रविवार, 14 जून 2015

साक्षात्कार: खनन उद्योग की सूरत में आया बदलाव: तोमर

नये अधिनियम से बदलेगी भारतीय खनन उद्योग की सूरत: तोमर
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय खान मंत्रालय ने राज्यों को संसाधन संपन्न करने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं। बदले निजाम में मंत्रालय द्वारा साल भर में लिए गए फैसलों के कारण राज्यों को प्राप्त होने वाले राजस्व में तेजी से इजाफा हुआ है। रॉयल्टी दर तथा अनिवार्य किराए में संशोधन के कारण अब राज्यों को मिलने वाला कुल राजस्व लगभग 9400 करोड़ रुपएसे बढ़कर तकरीबन 13,300 करोड़ पहुंच गया है। खनन की नीलामी मे पारदर्शिता, निष्पक्षता और स्पष्टता आने से निवेशकों का भरोसा भी बढ़ने लगा है। जिससे आने वाले दिनों में खनन उद्योग को पंख लगेंगे। यह बात केंद्रीय इस्पात और खनन मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने ‘हरिभूमि’ के वरिष्ठ संवाददाता ओ.पी. पाल के साथ हुई खास बातचीत में कही है, जिसके अंश इस प्रकार हैं।
       आपकी राय में मोदी सरकार का एक वर्ष कैसा रहा?
मोदी सरकार को एक साल पहले सत्ता संभालते ही देश में आम आदमी का अविश्वास, भ्रष्टाचार, आर्थिक बदहाली, बढ़ती बेरोजगारी और सरकारी खजाना विरासत में मिला, जिसकी चुनौतियों को स्वीकारते हुए सरकार ने जनता में केंद्र सरकार का विश्वास हासिल ही नहीं किया, बल्कि देश के विकास और जनता की उन अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती से भी पार पाया है। देश के सर्वांगीण विकास और कल्याणकारी योजनाओं को दिशा देना बड़ी चुनौती माना जा रहा था। यह महज इतेफाक नहीं है कि पिछले दस वर्षों से न थमने वाली महंगाई दर दस से घटकर 5 प्रतिशत से भी नीचे आ गयी। सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ के सपने को साकार करने के लिए उद्योग जगत के प्रति सकारात्मक माहौल तैयार किया है।
मोदी सरकार की ऐसी कौन सी योजनाएं है जो गरीबों के लिए फायदे मंद हैं?
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के जरिए 15 करोड़ 8 लाख परिवारों को बैंकिंग से सीधे जोड़ने के अलावा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, एक हजार रुपये न्यूतनतम पेंशन योजना, मुद्रा बैंक योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्याा योजना के अलावा 45 करोड़ मजदूरों को स्मांर्ट कार्ड, प्रधानमंत्री रोजगार योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना सब गरीबोन्मुखी उपाय हैं। आजादी के साठ साल में पहली बार देश में गरीबोें की समस्या का समाधान लेकर आई मोदी सरकार ने आम आदमी, गरीबों और वंचित वर्ग के हित में एक साल के भीतर कथनी को करनी में बदला है।
खनन उद्योग के विकास की क्या योजनाएं हैं?
मोदी सरकार में खान और खनिज संशोधन विधेयक को संसद में पारित कराने का मकसद ही खनन उद्योग को मजबूती प्रदान करना है। खासकर अवैध खनन रोकने को सख्त सजा का प्रावधान भी किया गया है। सरकार ने खनन में एक्सप्लोरेशन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की स्थापना की है, जिसमें इसके वित्तपोषण के लिए प्रावधान शामिल है। खनन उद्योग को बुलंदियों पर ले जाने के लिए इस ट्रस्ट में मौजूदा रॉयल्टी दर पर इस निधि में प्रतिवर्ष 300 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होने का अनुमान है। नए अधिनियम में इस नीति को अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को पूर्वेक्षण कार्य हेतु भी अधिसूचित किया है। इसका मकसद खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगो के कल्याण और विकास पर पहली बार ध्यान देकर एक व्यवस्था के तहत जिला खनिज निधि की स्थापना का प्रावधान किया गया है। इस तंत्र बनाने का मकसद के जरिए खनन क्षेत्र में विशेष रूप से अनुसूचित जाति के लोगों के जीवन स्तर को मजबूत बनाना है।
इस्पात के क्षेत्र में आपके मंत्रालय की क्या उपलब्धियां रही?
उनके मंत्रालय की इस्पात क्षेत्र में एक समन्वयक की भूमिका है क्योंकि यह एक अनियंत्रित क्षेत्र है। फिर भी हम इस्पात उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों के बीच एक सहयोगी और सहकारी भूमिका निभाते हैं। इस साल पहले चार महीने के आंकड़े गवाह हैं कि स्टील उत्पादन में भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़कर वैश्विक स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है और उम्मीद है कि इस क्षेत्र में बढ़ते निवेशकों के विश्वास के बीच इस्पात कंपनियों के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण की लंबित योजनाओं को तेज रμतार देकर 2020 तक भारतीय इस्पात उद्योग को विश्व में दूसरे स्थान पर लाने का लक्ष्य है।
आप मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं सूबे के लिए कुछ विशेष योजनाएं?
जैसा कि मैंने मध्यप्रदेश ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कहा था कि हम मध्य प्रदेश की धरती पर बड़े पैमाने पर निवेश ला रहे हैं। इसी कड़ी में हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड, मध्य प्रदेश की मलांजखण्ड ताम्र परियोजना के अंतर्गत वर्तमान खुली खदान के नीचे ही 1856 करोड़ रुपए की लागत से 5 मिलियन टन वार्षिक ताम्र अयस्क उत्पादन क्षमता की अगले पांच साल में भूमिगत खान का विकास करने जा रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सेल सूबे में आयरन खनिज एसेस, तो नालको बॉक्साइट रिजर्व क्षेत्र में एल्यूमीनियम रिफायनरी में निवेश करेगा। इसी प्रकार सौर ऊर्जा में एचसीएल तथा मैंगनीज संयंत्र की मॉइल द्वारा संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। वहीं एनएमडीसी सूबे के टीकमगढ़ में हीरा उत्खनन में निवेश करेगा, जो अगले तीन साल के भीतर राज्य के जियो-केमिकल और जियो-माइनिंग सर्वे का काम पूरा कर लेगा। कोल ब्लॉक आवंटित होने पर नालको तथा एनएमडीसी पॉवर प्लांट भी लगाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्राओं को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं क्यों?
जी देखिए! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनियाभर में भारत की छवि बनी है, खासकर पड़ोसी देशों से संबन्धों में भी प्रगाढ़ता आई है। पीएम के करीब तीन दर्जन देशों के दौरे में भारत के सर्वांगीण विकास और अन्य क्षेत्रों में जिस प्रकार के समझौतों पर मुहर लगी है वे सभी भारत के समृद्ध विकास और नई ऊर्जा के संचार होने का संकेत हैं। यही नहीं भारत की कूटनीति और रणनीतियों के मुरीद होते कई अन्य देश भारत की ओर ताकते नजर आ रहे हैं। जहां तक विपक्षी दलों की आलोचना का सवाल है, उसमें निराशा और हताशा के साथ अप्रसांगिक हुई कांग्रेस के सामने नेतृत्व का संकट मुहं बाए खड़ा है, जो साठ साल से ज्यादा तक सत्ता में रहते हुए भी देश और जनहित में वह नहीं कर पाई, जिसे मोदी सरकार की सकारात्मक नीतियों ने एक साल में राह बनाकर भारत को दुनियाभर में मिसाल बनने की नींव रखी है।
14June-2015




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