रविवार, 21 जून 2015

फास्ट ट्रैक पर सीमाओं की सड़क परियोजना!

दस हजार किमी सड़क निर्माण में दो हजार पुल भी शामिल
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में सड़को का जाल बिछाकर विकास के एजेंडे को अंजाम तक पहुंचाने की कवायद में जुटी मोदी सरकार ने सीमावर्ती इलाकों को आबाद करने का खाका तैयार किया है। इसके लिए देश की सीमावर्ती इलाकों की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की सड़क परियोजनाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। सीमावर्ती इलाकों की सड़कों राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडने के लिए सरकार के इस मेगा प्लान में सरकार 10 हजार किमी सड़क निर्माण होगा, जिसमें दो हजार पुलों का निर्माण भी शामिल है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार मोदी सरकार ने इसके लिए खासकर पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं को मजबूत करने की दिशा में पहले ही ‘भारत माला’ नामक महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना का रोडमैप तैयार करके उसे अंतिम रूप दे दिया है। सरकार के इस मेगा प्लान में अगले पांच साल में 1.30 लाख करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है, जिसमें देश के सीमावर्ती इलाकों में दो हजार ओवर ब्रिज समेत दस हजार किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होगा। भारत माला परियोजना भी इसी मेगा प्लान में शामिल है। भारत माला सड़क परियोजना में पांच हजार किलोमीटर का सड़क नेटवर्क पूर्वोत्तर राज्यों में तैयार किया जाएगा, जिस पर 55 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। मंत्रालय के अनुसार सरकार को मकसद सीमाओं के दूर-दराज इलाकों की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गो से जोड़कर सेनाओं के सामने आवाजाही के लिए होने वाली परेशानी और चुनौतियों से निपटना भी है। इस बड़ी सड़क परियोजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने नेशनल हाइवे एवं इंफ्रास्टक्चर डेवलपमेंट यानि एनएचआईडीसीएल को अगले पांच साल तक तय किये गये लक्ष्य पर 1.30 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं आवंटित की है। मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी ‘भारत माला’ परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण को फास्ट ट्रैक पर शुरू किया जाएगा।
कसौटी पर एनएचआईडीसीएल
मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि पिछले साल जुलाई में ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन गठित की गई एनएचआईडीसीएल पर सरकार का भरोसा बढ़ा है, जिसकी बदौलत सड़क निर्माण परियोजनाओं के लक्ष्य को तेजी से बढ़ाने में मदद मिली है। सरकार को उम्मीद है कि विकास के एजेंडे को पूरा करने वाले लक्ष्य समय सीमा के भीतर पूरे कर लिये जाएंगे। सरकार की कसौटी पर खरी उतरती दिख रही एचआईडीसीएल नामक कंपनी ने शुरूआत में कंपनी बोर्डर सड़क संगठन के साथ मिलकर पूर्वोत्तर राज्यों में 18 सड़क परियोजनाओं के तहत त्रिपुरा, असम, मेघालय और अरुणाचल में 600 किमी सड़क का निर्माण कर चुकी है। मंत्रालय का दावा है कि पिछले महीने ही इस कंपनी ने दस परियोजनाओं की आधारशीला रखी, जिसमें 281 किमी सड़क निर्माण का कार्य चालू वित्त वर्ष के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड और सिक्किम में होना है।
21June-2015


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