शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016

बजट सत्र: साफ नहीं हुई जीएसटी पर तस्वीर!


विपक्षी दलों की रणनीति सरकार के पक्ष में नहीं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र की बैठकों की तारीखें तय करने से पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति बनाने का प्रयास किया। जहां सरकार ने बजट सत्र में जीएसटी, रियल एस्टेट जैसे महत्वपूर्ण बिलों के पारित होने की उम्मीद जताई है, वहीं विपक्षी दलों की रणनीति संकेत दे रही है कि सरकार द्वारा एक अप्रैल को देश में जीएसटी कानून लागू करने की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।
केंद्र सरकार आगामी एक अपै्रल से देश में वस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी जीएसटी लागू करने का हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा गुरुवार को संसद भवन में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का मकसद भी जीएसटी और अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों पर सहयोगी नीति बनाने का रास्ता साफ करना माना जा रहा है। हालांकि सरकार ने उम्मीद जताई है कि जीएसटी और रियल एस्टेट के अलावा कई आर्थिक सुधार संबन्धी विधेयक पारित हो जाएंगे। इसके बावजूद विपक्षी दलों की ओर से मिल रहे संकेतों से जाहिर है कि वस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी जीएसटी विधेयक को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। विपक्षी दलों का तर्क है कि विपक्षी दलों के साथ बजट सत्र के मुद्दों पर हुई चर्चा के दौरान सरकार की ओर से जीएसटी का जिक्र तक नहीं किया गया। गौरतलब है कि बजट सत्र की तारीखें तय करने से पहले केंद्र सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू की कांग्रेस, जदयू,तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम, समाजवादी पार्टी आदि दलों के नेताओं से संसद भवन में एक बैठक के दौरान मुलाकात हुई। इन दलों के नेताओं का कहना है कि इस बार पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुदुच्चेरी में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने विपक्ष से यह जानना चाहा कि दो सत्रों में होने वाले बजट सत्र को क्या एक ही बार में करा लिया जाए। इस मुद्दे पर सरकार और विपक्षी दलों में आमसहमति न बनने पर बजट सत्र को परंपारिक दो हिस्सों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। दरअसल बजट सत्र के दोनों चरणों के बीच चालीस दिनों का अवकाश होगा और इस दौरान संसदीय स्थायी समितियां विभिन्न विधेयकों पर चर्चा कर सकेगीं।
उम्मीद पर कायम सरकार
संसद के बजट सत्र में केंद्र सरकार के पास जहां जीएसटी, रियल एस्टेट जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने की चुनौती होगी, वहीं इसी दौरान सरकार को अरुणाचल प्रदेश में लगे राष्ट्रपति शासन का अनुमोदन भी कराना है। इसके बावजूद सरकार का प्रयास होगा कि किसी तरह वह जीएसटी बिल पास करा लें। सूत्रों के अनुसार ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सरकार जीएसटी को बजट सत्र के दूसरे चरण में लेकर आए और तब तक पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा के नतीजे भी राजनीतिक तस्वीर काफी हद तक बदलती नजर आएगी। सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा में जीएसटी पर अडंगेबाजी इन चुनावों के नतीजों के बाद कुछ कम हो सकती है और सरकार को जीएसटी जैसे लंबित बिलों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है। मसलन उस समय तक राज्यसभा में कुछ नए सदस्य भी आ जाएंगे।
बजट सत्र 23- रेल बजट 25- आम बजट 29 फरवरी को
संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा। 25 फरवरी को रेल बजट और 29 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की संसदीय मामलों की समिति की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी 23 फरवरी को दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। रेल मंत्री सुरेश प्रभु 25 फरवरी को रेल बजट और वित्त मंत्री अरुण जेटली 29 फरवरी को आम बजट और 26 को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे। बजट सत्र का पहला चरण 23 फरवरी से 16 मार्च तक चलेगा और दूसरा चरण 25 अप्रैल से 13 मई तक होगा। 23 फरवरी से 13 मई तक चलने वाले इस बजट सत्र के दौरान 17 मार्च से 24 अप्रैल तक अवकाश रहेगा। इस बार बजट सत्र अपेक्षाकृत छोटा होगा और इस दौरान कुल 31 बैठकें होंगी। 
05Feb-2016


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