत हंगामेदार होने के आसार हैं। वहीं सरकार के लिए राज्य सभा में प्रमुख विधेयकों को पारित कराने की चुनौती है जिसके लिए सरकार को विपक्ष के समर्थन की दरकार है।
बजट सत्र में 32 विधेयक
सर्वदलीय बैठक के बाद एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार जीएसटी विधेयक, रियल एस्टेट विधेयक, दिवालिया संबंधी विधेयक, आंतरिक जलमार्ग विधेयक, भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता के बाद लोगों को मताधिकार देने से संबंधित निर्वाचन विधेयक को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी। इस सत्र में इन महत्वपूर्ण और आर्थिक सुधारों संबन्धी विधेयकों समेत एजेंडे में 32 विधायी कार्य शामिल हैं। सरकार का प्रयास है कि इन महत्वपूर्ण कार्यो में विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभाते हुए सहयोग दें। उन्होंने कहा कि एजेंडे में शामिल विधेयकों के अलावा उन सभी उन मुद्दों पर भी नियमानुसार चर्चा की जाएगी, जिन्हें विपक्ष उठाना चाहता है।
सरकार का बचाव
नायडू ने विपक्ष द्वारा जेएनयू और रोहित वेमुला मुद्दा उठाने की संभावना पर कहा कि सरकार का बचाव करते हुए कहा कि इन मामलों में कहीं भी कोई गलती नहीं की और वह सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के पक्ष में है। नायडू ने कहा कि जेएनयू हो या हैदराबाद विश्वविद्यालय या कोई अन्य मुद्दा, सरकार को उन पर चर्चा कराने में कोई हिचक नहीं है। सरकार का मकसद है कि संसद में हंगामा न हो और सदन सुचारू रूप से चले ताकि देशहित के कार्यो का निपटान हो सके।
23Feb-2016
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