मंगलवार, 9 जून 2015

बिहार में भाजपा का अश्वमेध रथ रोकने को लामबंद विपक्ष



जदयू-राजद गठबंधन में नीतीश के नेतृत्व में सियासी दावं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
आखिर जनता परिवार में मुखिया की भूमिका निभाते आ रहे सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने बिहार चुनाव में जदयू व राजद गठबंधन पर मुहर लगा दी है। जदयू व राजद में सहमति बनाकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार चुनाव लड़ने का दांव खेलकर समाजवादी दलों ने भाजपा के अश्वमेध रथ को रोकने की सियासत को मजबूत करने का भी दावा किया है।
बिहार में इसी साल सितंबर-अक्टूबर में संभावित विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद के गठबंधन में मुख्यमंत्री पद और सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद की सुगबुगाहट होने लगी थी। जब यह विवाद जनता परिवार की एकजुटता के लिए मुखिया की भूमिका निभा रहे सपा प्रमुख मुलायम सिंह के दरबार पहुंचा तो जदयू-राजद गठबंधन से एक दिन पहले मुहर लगी, लेकिन मुख्यमंत्री पद का पेंच फंसा हुआ था, जिसे सोमवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जदयू प्रमुख शरद यादव की मौजूदगी में नीतीश कुमार पर चुनावी दांव खेलने पर सहमति बन गई, जिसका एक संवाददाता सम्मेलन बुलाकर इन स्वयं सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने ऐलान कर दिया। मसलन बिहार चुनाव में इस गठजोड में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तय कर दिया गया और दोनों दलों के गठबंधन पर मंडराए संकट के बादलो को छांट दिया गया।
सीटों के बंटवारे पर समिति गठित
बिहार चुनाव में जदयू और राजद के गठबंधन के विवाद को लेकर दोनों ही दल सपा प्रमुख मुलायम सिंह के दरबार पहुंचे हुए थे। दोनों ही दलो का मानना था कि मुख्यमंत्री पद से ज्यादा सीटों के बंटवारा बिहार चुनाव सियासी जमीन तय करेगा। इसलिए दोनों दलों की सहमति से छह सदस्यीय समिति गठित की गई, जो सीटो के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए विचार करेगी। हालांकि सोमवार को दोनों ही दलों के प्रमुखों लालू यादव व शरद यादव ने कहा कि सीटों के बंटवारे पर भी आपस में कोई मतभेद नहीं है। इस समिति में महत्वपूर्ण भूमिका में शामिल सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने विश्वास जताया कि दोनों दलों के नेता प्रभावी सीट बंटवारे का प्रबंध जल्द ही पूरा करके सूची सौंपेगी और यह समिति उन पर विचार करके अंतिम निर्णय लेगी।
सांप्रदायिक ताकतों की विदाई करना मकसद
सपा प्रमुख मुलायम सिेंह यादव ने कहा कि बिहार में दोनों दल का गठबंधन साम्प्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें अन्य समाजवादी विचारधारा के दलों से भी बातचीत हो रही है। वहीं लालू यादव ने कहा है कि दोनों दलो के गठजोड पर कोई मतभेद नहीं है और न ही हम कोई मतभेद उत्पन्न नहीं होने देंगे। लालू यादव ने राज्य में इस शीर्ष पद के लिए नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव करने के बारे में कहा कि नीतीश से कोई मतभेद नहीं है। वैसे भी राजद या उनके से मुख्यमंत्री पद का कोई दावेदार नहीं है और वह स्वयं चुनाव लड़ नहीं सकते, इसलिए जदयू व राजद नीतीश के नेतृत्व में एकजुट होकर सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए चुनाव मैदान में आ रहे हैं। इन दोनों दलो के गठजोड़ से बिहार चुनाव के दौरान सपा समेत जनता परिवार में शाामिल अन्य दलों के वरिष्ठ नेता भी चुनाव प्रचार करेंगे।
कांग्रेस से गठजोड नहीं
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने से नाराज मुलायम सिंह यादव की नसीहत के बाद सोमवार को नीतीश कुमार ने सफाई में कहा कि भाजपा जैसे दलों को रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी उनके समर्थन में हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ उनका कोई चुनाव गठजोड़ नहीं है। कांग्रेस की तरह ही एनसीपी और सीपीआई भी जदयू व राजद गठबंधन का समर्थन कर रही है। नीतीश का कहना है
कि जदयू व राजद विलय के पक्ष में हैं।
हार की निराशा का गठजोड़
बिहार चुनाव में भाजपा के खिलाफ लामबंद होते विपक्षी दलों में राजद-जदयू गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह गठबंधन दो हारे हुए नेताओं की निराशा का प्रतीक है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा के बढ़ते जनाधार से घबराए उस नीतीश कुमार जो लालू यादव के शासन का 17-18 साल से भाजपा के साथ विरोध करते थे, अब उसी लालू यादव के साथ सियासी दांव खेलकर नया बिहार बनाने का दावा कर रहे हैं। वहीं लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने भी लालू-नीतीश की दोस्ती पर व्यंग्य बाण छोड़े और कहा कि अब तो नीम करेला के साथ जुड़ गया है।
09June-2015

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