गुरुवार, 2 जुलाई 2015

‘फास्टैग’ से हाइवे पर सरपट दौड़ेंगे निजी वाहन!

देश में जल्द लागू होगी शैडो टॉलिंग स्कीम
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गो पर इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग व्यवस्था को जल्द ही शुरू कर देगी, जिसके लिए पिछले एक साल से की जा रही कवायद में सरकार जल्द ही शैडो टोलिंग स्कीम को लागू करेगी। इस स्कीम में निजी वाहन मालिक 'फास्टैग' नामक स्मार्ट टैग लगाकर टोल प्लाजाओं को पार करके अपनी गाड़ियों को राष्ट्रीय राजमार्गो पर सरपट दौड़ा सकेंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गो पर निजी वाहनों के सफर को सुगम बनाने की दिशा में टोल प्लाजाओं पर टोल संग्रह के कारण आने वाली बाधाओं को दूर करने की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग व्यवस्था को शुरू करने के लिए पिछले साल ही तैयारी शुरू कर दी थी। इस व्यवस्था के लिए पिछले साल सितंबर में सरकार ने आरएफआईडी यानि रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग को ‘फास्टैग’ नामक स्मार्ट टैग का लोगों भी जारी कर दिया था। सूत्रों के अनुसार राजमार्गो पर निजी वाहन सरपट दौड़ सके इसलिए लिए मंत्रालय ने यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक 'शैडो टॉलिंग' स्कीम शुरू करने के लिए इरादे से उन निजी वाहन चालों को टोल में छूट देने की नीति तैयार की है, जो अपने वाहनों में 'फास्टैग' स्मार्ट टैग लगवाएंगे। यह एक तरह से सालाना टोल पास होगा, जिसमें वाहन चालकों को साल में एक बार ही भुगतान करना होगा और इसमें 2500 से तीन हजार रुपये का भुगतान करने के बाद वाहन चालकों को टोल प्लाजाओं पर बार-बार टोल देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस स्कीम का प्रस्ताव अभी केंद्रीय कैबिनेट में है जिसकी मंजूरी जल्द ही मिलने की उम्मीद है। मंत्रालय के अनुसार मौजूदा समय में निजी वाहनों को एक टोल से एक माह के लिए ही आवागमन के लिए पास जारी किया जाता है। देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) प्रणाली लागू करने के लक्ष्य में सरकार इसी साल दिल्ली-मुंबई के बीच एनएच-8 पर इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग व्यवस्था कर चुकी है।
विश्व ब्रांड बनेगा टैग
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार सरकार द्वारा जल्द ही राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग व्यवस्था जारी होने के तहत निजी वाहनों को दिये जाने वाले आरएफआईडी टैग यानि ‘फास्टैग’ लगने के बाद भारत उन विकसित देशों में शामिल हो जाएगा, जहां फास्टैग जैसे हाईवे टैग ब्रांड में पहले से ही अमेरिका में ईजी पास और सन पास, आॅस्ट्रेलिया में ई-पास तथा दुबई में सालिक नाम से आरएफआईडी टैग जारी किए जाते हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूलने की इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था लागू करने के लिए इंडियन हाईवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड यानि आईएचएमसीएल के जरिए सरकार का आईसीआईसीआई बैंक के बीच करार भी हो चुका है। इस बैंक के अलावा सरकार ने इस महत्वकांक्षी योजना में फास्टैग के लिए एक्सिस बैंक को सेंट्रल क्लीयरिंग हाउस (सीसीएच) जिम्मेदारी सौंप दी है। ये दोनों बैंक देश में टोल प्लाजा के निकट ही अपने बिक्री केंद्र खोलने के साथ अपने फ्रेंचाइजी या एजेंटों के जरिये वाहन मालिकों व चालकों को ‘फास्टैग’ ब्रांड के आरएफआईडी टैग की बिक्री करेंगे।
टोल प्लाजा पर बनेगी फास्टैग लेन
मंत्रालय के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक टोल वसूलने की दिशा में नेशनल हाइवे के प्रत्येक टोल प्लाजा पर एक विशिष्ट ‘फास्टैग लेन’ बनाना अनिवार्य किया गया है। टोल प्लाजा की इस लेने से केवल उन्हीं वाहनों को जाने की अनुमति होगी, जिन पर इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग के लिए स्मार्ट टैग ‘फास्टैग’ लगा होगा। ऐसे वाहन जब फास्टैग लेन से गुजरेंगे तो उनके खाते से टोल की राशि का स्वत: ही भुगतान होकर पहले टोल संचालक और बाद में रोड डेवलपर के खाते में चली जाएगी। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक फास्टैग लेन में केवल टैग लगे वाहन ही जाएं और बिना टैग वाले वाहन उस लेन से दूर रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए ही यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग में यातायात जाम से निजात मिलेगी और यातायात को व्यवस्थित बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
02July

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