तेल कंपनियों की आर्थिक सेहत सुधारने की कोशिश
तेल निर्यातक देशों से करार करेगी सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने भारतीय तेल कंपनियों को घाटे से निजात दिलाने के लिए तेल
निर्यातक देशों से ऐसे करार करने की रणनीति तैयार की है, जिसमें तेल की
जरूरत के अवसर बदले और आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ इस क्षेत्र में
रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिल सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की
अगुवाई में केंद्र सरकार देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए
अंतर्राष्टÑीय व्यापार को चार चांद लगाने के प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए
अपनाई जा रही रणनीति इस बात का संकेत है कि सरकार विभिन्न सेक्टरों की
कमजोर अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर ला सके। सरकार के विकास एजेंडे में देश
की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की इस रणनीति में तेल क्षेत्र की आर्थिक
सेहत भी सुधारना शामिल है। पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार
तेल क्षेत्र में भी ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर भी पैदा करना चाहती
है। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र
प्रधान ऐसी कार्ययोजना को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। मंत्रालय के
अनुसार इस रणनीति में तेल की अपनी आवश्यकता के अवसर बदलने कमे लिए तेल
निर्यातक देशों के साथ समझौते करके भारत अब तेल के लिए अतिरिक्त बैरल की
मांग करने की सीमा में विस्तार कर सकता है। तेल के क्षेत्र में मजबूती लाने
के प्रयास में सरकार का प्रयास है कि तेल की खरीददारी करने के देश में
रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो सके। मंत्रालय का मानना है कि देश में तेल
की कमी को अपनी जरूरत के अनुसार बढ़ाकर इस क्षेत्र में आर्थिक स्थिति को
मजबूत किया जा सकता है, जिसमें रोजगार सृजन के मौके स्वत: ही बढ़ने की
उम्मीद की जा रही है। गौरतलब है कि विश्व में भारत ऐसा चौथा बड़ा तेल
उपभोक्ता होने के साथ तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, जो करीब 80 प्रतिशत
कच्चे तेल का आयात करता आ रहा है। सरकार देश में तेल उत्पादन की इस दर को
बढ़ाने की कोशिश में है।
चार मोर्चा पर बनी रणनीति
राजग
सरकार के एक साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका,
जापान, आस्ट्रेलिया, चीन, बांग्लादेश, फ्रांस, ब्राजील,इजराईल, फिजी,
मंगोलिया, म्यामार, भूटान व नेपाल समेत 18 देशों की यात्रा के दौरान भारत
की बेहतर तस्वीर पेशकर निवेश के लिए भारत को एक बेहतर स्थान के रूप में पेश
किया है। देश में बढ़ते निवेश की और ज्यादा संभावनाओं के आधार पर तेल
मंत्रालय ने चार मोर्चो पर रणनीति तैयार की है। मंत्रालय के अनुसार भारत की
नई तेल रणनीति के लक्ष्य में सरकार तेल और गैस संपदा की खरीददारी, बेहतर
शर्तों के साथ आयात, पाइपलाइन एवं रिफाइनिंग के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की
जुगत में है।
14June-2015
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