शनिवार, 20 जून 2015

सोलर ऊर्जा से रोशन करने की कवायद!

एक लाख मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार ने विकास के एजेंडे को पंख लगाने की ऐसी परियोजनाओं को शुरू करने के लिए कदम बढ़ाए हैं, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो सके। इसी दिशा में देश को सोलर ऊर्जा से रोशन करके दुनिया में भारत की ताकत का अहसास कराने की कवायद शुरू की है। सरकार ने छह लाख करोड़ रुपये के निवेश के सहारे एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया है।
देश में बिजली संकट को दूर करने के लिए हालांकि यूपीए सरकार ने भी सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजनाएं शुरू की थी, लेकिन उन्हें सिरे नहीं चढ़ाया जा सका। अब देश को बिजली के क्षेत्र में मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने जवाहर लाल नेहरू सोलर मिशन के तहत इस लक्ष्य में पांच गुना वृद्धि करने का फैसला किया है। मसलन सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए वर्ष 2022 तक एक लाख मेगावाट सोलर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए सोलर ऊर्जा परियोजना में केंद्र सरकार छह लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। सरकार के फैसले के अनुसार सरकार वर्ष 2022 तक 40 हजार मेगावाट बिजली छतों पर लगने वाले सोलर संयंत्रों यानि रूफ टॉप के जरिए पैदा करेगी। जबकि शेष 60 हजार मेगावाट के लक्ष्य को बड़े और मझोले ग्रिड से जुड़े सोलर प्रोजेक्ट के जरिए पूरा करेगी। सूत्रों के अनुसार 2022 तक तय किये गये इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार 90 हजार करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से सरकारी कंपनियों के अलावा प्राइवेट कंपनियों और राज्य सरकारों के सहयोग से सोलर पॉवर प्लांट लगाएगीँ जाएंगे। इस और इन पर 90 हजार करोड़ रुपये का निवेश का अनुमान है। इस निवेश के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसमें इस पूरे लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट और छोटे सोलर प्रोजेक्ट पर 15050 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी।
एक तीर से कई निशाने
केंद्र सरकार देश में बिजली संकट से निपटने के लिए जहां सोलर ऊर्जा परियोजना को बढ़ावा दे रही हैं, वहीं सरकार सोलर मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करके इसे तकनीकी हब बनाने के लिए आर्थिक रूप से सहायता भी करेगी, ताकि इस क्षेत्र में भी रोजगार सृजित किये जा सकें। सरकार इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए रूफटॉप पर सोलर प्रोजक्ट के फायदे भी गिना रही है, जिसमें बिजली उपयोग करने का खर्च भी घटेगा।
यूपीए ने शुरू की थी योजना
मोदी सरकार से पहले वर्ष 2009 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने जवाहर लाल नेहरू सोलर मिशन की शुरूआत की थी और वर्ष 2022 तक 20 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन सोलर पावर के जरिए करने का लक्ष्य तय किया था। हालांकि इस मिशन से सोलर ऊर्जा की क्षमता में सुधार तो हुआ है और यूपीए सरकार सोर ऊर्जा की दर में कमी लाने में भी कुछ हद तक सफल रही। लेकिन यह लक्ष्य पांच साल में केवल 3800 मेगावाट सोर ऊर्जा तक ही बढ़ सका है। यानि मिशन में झोल के कारण सौर ऊर्जा की उत्पादन क्षमता को सिरे नहीं चढ़ाया जा सका। अब मोदी सरकार ने इस मिशन की समीक्षा करने के बाद लक्ष्य को बढ़ाने का फैसला किया है।
18June-2015


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें