मंगलवार, 7 जुलाई 2015

फर्जी लाइसेंस और शराबी ड्राइवरों की खैर नहीं!

सड़क हादसों पर गंभीर सरकार
नए मोटर वाहन कानून से सुधरेगी परिवहन व्यवस्था
मानसून सत्र में पारित बिल पास कराने की तैयारी
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
देश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने की दिशा में केंद्र सरकार गंभीर है। सरकार मानती है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए यातायात नियमों को सख्त बनाने की जरूरत है, जिसमें फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस धारकों व शराब पीकर वाहन चलाने वालों की शामत आना तय है। सरकार संसद के मानसून सत्र में इस सख्त प्रावधान वाले नए सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक को पास कराने की तैयारी में है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार पुराने मोटर वाहन कानून का स्थान पर मोटर वाहन व सड़क सुरक्षा व नियमन के प्रावधानों को मिलाकर एक करते हुए एक विधेयक तैयार किया है, जिसमें सख्त जुर्माने व सजा के प्रावधान को लेकर केंद्र सरकार राज्यों के साथ भी समन्वय स्थापित कर रही है। इस संबन्ध में सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिये कि हर संभव इस नए सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक को सरकार संसद के आगामी मानसून सत्र में पारित कराने का प्रयास करेगी। गडकरी का कहना है कि सरकार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत गंभीर है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्यों की उन आशंकाओं को भी दूर करने के लिए राज्यो के साथ समन्वय बना रही है कि नए विधेयक से राज्यों प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों का अतिक्रमण होगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे संघीय ढांचे पर प्रभाव पड़ेगा। गडकरी ने कहा एक बार कानून के बाद इस क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव के अलावा पारदर्शिता भी आएगी और अपराधों पर रोक लगेगी। गडकरी ने माना कि देश में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाओं में अपंग होते हैं जबकि 1.5 लाख लोगों की जान जाती है।

शराबी चालकों पर शिकंजा
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार को बारी बारी से चार बार नए मोटर वाहन विधेयक में बदलाव करके दंडात्मक प्रावधानों को सख्त करना पड़ा है। खासकर शराब पीकर गाड़ी चलाने और ओवरलोडिंग संबंधी दंडात्मक प्रावधानों को और भी सख्त किया है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर सरकार ने नए कानून में 10 से 20 हजार रुपये जुर्मान और छह माह की कैद तथा छह माह के लाइसेंस निलंबन करने का प्रावधान किया है। इससे पहले शराबी चालक के लिए तीन हजार रुपये का जुर्माना और एक से डेढ़ साल की कैद और डेढ़ साल के लिए लाइसेंस निलंबन का प्रावधान था। निर्धारित से अधिक रμतार पर वाहन चलाने पर विधेयक को अंतिम रूप देते हुए एक हजार से छह हजार रुपये तक जुर्माना तथा एक से तीन माह तक लाइसेंस निलंबन करने का प्रावधान किया है।
फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस होंगे निरस्त
नए कानून के अस्तित्व में आते ही सरकार देश भर में कंप्युटरीकृत परीक्षण आधारित ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिये पांच हजार केंद्र स्थापित करेगी, क्योंकि देश में 30 प्रतिशत लाइसेंस फर्जी हैं। नए विधेयक के अध्याय चार में एकीकृत ड्राइवर लाइसेंस प्रणाली का जिक्र है। इसकी धारा 66 से लेकर 84 तक में ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइविंग दक्षता टेस्ट, टेस्ट करने वाले प्रतिष्ठानों के पंजीकरण, लाइसेंस के निलंबन से लेकर निरस्तीकरण व सजा वगैरह के प्रावधान हैं।
नए विधेयक में ये भी हैं प्रावधान
मंत्रालय के अनुसार नए सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक से यातायात नियमों में किये गये सख्त प्रावधान से यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। इस विधेयक में नियमों में उल्लंघन के मामलों में 3 लाख रुपए तक के भारी जुमार्ने के साथ ही दुघर्टना में किसी की मौत पर दोषी को सात साल तक के कारावास का भी प्रावधान किया गया है। वाहन चलाते समय यातायात नियमों के उल्लंघन के अलावा गलत डिजाइन के वाहन के निर्माण पर प्रति वाहन 5 लाख रुपए जुमार्ने और कारावास का प्रस्ताव है। वहीं ड्राइविंग नियमों के उल्लंघन पर भारी जुमार्ने का प्रस्ताव किया गया है। ड्राइविंग लाइसेंस नियमों की अनुसूची-3 में धारा 286 से लेकर धारा 324 (3) तक ड्राइवर द्वारा किए जाने वाले विभिन्न अपराधों के लिए जुमार्ने एवं सजा के विस्तृत प्रावधान किए गए हैं।
07July-2015

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