बुधवार, 22 जुलाई 2015

विपक्ष को संसद में ऐसे घेरेगी भाजपा!

कांग्रेस को नहीं मिल रहा है अन्य दलों का साथ
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में ललित गेट और व्यापम घोटाले के मुद्दे पर विपक्ष की मांग पर चर्चा कराने को सरकार पूरी तरह तैयार नजर आई। इसके बावजूद विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्रियों के इस्तीफा लेने पर अडिग खासकर कांग्रेस को सदन में घेरने के लिए भाजपा भी आक्रमकता के साथ अपने तरकश से जहरीले तीर निकालने को तैयारी कर चुकी है।
दरअसल भाजपा शासित राज्यों से जुडे कुछ मुद्दों पर कांग्रेस मोदी सरकार को संसद में घेरने की रणनीति के तहत सदन में मुस्तैद नजर आई और सरकार इन मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने को भी तैयार रही, लेकिन कांग्रेस इसके बावजूद इन मुद्दों पर कार्यस्थगन का नोटिस देने और बार बार पीठ से चर्चा शुरू करने की अनुमति देने पर चर्चा की शुरूआत करने से कतराती ही नजर नहीं आई, बल्कि पहले इन मुद्दोें से जुडे मंत्रियों और राज्य के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग की ओर मुखर हुई। राजनीतिकारों की माने तो कांग्रेस सरकार को घेरने की रणनीति को उग्र बनाने का प्रयास कर रही है, ताकि केंद्र सरकार और उसका नेतृत्व कर रही भाजपा पर संबन्धित मुद्दों से जुड़े मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे के लिए दबाव बनाया जा सके। ऐसा सरकार भी कांग्रेस पर आरोप लगा चुकी है कि वह सदन में चर्चा कराने से डर रही है। माना जा रहा है कि यदि कांग्रेस इन मुद्दो पर नरम न पड़ी तो भाजपा भी संसद में कांग्रेस शासित राज्यों के प्रकरण उठाकर सदन में राज्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के दायरे को बढ़ाने की मांग करेगी। संसदीय कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तो यहां तक कह चुके हैं कि संसद में चर्चा के लिए ऐसे मुद्दों में कांग्रेस के भ्रष्टाचार के कंकाल से अधिक मुखर और कुछ भी नहीं है। शायद यह बात कांग्रेस भी समझ चुकी है कि केंद्र सरकार उनके द्वारा पहले ही दिन उठाए गये मुद्दों पर इतनी आसानी से चर्चा कराने को किसलिए तैयार हुई है। ऐसे मुद्दों में कांग्रेस के भ्रष्टाचार के कंकाल से अधिक मुखर और कुछ भी नहीं है। दिलचस्प बात यह भी है कि इन मुद्दों पर कांग्रेस को सभी विपक्षी दलों का साथ भी मिलता नजर नहीं आ रहा है।

आखिर भाजपा के भी खुले पत्ते
कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आरोपों में सरकार को घेरने का जवाब देने के लिए भाजपा भी कांग्रेस शासित राज्यों में भ्रष्टाचार के मामलों को संसद में उठाकर कांग्रेस को घेरने की रणनीति बना चुकी है। इसके लिए मंगलवार को संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने भाजपा के पत्ते खोलते हुए राबर्ट वाड्रा और क्वात्रोच्ची तक के मामलों तक वार करने के संकेत भी दे दिये हैं। मसलन यदि कांग्रेस भाजपा शासित राज्यों से जुड़े मुद्दों पर नरम नहीं पड़ी तो संसद में भाजपा भी कांग्रेस को 'दामाद' और 'क्वात्रोच्ची' समेत कांग्रेस शासित राज्यों में 'घोटालों' के मुद्दों पर चर्चा कराने का प्रस्ताव रखेगी, जिसके लिए ललित गेट व व्यापम घोटाले की तर्ज पर ही सरकार चर्चा कराने को तैयार खड़ी हुई है। एक भाजपा सांसद का कहना है कि जब कांग्रेस सदन में राज्यों के मुद्दों पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग कर सकती है तो भाजपा भी कांग्रेस शासित राज्यों गोवा, केरल, उत्तराखंड, असम, हिमाचल प्रदेश के मुद्दों पर उनके मुख्यमंत्रियों की मांग करके आक्रमक रूख अपना सकती है। सरकार का तर्क है कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि संसद में किसी भी दल द्वारा उठाए जाने वाले हरेक मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है। चाहे वे विवादित भूमि सौदों के संबंध में चर्चा में आए सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से लेकर बोफोर्स घोटाले में क्वात्रोच्ची तक लंबित मुद्दें ही क्यों न हो। यही सरकार तो संसद में केरल में चारा घोटाले, गोवा के वाटरगेट परियोजना घोटाले, उत्तराखंड के बाढ़ घोटाले और हिमाचल प्रदेश के स्टील घोटाले और असम के घोटाले जैसे मुद्दो पर भी चर्चा कराने को तैयार बैठी हुई है।


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