सरकारी वेतन आयोग की तर्ज पर बने सांसदो के लिए तंत्र
संसदीय समिति ने सरकार से की सिफारिश
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्रीय
कर्मचारियों के हर साल बढ़ने वाले वेतन एवं भत्त्तों की तर्ज पर सांसद भी
ऐसे आॅटोमैटिक पे-रिविजन तंत्र का गठन कराने की फिराक में है, जिसमें हर
साल उनके वेतन और भत्ते बढ़ते रहे। सांसदों के वेतन एवं भत्ता संबन्धी संसद
की संयुक्त समिति ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि सांसदों के वेतन में
शतप्रतिशत और पूर्व सांसदों की पेंशन में 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए।
भाजपा
सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति ने केंद्र
सरकार से सिफारिश की है कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन आयोग की तरह सांसदों
के वेतन में भी समय-समय पर बढ़ोतरी के लिए आॅटोमैटिक पे-रिविजन तंत्र बनाने
का गठन किया जाए। केंद्र सरकार से सांसदों के वेतन एवं भत्तों संबन्धी
संयुक्त संसदीय समिति ने यह अनुशंसा भी की है, कि सांसदों के वेतन को दो
गुना तथा पूर्व सांसदों की पेंशन में 75 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। सूत्रों
के अनुसार संसदीय समिति ने सत्र के दौरान प्रतिदिन की उपस्थिति पर मिलने
वाले दो हजार रुपये के भत्ते में भी बढ़ोतरी करने के अलावा साल में मुμत में
20 घरेलू हवाई यात्राओं को 25 करने का प्रस्ताव भी दिया है। यही नहीं
समिति ने सांसदों के अधीन काम करने वाले निजी सचिवों एवं अन्य कर्मचारियों
के वेतन व भत्तों में भी इजाफा करने का प्रस्ताव किया है। फिलहाल सांसदों
को प्रति माह 50 हजार रुपये वेतन मिलता है, जबकि इसके अलावा यदि अन्य
सुविधाओं के साथ मिलने भत्तों को देखा जाए तो एक सांसद को हर माह करीब डेढ़
लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। जबकि पूर्व सांसदों को पेंशन के रूप में
20 हजार रुपये मिलते है जिसे बढ़ाकर 35 हजार करने का प्रस्ताव किया गया है।
इससे पहले संसद में सांसदों के वेतन व भत्तों में वर्ष 2010 में एक विधेयक
पारित करके बढ़ोतरी की गई थी।
कुनबा भोगे सभी सुविधाएं
समिति में कौन-कौन
भाजपा
सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली सांसदों के वेतन व भत्तों संबन्धी
संयुक्त समिति में लोकसभा सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय, थुपस्तन छेवांग, अधीर
रंजन चौधरी,सीएस पुत्तुराजू, गोकाराजू गंगा राजू, श्रीमती वी सत्याबेमा,
राजू एलीस देवप्पा अन्ना शेटी, डा. सत्यपाल सिंह व प्रवेश साहिब सिंह वर्मा
शामिल हैं। इस 15 सदस्यीय समिति में राज्य सभा के पांच सदस्य शामिल है,
जिनमें केएन बालगोपाल, सतीशचंद्र मिश्रा, डा. सीपी ठाकुर, प्रमोद तिवार और
केसी त्यागी शामिल हैं। खासबात है कि सरकार को भेजे गये प्रस्तावों पर सभी
सदस्य एक राय हैं। सोलहवीं लोकसभा की इस समिति का गठन दो सितंबर 2014 को
हुआ था, जिसकी पिछले साल 20 अक्टूबर, 17 नवंबर, 15 दिसंबर के बाद वर्ष 2015
में 16 फरवरी, 13 अप्रैल तथा 27 मई को बैठक हुई और इन प्रस्तावों पर सरकार
से अनुशंसा की गई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें