मंगलवार, 30 जून 2015

बस तीन का इंतजार, साफ-सुधरी हो जाएगी गंगा !

नमामि गंगे पर केंद्र के साथ यूपी भी गंभीर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश की नदियों को प्रदूषणमुक्त करने के लिए  राष्ट्रीय गंगा स्वच्छ अभियान के तहत नमामि गंगे पर सरकार ने गंभीर है, जिसके लिए सरकार ने दावा किया है कि अगले तीन साल में गंगा के जल का प्रवाह पूर्णतया निर्मल हो जाएगा, जिसका पहला चरण में अगले साल अक्टूबर में पूरा कर लिया जाएगा।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार के नमामि गंगे मिशन में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र के सहयोग हेतु गंभीरता के साथ गंगा सफाई के लिए कमर कस ली है। सोमवार को इलाहाबाद में नमामि गंगे मिशन पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने संयुक्त रूप से योजनाओं के खाके की संयुक्त प्रस्तुति पेश की। इसका अवलोकन करने के बाद केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने दावा किया है कि जिस प्रकार से यूपी सरकार इस महत्वाकांक्षी मिशन में केंद्र का सहयोग करके आगे बढ़ रही है उससे निश्चित रूप में अगले तीन सालों में 11 प्रमुख शहरों में गंगा के जल का प्रवाह पूर्णतया निर्मल हो जाएगा, जिसका पहला चरण अगले वर्ष अक्टूबर तक पूरा कर हो जाएगा। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। सुश्री भारती ने उत्तर प्रदेश सरकार का आव्हान किया है कि वह पूरी निष्ठा और गंभीरता के साथ केंद्र सरकार के इस कार्यक्रम में इसी प्रकार सहयोग दे। उन्होंने कहा कि इस पूरे कार्यक्रम को पारदर्शी बनाने के लिए इसके आकलन की जिम्मेदारी नेहरू युवा केंद्र और गंगा वाहिनी पर होगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम में गंगा के साथ-साथ उसकी सहयोगी नदियों पर भी बराबर ध्यान दिया जाएगा।
गंगा के तटो पर होगी सुरक्षा
जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार नमामि गंगे मिशन के लक्ष्य को अंजाम तक पहुंचाने की दिशा में अगले सप्ताह 2 और 3 जुलाई को जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान में पर्यावरण और वन मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, युवा मामलों के मंत्रालय और अर्द्ध सैनिक बलों के साथ गंगा के दोनों किनारों पर उपयोगी वनस्पति और वृक्ष लगाने के कार्यक्रम पर विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे। उमा भारती ने इसके लिए केंद्रीय जल आयोग को निर्देश दिया है कि भविष्य में ऐसे किसी भी बांध के निर्माण को मंजूरी न दी जाए, जो नदी के अविरल प्रवाह में बाधक हो। उमा भारती ने गंगा किनारे स्थित 1619 ग्राम पंचायतों में निर्मल गंगा अभियान शीध्र प्रारंभ करने का ऐलान भी किया है, जिसमें से गंगा को सर्वाधिक प्रदूषित करते आ रहे 100 गांवों में गंगा ग्राम के नाम से यह योजना तीन महीने के अंदर शुरू हो जाएगी।
यूपी में होगा ज्यादा काम
गंगोत्री से गंगा तक इस मिशन के लक्ष्य को पूरा करने के ज्यादातर शहर उत्तर प्रदेश के ही शामिल है, जिनमें यूपी सरकार और जिला प्रशासन की भूमिका अहम होगी। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी जैसे बड़े शहरों के लिए कुछ काम को पूरा कर लिया गया है, जिसमें केंद्र सरकार इलाहाबाद में 1700 करोड़, वाराणसी में 2100 करोड़ तथा कानपुर में एक हजार करोड़ रुपये की लागत से नमामि गंगे मिशन को अंजाम तक पहुंचाएगी। इन तीनों शहरों में कुल 4800 करोड़ की लागत से नदी में गिरने वाले नालों, सीवरों और गंदे जल को गंगा नदी में बिना जलशोधन के पड़ने से रोकने वाली योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। नदी के तट के विकास के लिए केंद्र सरकार ने यूपी सरकार से निजी क्षेत्र से सीएसआर के तहत निवेश का भी आग्रह किया है।
30June-2015



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