गुरुवार, 4 जून 2015

तो डाकघरों के भी फिरने लगे दिन!

ग्रामीण डाकघरों को मिलेगी वायरलेस कनेक्टिविटी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने ‘डिजीटल इंडिया’ अभियान के तहत देशभर में डाकघरों का भी नई तकनीक के साथ आधुनिकीकरण करने का निर्णय लिया है, जहां आम जनता को बैंकिंग और रेलवे टिकट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की योजनाओं का विस्तार करना शामिल है।
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय के अनुसार एक साल के कार्यकाल में डाक विभाग का कायाकल्प करने की योजना के तहत केंद्र सरकार ने देशभर के डाकघरों का आधुनिकीकरण करने पर ज्यादा जोर दिया है। इसके तहत देश में 14.55 करोड़ खाते रखने वाले 2590 डाकघरों को कोर बैंकिंग समाधान सुविधा प्रदान करके उनका आधुनिकीकरण किया गय है। इस तकनीक के साथ ही सरकार ने 115 डाकघरों में एटीएम की व्यवस्था को शुरू किया है। इसी प्रकार 1.30 लााख ग्रामीण डाकघरों के लिए वायरलैस कनेक्टविटी सहित बायोमिट्रिक सौर ऊर्जा चालित मोबाइल उपकरणों का प्रमाणन देने की योजना को पूरा किया है। डाकघरो की कायाकल्प और उनके प्रति लोगों को आकर्षित करने की दिशा में 13264 डाकघरों को कोर डाक जीवन बीमा व्यवस्था में अंतरित किया गया है। मंत्रालय के अनुसार मोदी सरकार की गत 22 जनवरी को शुरू की गई 'सुकन्या समृद्धि योजना' के तहत पांच माह में ही 47 लाख से भी ज्यादा खाते डाकघरों में खोले जा चुके हैं। इसके लिए सरकार ने कुल निवेश का 570 करोड़ रुपये का आंकड़ा भी पार कर लिया है। मंत्रालय ने कहा कि डाकघरों में पिछले साल नवंबर में शुरू की गई किसान विकास पत्र की योजना में करीब 2600 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया जा चुका है।
आर्थिक सेहत सुधरी
संचार मंत्रालय के अनुसार डाकघरों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गये कदमों के तहत स्पीड पोस्ट के जरिए वर्ष 2014-15 में 1470 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है। जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 1369 करोड़ रुपये थी। गौरतलब है कि आठ राज्यों में की गई विस्तृत पड़ताल के आधार पर कैग की गत 8 मई 2015 को संसद में पेश की गई रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि स्पीड पोस्ट सेवा की गुणवत्ता निजी कुरियर की सेवाओं के मुकाबले काफी अच्छी है। वहीं पार्सल से अर्जित राजस्व की वृद्धि दर वर्ष 2013-14 में घटकर 2 फीसदी नकारात्मक रह गई थी, जबकि वर्ष 2014-15 के दौरान इसमें 37 फीसदी का जोरदार इजाफा हुआ। मंत्रालय का दावा है कि डिलीवरी पर नकदी संग्रह वर्ष 2014-15 में पांच गुना बढ़कर 500 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 100 करोड़ रुपये ही थी। सरकार की पहल और उठाए गये सकारात्म कदमों के कारण डाक विभाग की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है जो आने वाले दिनों में डाक विभाग अपनी महत्ता पेश करने में सफल हो सकेगा।
04June-2015

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