शुक्रवार, 17 जुलाई 2015

हरियाणा-यूपी को जोडेगा बाहरी एक्सप्रेस-वे

जुड़ेंगे हरियाणा व यूपी के 98 गांव!
सरकार ने दी छह लेन के हाइवे निर्माण को मंजूरी
दिल्ली में थमेगी भारी वाहनों की रेलमपेल
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने दिल्ली जैसे महानगर की यातायात समस्या का सामना किये बिना हरियाणा के पलवल व फरीदाबाद से सीधे सोनीपत के सफर की राह को आसान बनाने के लिए कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने फरीदाबाद और पलवल से सीधे सोनीपत के लिए छह लेन वाले प्रस्तावित छह लेने वाले पूर्वी बाह्य परिधि एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी दे दी है। राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्या एनई-2 के रूप में हरियाणा व उत्तर प्रदेश के 98 गांवों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे के लिए 7558 करोड़ रुपये की लागत तय की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने इस प्रस्ताव की मंजूरी देकर पिछले अरसे से चली आ रही ऐसी मांग को हरी झंडी दे दी है। इस छह लेन के एक्सपे्रस-वे के निर्माण के बाद हरियाणा में फरीदाबाद व पलवल से सोनीपत जाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की यातायात और प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगी और समय भी बचेगा। 135 किमी लंबे इस पूर्वी बाह्य परिधि एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 7558 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिसमें 1795.20 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनरूद्धार के अलावा अन्य पूर्व निर्माण गतिविधियों पर खर्च करने के लिए शामिल है। यह प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में कई सालों से लंबित पड़ा हुआ था। सरकार की इस महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना का मुख्य मकसद हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों में बुनियादी ढांचे के सुधार में तेजी लाना है। यह सड़क दिल्ली के आसपास बाहरी परिधि में बनाई जाएगी, ताकि जिन गाड़ियों को दिल्ली में नहीं ठहरना है वह शहर के बीच से नहीं गुजरें। इस विस्तार से राज्य के संबद्ध क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी और परियोजना गतिविधियों के लिए स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
किस राज्य में कितना निर्माण
दिल्ली को अलग करते हुए हरियाणा व उत्तर प्रदेश के इलाकों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 135 किमी होगी, जिसमें हरियाणा के हिस्से में सोनीपत जिले के 13.035 किमी व फरीदाबाद-पलवल जिले के 35.513 किमी समेत कुल 48.55 किमी निर्माण होगा, जबकि शेष 86.45 किमी राजमार्ग का निर्माण उत्तर प्रदेश के हिस्से में किया जाएगा। इसमें गौतमबुद्धनगर जिले में 41.608 किमी, गाजियाबाद जिले में 24.665 किमी तथा बागपत जिले में 20.158 किमी निर्माण होना है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के बारे में हरिभूमि को जानकारी देते हुए बताया कि यह एक्सप्रेस-वे का निर्माण एनएच-1 पर सोनीपत के कुंडली गांव के पास से शुरू होगा, जो यमुना नदी को पार करते हुए बागपत जिले के एसएच-57 को पार करते हुए मवीकलां गांव से निकट से गुजरेगा। यहां से एनएच-58 पर दुहाई गांव से होते हुए एनएच-24 पर डासना के निकट से होते हुए एनएच-91 पर अकबरपुर और कासना-सिंकंदराबाद रोड के निकट सिरसा को पार करके ताज एक्सप्रेस-वे पर जगनपुरअफजलपुर गोवं तक करीब 92 किमी के निर्माण को पूरा करेगा। यहां फिर यमुना नदी को पार करते हुए मौजपुर गांव के निकट अटाली-छैनसा रोड होते हुए पलवल तक पहुंचेगा। यह निर्माण कार्य यह कार्य इंजीनियरिंग, सरकारी खरीद और निर्माण (ईपीसी) आधार पर किया जाएगा। खास बात यह भी है कि सोनीपत जाने के बाद इस एक्सप्रेस-वे का लिंग स्वत: ही वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ जुड़ जाएगा।
इन जिलों के गांव जुडेंगे
इस 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे यानि ईपीई के दायरे में हरियाणा के 32 गांव आएंगे, जिसमें सोनीपत जिले के आठ व फरीदाबाद-पलवल जिले के 24 गांव शामिल हैं। जबकि उत्तर प्रदेश के 66 गांव इस राजमार्ग के रूप में बनने वाले एक्सप्रेस-वे के दायरे में होंगे, जिनमें बागपत जिले के 12, गाजियाबाद जिले के 16 तथा गौतमबुद्धनगर के 39 गांव शामिल हैं। इसके निर्माण में जहां हाइवे को पार करना होगा, उसके लिए ऊपरी पुलों का निर्माण किया जाएगा।

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