शनिवार, 27 जून 2015

जलमार्गो के विकास में आगे बढ़ी सरकार!

राज्यों के संग बनेगा अंतर्देशीय जलमार्ग निगम
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के देश में 101 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप विकसित करने के लिए राज्यों से संयुक्त उद्यम बनाने के लिए उद्योगोें को आगे लाने का आग्रह किया। सरकार ने राज्यों से केंद्र के साथ मिलकर अंतर्देशीय जलमार्ग निगम बनाने का प्रस्ताव भी दिया है,जिसमें राज्यों की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
केंद्र सरकार देश की नदियों को जलमार्ग के रूप में विकसित करने की परियोजनाओं के लक्ष्य पर तेजी से आगे बढ़ने की तैयारी कर चुकी है, जिसके लिए सरकार ने देश की 101 नदियों को जलमार्ग में तब्दील करने के लिए चिन्हित किया है। केंद्रीय सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पंख लगाने की दिशा में राज्यों के साथ समन्वय करके उन्हें हिस्सेदार बनाने की योजना भी बनाई है, जिसके लिए राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार राष्ट्रीय जलमार्गो के विकास के लिए संयुक्त उद्यम बनाने की योजना पर काम कर रही है जिसके लिए केंद्र ने राज्यों से केंद्र के साथ मिलकर एक अंतर्देशीय जलमार्ग निगम बनाने का प्रस्ताव दिया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से इस निगम के गठन में राज्यों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव रखा है, जबकि शेष केंद्र सरकार वहन करेगी। गडकरी पहले भी कह चुके हैं कि माल ढुलाई और यात्री परिवहन के लिए अंतदेर्शीय जलमार्गों के विकास के लिए सरकार निजी निवेश को भी बढ़ावा देगी।

चीन का मुकाबला करने की तैयारी

मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने बजट सत्र के दौरान राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक पेश किया था, जो पारित नहीं हो पाया था और उम्मीद है कि इस विधेयक को मानसून सत्र में पारित करा लिया जाएगा। सरकार का मकसद है कि देश में पहले से मौजूद पांच जलमार्गो का माल ढुलाई और यात्री परिवहन के तौर पर उपयोग चीन, कोरिया, फ्रांस और ब्रिटेन के मुकाबले बहुत कम हो रहा है। सरकार चाहती है कि देश में चिन्हित की गई 101 नदियों को जलमार्ग के रूप में विकसित करके जल परिवहन में तेजी लाई जाए,ताकि चीन जैसे देशों के जल परिवहन से मुकाबला किया जा सके। इसके लिए सरकार के 101 राष्ट्रीय जलमार्गों की घोषणा के प्रस्ताव को अभी केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलना भी बाकी है, जिसे जल्द कैबिनेट में लाया जाएगा। सरकार चाहती है कि संसद में इस संबन्धी विधेयक को मंजूरी मिलने से इस परियोजना में तेजी लाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि इससे पहले पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने सिर्फ पांच राष्ट्रीय जलमार्गों की घोषणा की थी।
पहले चरण की नीति तैयार
मंत्रालय के अनुसार सरकार की इस परियोजना के तहत हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जलमार्ग के संबंध में पहले ही डीपीआर तैयार हो चुकी है, जिसमें विश्व बैंक ने हल्दिया-वाराणसी गलियारे के दायरे में तीन मीटर गहराई के रख-रखाव के लिए 4500 करोड रुपये की सहायता प्रदान भी कर दी है। पहले चरण में इस परियोजना को पंख लगाने के लिए सरकार ने जहाज निर्माण और जहाज तोड़ने की नीति भी तैयार कर ली है।
27June-2015

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