बुधवार, 3 जून 2015

जलमार्ग के साथ देश में विकसित होंगे 1100 द्वीप


पर्यटन क्षेत्र मे 300 प्रकाश स्तंभ बनाना भी लक्ष्य
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
देश में विकास के एजेंडे के लक्ष्य पर जहां सड़क व रेल यातायात की ढांचागत सुविधाओं का विकास करना प्राथमिकता पर है, वहीं मोदी सरकार का अंतर्देशीय जलमार्ग को विकसित करके सामाजिक और आर्थिक ढांचे को सशक्त बनाना है। सरकार का मानना है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक इस विकास के एजेंडे की रीढ़ है जिसके जरिए देश के विकास और रोजगार सृजन की राह बेहद आसान हो सकेगी।
केंद्र सरकार ने  राष्ट्रीय जलमार्ग कानून के जरिए देश में 101 नदियों को जलमार्ग में बदलने की योजना का खाका तैयार किया है, ताकि सड़क व रेल यातायात के साथ जल संबन्धी ढांचागत सुविधाओं का विकास भी किया जा सके और देश को सामाजिक व आर्थिक रूप से विकास के एजेंडे की दहलीज पर लाया जा सके। इस संबन्ध में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जलमार्ग को विकसित करने के लिए देश की 101 नदियों को चिन्हित किया है। केंद्र सरकार का देश की 101 नदियों को जलमार्ग में बदलने के संबन्ध में राष्टÑीय जलमार्ग विधेयक संसद में लंबित है, जिसके आगामी मानसून सत्र में पारित होने की संभावना है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं का पूर्ण रूप से दोहन करने पर भी ध्यान दिया है। यही कारण है कि सरकार 101 नदियों को जलमार्ग में तब्दील करके जलमार्गों के विकास के लिए अगले दो-तीन साल के लक्ष्य में 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजना का खाका तैयार कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए उनके मंत्रालय ने जलमार्ग के विकास के संबन्ध में तैयार किये गये कैबिनेट नोट में 300 लाइट हाउस तथा 1100 द्वीप विकसित करने के प्रस्ताव को शामिल किया है। गडकरी के अनुसार सरकार की इस मेगा योजना से देश में जल संबंधी ढांचागत सुविधा और भी ज्यादा मजबूत होगी। मंत्रालय के अनुसार 101 नदी जलमार्ग में से 16 नदियों के बारे में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट इस महीने पूरी कर ली जाएंगी, जबकि अन्य 40 नदियों के बारे में रिपोर्ट दिसंबर 2015 तक तैयार होने की संभावना है।
भूमि कानून से मिलेगी मजबूत राह
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि एक साल के कार्यकाल में हालांकि सरकार ने विकास की परियोजनाओं खासकर सड़क परियोजनाओं को अभी तक के इतिहास में सर्वाधिक तेजी प्रदान की है, लेकिन यदि शुरूआती दौर में भूमि अधिग्रहण विधेयक को मंजूरी मिल जाती तो देश की तस्वीर कुछ और ही होती। उन्होंने कहा कि देश में करीब 30 करोड़ की आबादी गरीबी के दायरे में है। और भूमि अधिग्रहण में संशोधन लागू होने से जहां किसानों को सामाजिक व आर्थिक रूप से लाभ होगा, वहीं देश के विकास को तो पंख लगने ही हैं, वहीं गरीब लोगों के लिए रोजगार सृजन की राह भी तेजी से आगे बढ़ेगी। मसलन इस कानून के लागू न होने के कारण सड़क, रेल और जल संबन्धी परियोजनाओं को जिस तेज गति से विकसित करने का लक्ष्य था उसे गति नहीं मिल पा रही है।
बांग्लादेश से भी उम्मीदें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी बांग्लादेश यात्रा को भी राष्ट्रीय जलमार्ग के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें उम्मीद है कि जलमार्ग के जरिये वस्तुओं के परिवहन पर दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते होंगे। गडकरी के अनुसार सरकार इन जलमार्गों का विकास में तेजी लाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल की योजना बना रही है, इसके लिए बोलीदाताओं ने पांच सड़क परियोजनाओं में उत्साह दिखाया है। इसमें लार्सन एंड टूब्रो की बोली शामिल है जिसने लागत से 20 प्रतिशत कम बोली लगायी है।
03June-2015

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