मंगलवार, 21 जुलाई 2015

संसद में कांग्रेस के अस्त्र पर चलेंगे भाजपा के शस्त्र!

भाजपा ने भी बनाई कांग्रेस के खिलाफ रणनीति
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के मंगलवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में कांग्रेस जिन मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने की महीनों पहले से रणनीति बना रही है और सर्वदलीय बैठकों में टूटती नजर आई विपक्ष की एकता के बावजूद कांग्रेस सरकार पर वार करने का मूड बना चुकी है तो सरकार की ओर से भाजपा ने भी उसके जवाब में अपनी सभी तैयारियों के साथ रणनीति को पुख्ता कर लिया है।
संसद में कांग्रेस अपने साथ कुछ विपक्षी दलों का साथ लेकर सरकार के सामने मुश्किले खड़ी करने के मकसद से प्रमुख रूप से पांच मुद्दों पर मुखर होने का प्रयास करेगी। सरकार और लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई अलग-अलग सर्वदलीय बैठकों में संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने पर विपक्षी दलों की लामबंदी साफ टूटती नजर आई, जिसमें कांग्रेस अपने मुद्दों के हल हुए बिना संसद की कार्यवाही चलाने की रणनीति पर देर रात तक भी कायम नजर आई।

कांग्रेस के ‘अस्त्र’
लोकसभा में पार्टी उपाध्यक्ष की अगुवाई में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के पिटारे में मुख्य रूप से पांच मुद्दे हैं, जिनमें भाजपा के लिए सिरदर्द बनता मध्य प्रदेश का व्यापम घोटाला है हालांकि इस माममे की जांच सीबीआई को सौंपी जा चुकी है, फिर भी कांग्रेस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का इस्तीफा चाहती है। इसके बाद भूमि अधिग्रहण विधेयक है जो राहुल गांधी की प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है, जिसमें कांग्रेस अपने वर्ष 2013 में लाए गये विधेयक को बेहतर बताकर मोदी सरकार के संशोधनों को किसानों की बर्बादी की दुहाई दे रही है। हालांकि इस मुद्दे पर सपा व बसपा समेत कुछ अन्य दल कांग्रेस का साथ न देने का मन बना चुके हैं। तीसरे मुद्दे में कांग्रेस के पिटारे में ललित मोदी प्रकरण है, जिसमें कांग्रेस विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कार्रवाही चाहती है, हालांकि सुषमा के खिलाफ विपक्ष के तेवर नरम नजर आ रहे हैं, लेकिन वसुंधरा का इस्तीफा कांग्रेस हर हालत में चाहती है। इसके अलावा कांग्रेस महाराष्टÑ में पंकजा मुंडे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को मुद्दा बनाने पर तुली हुई है। एक अन्य मुद्दे में राहुल गांधी की पसंद बन चुके वन रैंक, वन पैंशन के मुद्दे को कांग्रेस संसद में भुनाकर केंद्र सरकार को घेरने का मन बना रही है।
भाजपा के जवाबी ‘शस्त्र’
संसद में यदि कांग्रेस सरकार को घेरने की खातिर इन मुद्दों को अपना अस्त्र बनाती है, तो भाजपा ने भी इन मुद्दो पर अपने शस्त्र चलाने की रणनीति के लिए तैयार है। इसके संकेत सोमवार को सर्वदलीय बैठकों के बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने साफतौर से दे भी दिये हैं। यदि सरकार राज्यों से जुड़े इन मुद्दों पर कांगे्रस के दबाव को मानकर चर्चा कराने को तैयार हुई तो सरकार इन चर्चा के दायरे को बढ़ाने की रणनीति के तहत भाजपा के तैयार शस्त्रों के रूप में केरला में सोलर घोटाले, उत्तराखंड में राहत आपदा घोटाले, असम में भ्रष्टाचार के मामले, हिमाचल प्रदेश जैसे कम से कम दस मुद्दों पर चर्चा कराएगी और इन मामलों में भाजपा सांसद इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे का प्रस्ताव भी लेकर आएंगें।
21July-2015

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