बुधवार, 15 जुलाई 2015

देश को जल्द मिलेगी सबसे लंबी सड़क सुरंग!

2500 करोड़ की लागत से बनेगी सुरंग में सड़क
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में दुलर्भ इलाकों को भी सड़क संपर्क मार्ग से जोड़ने की दिशा में तैयार की जा रही सड़क परियोजनाओं में सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जहां चिनाव नदी पर दुनिया में सबसे ऊंचे रेलवे पुल की सौगात देने की तैयारी को गति दी है, वहीं सूबे के राष्ट्रीय मार्ग पर चेनानी और रामबन के नाशरी के बीच ऐसी चार लेने वाली सड़क सुरंग के निर्माण को जल्द से जल्द करने का रास्ता प्रशस्त कर दिया है, जो देश में सबसे लंबी सुरंगयुक्त सड़क के रूप में इतिहास बनेगी।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अनुसार इस सड़क सुरंग परियोजना पर 2500 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है। हालांकि इस परियोजना को यूपीए सरकार ने ही गत 23 मई 2011 को सड़क सुरंग का काम शुरू करा दिया था। इस सड़क सुरंग को जल्द पूरा कराने के लिए केंद्रीय नितिन गडकरी ने मौके पर जाकर सुरंग को पूरा खोलने के लिए आखिर विस्फोट कराया, जिसके बाद सड़क सुरंग के निर्माण में तेजी लाकर इसे देश को समर्पित कर दी जाएगी। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में 9.2 किमी लंबी सडक सुरंग जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय मार्ग पर चेनानी से नाशरी के बीच भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग होगी। मंत्रालय के अनुसार इस सड़क सुरंग परियोजना के तहत 9.2 किलोमीटर लंबी सुरंग के साथ हर 300 मीटर के अंतराल पर 29 क्रॉस मार्ग पर समानांतर निकास सुरंग का निर्माण कराया जा रहा है, जिसका मकसद विशेष रूप से पैदल चलने वालों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस सड़क सुरंग का निर्माण पूरा होने के बाद जम्मू-श्रीनगर के बीच करीब 285 किमी लंबे  राष्ट्रीय राजमार्ग आवागम के लिए लगभग 30 किलोमीटर दूरी भी कम होगी और वहीं मौजूदा दस घंटे के बजाए पांच घंटे का सफर संभव हो जाएगा। वहीं यह सुरंग पटनीटॉप क्षेत्र में पारिस्थितिकी और पुराने जंगलों के संरक्षण को सुरक्षित भी करने में मददगार साबित होगी। देश की सबसे लंबी सड़क सुरंग जम्मू-कश्मीर में जुलाई 2016 तक बनकर तैयार हो जाएगी।

सड़क सुरंग की विशेषता
चेनानी और रामबन के नाशरी के बीच 23 मई 2011 को शुरू हुए 9.2 किमी लंबी सड़क सुरंग 14 मीटर चौड़ी और दस मीटर ऊंची बनाई जा रही है, जिसका व्यास 13.3 मीटर तय किया गया है। परियोजना में तेजी लाने की दिशा में 05 मीटर मुख्य सुरंग के लिए प्रतिदिन खुदाई की जा रही है। जबकि 08 मीटर बचाव रास्ते के लिए रोजाना की गई ड्रिलिंग की जा रही है। सुरंग में पैदल राहगीरों के लिए 05 व्यास का समानान्तर बचाव का रास्ता बनाया जा रहा है। इस सड़क सुरंग को तकनीक और ऐसी गुणवत्ता के साथ तैयार किया जा रहा है जिसके जीवन की मियाद 100 साल से भी ज्यादा सुरक्षित रहे। चार लेन की इस सड़क सुरंग में 02 ट्यूब (सुरंग के) आतंरिक रूप से 29 क्रॉस मार्गों के जरिय राहगीरों के लिए हर 300 मीटर और आपात वाहनों के लिए 1200 मीटर पर जुड़े रहेंगे। एक हजार स्टॉफ और कार्यबल कामगार के रूप में अत्याधुनिक ड्रिलिंग मशीनों के साथ जुटे हुए हैं। सुरंग का प्रवेश और निकास 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होगा।
मील का पत्थर साबित
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मील का पत्थर मानते हुए कहा कि यह सुरंग अग्नि सुरक्षा और नियंत्रण सहित तैनात अत्याधुनिक सुविधाओं के जम्मू-कश्मीर में सभी तरह की परिस्थिति में सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करने के उद्देश्य से बनाई जा रही है। मसलन यह सुरंग हर मौसम में सुरक्षा प्रदान करने के अलावा जम्मू-श्रीनगर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रियों के समय की भी बचत में सहायक होगी। चार लेन वाली यह परियोजना कश्मीर घाटी के लिए सभी मौसम के अनुकूल सड़क सुविधा सृजन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगी। इस योजना ने जम्मू-कश्मीर के लगभग 2000 युवाओं को रोजगार प्रदान किया है।
15JUly-2015

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