शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016

रेलवे ऐसे बढ़ाएगी अपनी की आमदनी

रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मिलेगी मदद
नई दिल्ली

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस बार बजट 2016 में यात्री और मालभाड़े में कोई इजाफा करने के बजाए रेलवे कमाई अन्य दूसरे स्रोतों से करने की योजना बनाई है। मसलन जमीन को मोनेटाइज करना, खाली जमीनों का कमर्शियल यूज, विज्ञापन आदि के जरिए बढ़ाने पर फोकस किया है। इसमें रेलवे की योजना रोजगार सृजन करने की भी योजना है।
संसद में प्रभु ने रेल बजट 2016-17 को पेश करते हुए कहा कि मौजूदा रेवेन्यू को अगले पांचसाल के दौरान 10 फीसदी बढ़ाने का ऐलानप किया है। जबकि जमीन का मोनेटाइजिंग करते हुए रेलवे के आसपास बड़े पैमाने पर खाली पड़ी जमीन को लीज पर देने ताकि हॉटिकल्चर और पौधों के प्लांटेशन को प्रोत्साहन दिया जाए। रेलवे का मानना है कि इससे पिछड़े बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। इतना ही नहीं इससे फूड सिक्योरिटी को बढ़ावा मिलेगा और जमीन और जमीन कब्जे पर रोक लगेगी। अगले तीन महीनों के दौरान कम से कम 20 स्टेशनों में रेवेन्यू की संभावनाएं तलाशकर कमाई बढ़ाने का एक मॉडल तैयार किया जाएगा।
खाली जमीनों का यूज स्टेशन रीडेवलपमेंट के लिए एक प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। रेलवे की खाली पड़ी जमीन का कमर्शियल यूज तलाशा जाएगा। इसके अलावा, स्टेशन बिल्डिंग और स्टेशन के बाहर की जमीनों का कमर्शियल यूज किया जाएगा। सर्विसेज से बढ़ाएंगे कमाई रेलवे पैसेंजर की प्राथमिकता, टिकटिंग,कमोडिटी, ट्रेन रनिंग पर विभिन्न सर्विसेज और आॅपरेशन पर डाटा कलेक्ट कर रेवेन्यू बढ़ाने का मॉडल तैयार करेगी। इसके अलावा रेलवे ई-कॉमर्स की फैसिलटी भी देना शुरू करेगी, जिससे रेलवे की कमाई बढ़ेगी। इतना ही नहीं, आईआरटीसी पैसेंजर की प्राथमिकता के आधार पर फूड सर्विसेज भी देगी। मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी से 2020 तक मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों से 4 हजार करोड़ करोड़ रुपए का रेवेन्यु हासिल करने के लिए कमाई करने की योजना है। इसके लिए अपनी यूनिट्स को सशक्त बनाते हुए इंसेंटिव्स दिए जाएंगे। इसके अलावा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल की बड़ी कंपनियों के जरिए बेहतर मैन्युफैक्चरिंग और उत्पादन बढ़ाने पर फोकस करने पर बल रहेगा।

दिल्ली को मिली रिंग रेल की सौगात
सड़क परियोजना के बाद रेलवे बनेगा वरदान
नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के यातायात को आसान बनाने के लिए जहां केंद्र सरकार ने कई सड़क योजनाओं को शुरू कराया है, वहीं मेट्रो के बोझ को कम करने के लिए रिंग रेल नेटवर्क बनाने का ऐलान करके दिल्लीवासियों को बड़ी सौगात दी है।
लोकसभा में गुरुवार को रेल बजट के भाषण के दौरान रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली को यह एक बड़ी सौगात देते हुए रिंग रेल नेटवर्क बनाने की योजना का ऐलान किया है। केंद्र सरकार का यह निर्णय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के यातायात को नियंत्रण करने और प्रदूषण की समस्या से निपटने की दिशा में लिया गया है। मसलन दिल्ली में ज्यादातर जनता मेट्रो नेटवर्क के सहारा ले रही है, रेलवे की इस घोषणा से मेट्रो पर क्षमता से ज्यादा बढ़ रहे बोझ से भी राहत मिल सकेगी। वहीं दिल्ली से बाहर से दिल्ली से होकर एक दूसरे राज्य में जाने वाले वाहनों को बिना दिल्ली में घुसे एक-दूसरे राज्य में जाने की व्यवस्था पहले ही कर दी गई है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच नवंबर को फरीदाबाद, गाजियाबाद, बागपत से होते हुए सोनीपत तक बाहरी राजमार्ग की नींव रख चुके हैं। दूसरे दिल्ली में यातायात और प्रदूषण की विकराल होती समस्या के कारण दिल्ली सरकार को आॅड-ईवन फॉम्यूर्ले का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसी समस्या को देखते हुए रेलवे ने दिल्ली वालों को एक सौगात के रूप में रेल बजट में रिंग रेल नेटवर्क योजना दिल्ली के लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा, जो प्रदूषण के साथ ही जाम और मेट्रो की बढ़ती भीड़ को भी निजाद दिलाएगा। रेल बजट में की गई घोषणा के अनुसार दिल्ली के 21 स्थानीय स्टेशनों को रिंग रेल से आपस में जोड़ने की योजना है। हालांकि मौजूदा समय में भी दिल्ली में रिंग रेल नेटवर्क चलाया जा रहा है, लेकिन इसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। दैनिक यात्रियों का कहना है कि इस रूट पर ईएमयू बहुत कम हैं और जो हैं भी वह बहुत देरी से चलती हैं। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इसी नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए 4 महीने का समय मांगा है और इसके लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत विकसित करने की बात कही है।
इन स्टेशनों को जोड़ने की योजना
रेलमंत्री सुरेश प्रभु के अनुसार करीब 36 किलोमीटर लंबे इस रिंग रेल नेटवर्क के तहत 21 स्टेशनों को शामिल किया जाएगा। यह नेटवर्क स्थानीय परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में भी मददगार होगा। यह रिंग रेल नेटवर्क हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से शुरू होकर लाजपत नगर, सेवा नगर, लोधी कॉलोनी, सरोजनी नगर, चाणक्यपुरी, सफदरजंग,सरदार पटेल मार्ग, बराड़ स्क्वैयर, इंद्रपुरी हाल्ट, नारायणा विहार, कीर्ति नगर, पटेल नगर, दया बस्ती, विवेकानंदपुरी, किशनगंज, सदर बाजार, शिवाजी ब्रिज और प्रगति मैदान होते हुए दोबारा हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर खत्म होता है। फिलहाल इस नेटवर्क पर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 90 मिनट का समय लगता है।
26Feb-2016

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