मंगलवार, 21 जुलाई 2015

लोकसभा में पहली बार शुरू होंगी नई परंपरा

सेना व सुरक्षा के शहीदों को भी दी जाएगी श्रद्धांजलि
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सदन में कुछ नई पहल करने के प्रस्तावों को सभी दलों ने सहमति दी है, जिनमें अब सेना और सुरक्षा बलों के उन जवानों को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी जो देश के लिए शहीद होते आ रहे हैं।
बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बताया कि सभी दलों ने सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने में अपनी सहमति जताई है। वहीं उन्होंने सर्वदली बैठक में लोकसभा में कुछ नई पहल शुरू करने के प्रस्तावों पर भी सहमति हासिल की है। उन्होंने बताया कि उन्हें रक्षा मंत्रालय से एक ऐसा प्रस्ताव मिला था कि देश के लिए शहीद होने वाले जवानों को भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए। इस प्रस्ताव को सभी ने स्वीकृति दी है, जिसके दायरे में अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों को भी शामिल किया जाएगा।
पेपर लैस होगी लोकसभा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी पहले से संसदीय कार्यो में फिजूल कागजों की बर्बादी को रोकने के लिए ई-पेपर और नेटवर्किंग को बढ़ावा देने की बात कह चुकी हैं। सुमित्रा महाजन ने बताया कि लोकसभा को करीब आधा पेपर लैस कर दिया गया है और इसके लिए आगे बढ़ने की तैयारी में सांसदों की सीटों के सामने ऐसी छोटी स्क्रीन लगाने पर विचार हो रहा है, जिससे सदन में कागज की जरूरत ही न पड़े। उन्होंने कहा कि इसमें रिपोर्टो को भी ई-पेपर के दायरे में लाने पर विचार किया जा रहा है जो संसद में बेकार पड़ी रहती हैं और कागज की बर्बादी हो रही है।
विशेष अभियान से शंका का समाधान
लोकसभा में मानसून सत्र के पहले सप्ताह से ही एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसमें जीएसटी विधेयक को लेकर सांसदों की शंका का समाधन करने की शुरूआत होगी, इस प्रणाली के तहत सांसद किसी अन्य मुद्दों पर भी अध्ययन व शोध के जरिए अपनी शंका का समाधान कर सकेंगे। मिलेनियम की अंतर्राष्टÑीय कल्पना के तहत एक शोध कार्यालय भी बनाया जाएगा, जिसमें किसी विषय के बारे में किसी भी सांसद संबन्धित अधिकारी से नियम और उसके अध्ययन तथा उसे समझकर ज्ञान अर्जित कर सकेगा।
खासकर यह अभियान नए सांसदोें के लिए उपयोगी साबित होगा।
नियम 377 की संख्या डेढ़ गुना
लोकसभा में कुछ नए सदस्यों को भी नियम 377 के तहत महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने और चर्चा में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अभी तक निर्धारित संख्या 20 को बढ़ाकर 30 करने का फैसला किया गया, जिसे सभी दलों ने अपनी सहमति दे दी है। बैठक में शून्यकाल के समय को भी सवाल उठे, लेकिन सभी दल इस बात से सहमत हैं कि शून्यकाल का समय प्रर्याप्त है और उसे फिलहाल विस्तार देने की जरूरत नहीं है।
भोजन पर सब्सिडी पर होगा विचार
लोकसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में संसद की कैंटिन के खाने पर सब्सिडी के मुद्दे पर भी विचार विमर्श किया, जिसमें कहा गया कि इस बारे में संसद की भोजन संबन्धी समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र रेड्डी और पत्रकार सलाहकार समिति से भी विचार विमर्श होगा। उनका कहना है कि इन कैंटिनों में केवल सांसद ही भोजन नहीं करते, बल्कि इसमें हर दिन काम करने वाले संसद के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी भोजन मिलता है, वहीं मीडियाकर्मियों को भी संसद की कैंटिनों में भोजन चखने की सुविधा है। इसलिए सुर्खियां बन रही संसद के भोजन की सब्सिडी को लेकर विचार विमर्श के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। इसमें भोजन की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास भी किये जाएंगे।
21July-2015

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