बुधवार, 24 फ़रवरी 2016

हिंसा का सबसे बुरा रूप गरीबी

संसद का बजट सत्र शुरू
लोकतंत्र में वाद विवाद और चर्चा बेहद जरूरी
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्र सरकार के सर्वोपरि लक्ष्य गरीबी उन्मूलन अभियान को एक नैतिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि देश में गरीबी ही हिंसा का सबसे बुरा रूप है। वहीं उन्होंने संसद को जनता की सर्वोच्च आकांक्षाओं का प्रतीक बताते हुए कहा कि
लोकतांत्रिक प्रणाली में वाद विवाद और चर्चा जरूरी है, न कि अवरोध पैदा करना।
संसद के बजट सत्र की शुरूआत में संयुक्त बैठक में बोलते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार का गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य सर्वोपरि है। उन्होंने गांधी के कहे शब्दों का अनुसरण करते हुए कहा कि गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है। देश की प्रगति का सार इसी में है कि जो गरीब, वंचित और समाज के हाशिए पर है उनमें भी परितोष का भाव हो। उन्होंने कहा कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार सबसे गरीब व्यक्ति का है और गरीबी और अभाव को दूर करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार संसद के सुचारू और रचनात्मक कार्य संचालन के लिए निरंतर प्रयासरत है। लोकतांत्रिक प्रणाली में संसद हो अवरोध करने के बजाए वाद विवाद और चर्चा की जरूरत है। उन्होंनें सांसदों से अनुरोध किया कि संसद में उन्हें सहयोग और आपसी सद्भावना के साथ अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करके एक समृद्ध भारत बनाने का प्रयास करना चाहिए। केंद्र सरकार की परिकल्पनाओं का आशय ऐसे भारत का निर्माण करना है जो भविष्य में पूरे आत्मविश्वास के साथ अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा सशक्त और दूरदर्शी भारत जो लोगों को विकास विकास का यह सिद्धांत ‘सबका साथ, सबका विकास’ में निहित है और यही केंद्र सरकार का मूलभूत सिद्धांत है। राष्टÑपति ने अपने अभिभाषण में सरकार की अर्थव्यवस्था, कारोबारी, बिजली, सभी को घर मुहैया कराने जैसी योजनाओं का जिक्र भी किया और कहा कि सरकार एक समृद्ध भारत निर्माण की ओर अग्रसर है।
भ्रष्टाचार खत्म करने के उपाय
मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने जहां एक ओर भ्रष्टाचार की गुंजाइश समाप्त करने के उपाय किये हैं, वहीं भ्रष्ट पाये गए व्यक्तियों को दंड देने में भी कोई नरमी नहीं बरती है। इसके लिए भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम में ऐसे कड़े संशोधन हो रहे हैं, ताकि भ्रष्टाचार विरोधी कानून में बचाव की कोई गुंजाइश ही न हो। सरकार ने बेहतर प्रशासन के लिए किये गये उपायों के तहत संस्थाओं को बेहतर बनाने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने तथा करीब 1800 पुराने कानूनों को हटाने हेतु महत्वपूर्ण कदमों में प्रक्रिया जारी है।
किसानों का कल्याण
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किसानों की समृद्धि को राष्ट्र की समृद्धि का आधार बताते हुए कहा कि सरकार ने किसान कल्याण के लिए अनेक उपाय किये हैं और नयी फसल बीमा योजना पेश करने के साथ प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होने वाले किसानों को मिलने वाली सहायता में 50 प्रतिशत की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि मार्च 2017 तक देश के सभी 14 करोड़ जोत धारकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दे दिये जायेंगे। इस योजना के तहत किसान अपनी जमीन के पोषक तत्वों की स्थिति का पता लगा सकेंगे जिससे उन्हें उचित उर्वरक का चुनाव करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए ‘परंपरागत कृषि विकास योजना’ शुरू की गई है।
सीमापार आतंकवाद पर सख्त सरकार
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार पाकिस्तान के साथ सम्मानजनक आपसी संबंध बढ़ाने और सीमापार आतंकवाद का सामना करने के लिए सहयोग का माहौल तैयार करने के प्रति कृतसंकल्प है। वहीं सीमापार के आतंकवाद के कारण उत्पन्न होनी वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाये जायेंगे। प्रणब ने कहा कि 'वसुधव कुटुम्बकम का अर्थ पूरा विश्व एक परिवार है और मेरी सरकार इस सिद्धांत के प्रति वचनबद्ध है। राष्ट्रपति ने हाल में पठानकोठ वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकवादियों के हमले को सफलतापूर्वक निष्फल करने के लिए सुरक्षा बलों को बधाई दी और कहा कि सरकार देश की सुरक्षा की सभी चुनौतियों से सख्ती से निपटने के लिए कृतसंकल्प है।
बांग्लादेश भूमि समझौता ऐतिहासिक
पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्ष मेरी सरकार ने बांग्लादेश के साथ एक ऐतिहासिक भूमि सीमा करार पर हस्ताक्षर किये। परिणामस्वरूप दो देशों के बीच विवादित क्षेत्रों के शांतिपूर्ण तरीके से अदला बदली संभव हुई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल के बीच मोटर वाहन करार पर हस्ताक्षर होने से निर्वाध रूप से आवागमन होगा और आपसी संबंध मजबूत होंगे।
मजबूत हो रही है विदेश नीति
राष्ट्रपति ने कहा कि हम जमीनी और समुद्र दोनों के रास्ते से पूरे विश्व तक पहुंचेंगे। 54 राष्ट्रों की भागीदारी वाले भारत अफ्रीकी शिखर सम्मेलन में 41 देशों की सरकारों और राष्ट्रों के अध्यक्षों की उपस्थिति से इस महाद्वीप के साथ भारत के संबंधों को नयी मजबूती मिली है। सरकार ने प्रशांत द्वीप समूह के 14 देशों के साथ सहयोग की सक्रिय शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सर्वस्वीकृत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन करके जलवायु परिवर्तन का सामना करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। प्रणब ने कहा कि हम आज भी आतंकवाद विरोधी वैश्विक लड़ाई में सबसे आगे हैं और भारत के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पुनर्गठन के लिए ठोस कदम उठाये गए। उन्होंने कहा कि भारत ने ब्रिक्स, जी-20, डब्ल्यूटीओ, ईस्ट एशिया समिट, आशियान और एससीओ जैसे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को मजबूत नेतृत्व और नया दृष्टिकोण प्रदान किया है।
24Feb-2016

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