बुधवार, 29 जुलाई 2015

जल्द पूरी होगी लंबित विमानन परियोजनाएं

नया भूमि कानून आते ही आएगी योजनाओं में तेजी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में विमानन क्षेत्र में विकास की राह को आसान करने के लिए सरकार को नए भूमि अधिग्रहण कानून के संसद में पारित होने का इंतजार है, जिसके बाद सरकार विमानन क्षेत्र की लंबित पड़ी परियोजनाओं को तेजी के साथ अंजाम तक पहुंचाना चाहती है।
नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की हवाई अड्डो के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के साथ ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डों की परियोजनाएं भी लंबित पड़ी हुई हैं। सरकार की विमानन क्षेत्र के विकास में भूमि अधिग्रहण के अलावा कुछ अनिवार्य निकासियों की उपलब्धता और वित्तीय समस्या अवरोधक बनी हुई हैं, जिनके समाधान के लिए सरकार प्रयासरत है। सूत्रों के अनुसार हवाई अड्डा वित्तीयन सहित विभिन्न विभागों से परियोजना विकास की अनुमति के लिए आवश्यक कार्रवाई संबंधित हवाई अड्डा विकासकों द्वारा की जाती है। स्वयं नागर विमान राज्यमंत्री डा. महेश शर्मा मान चुके हैं कि विमानन क्षेत्र के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा भूमि अधिग्रहण बना हुआ है, जिसमें संशोधन पारित होने का इंतजार है। उनका मानना है कि यदि नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू हो जाएगा तो विमानन संबन्धी सभी परियोजनाओं में तेजी लाना आसान हो जाएगा। मंत्राल के अनुसार मोदी सरकार ने देश में 14 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डो के निर्माण को नए सिरे से अनुमानित परियोजना लागत को सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है। इनके अलावा सरकार देश भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, सेना, राज्य सरकरों, निजी पक्षकारों के अधीन प्रचालनीय तथा गैर-प्रचालनीय हवाई अड्डे, हवाई पट्टी समेत कुल 476 हवाई अड्डों के विस्तार और उनके आधुनिकीकरण जैसी योजनाओं का खाका भी तैयार कर चुकी है। सरकार इन परियोजनाओं को जल्द से जल्द विकास की पटरी पर लाने के लिए कदम उठा रही है।
ग्रीनफील्ड हवाई अड्डो को मंजूरी
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा नीति-2008 के अनुसार जिन ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए उन पर आने वाली लागत की सैद्धांतिक मंजूरी दी है, उनमें उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के लिए 600.39 करोड़, गोवा में मोपा के लिए तीन हजार करोड़, महाराष्ट्र के नवी मुंबई हेतु 15149 करोड, सिंधुदुर्ग के लिए 350 करोड़ तथा महाराष्ट्र में शिरडी में पहले चरण के लिए 320.54 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। वहीं बीजापुर में 150 करोड़, कर्नाटक के गुलबर्गा में प्रथम चरण के लिए 13.78 करोड़, हासन में तीसरे चरण के लिए 793.95 करोड़, तथा शिमोगा में प्रथम चरण के लिए 38.91 करोड़, पुद्दुचेरी में कराईकल 280 करोड़,पश्चिम बंगाल में दुगार्पुर में 700 करोड़ तथा केरल में कन्नूर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए 1892 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत को सरकार ने मंजूरी दी है। इनमें से दुगार्पुर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए गत 18 मई 2015 से वाणिज्यिक प्रचालन प्रारंभ कर दिया है, जबकि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के करार के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत हवाई अड्डे का विकास नहीं कर सकी है।
29July-2015

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