संसदीय समिति ने की कामकाज की समीक्षा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
और दिल्ली सरकार के बीच तल्खी का कारण बनती आ रही दिल्ली पुलिस के पर
कतरने की तैयारी शुरू कर दी है? वहीं केंद्र सरकार पुलिस आधुनिकीकरण की
दिशा में संसाधनों को बढ़ाने की कवायद में जुटी हुई। शायद इसी मकसद से गृह
मंत्रालय की संसदीय समिति ने सोमवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचकर
दिल्ली पुलिस के कामकाज और कार्यशैली की समीक्षा की और पुलिस की समस्याओं
को भी समझा है।
सूत्रों के अनुसार राज्यसभा की पी. भट्टाचार्य की
अध्यक्षता वाली गृह कार्य संबन्धी संसदीय समिति के करीब दो दर्जन सांसद
सदस्यों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी समेत
अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया। समिति ने पुलिस के
कामकाज और कार्यशैली का जायजा लेने के महकमें के सामने आने वाली समस्याओं
और पुलिस की जरूरतों के बारे में पुलिस अधिकारियों से पूछा। सूत्रों की
माने तो हालिया एंटीकरप्सन ब्यूरो के प्रमुख को लेकर केंद्र व दिल्ली की
केजरीवाल सरकार के बीच चल रही तल्खी के बीच केंद्र सरकार दिल्ली पुलिस के
साथ संसदीय समिति के जरिए यह भी जताना चाहती है कि दिल्ली की पुलिस दिल्ली
सरकार के नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के अधीन कार्य करती है। गौरतलब है कि
दिल्ली की केजरीवाल सरकार का दिल्ली पुलिस को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने
के लगातार किये जा रहे प्रयासों के बीच केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच
दिल्ली पुलिस की भूमिका तल्खी का कारण बनी है, लेकिन दिल्ली पुलिस केंद्र
सरकार के अधीन है यह जानते हुए भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
एसीबी की नियुक्ति जैसे ताजा प्रकरण को लेकर सीधे केंद्र सरकार को निशाने
पर लेते नजर आए हैं।
मनोबल बढ़ाने के संकेत
संसदीय
समिति ने यह भी जानने का प्रयास किया कि दिल्ली पुलिस के अधिकारों में
कटौती करके उन्हें आधुनिक संसाधनों को मुहैया कराने के लिए क्या-क्या किया
जा सकता है जिसकी सिफारिश समिति केंद्र सरकार को कर सके। दिल्ली पुलिस का
मनोबल बढ़ाने की दिशा में माना जा रहा है कि पहली बार संसदीय समिति दिल्ली
पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक करने की पंरपरा शुरू कर रही है।
इससे पहले भी संसद की गृह मंत्रालय विभाग संबन्धी यह समिति पहले भी अनेक
बार दिल्ली की ही नहीं बल्कि देश में विभिन्न राज्यों के पुलिस आधुनिकरण पर
जोर देती रही है, जिसके लिए पुलिस को आधुनिक संसाधन मुहैया कराना भी शामिल
है। इस बैठक में भी पुलिस की जरूरतों हथियारों की खरीद और बजट का सर्वे
किया गया, जिसकी सिफारिश यह समिति संसद में पेश करेगी। इससे पहले दिल्ली
पुलिस अपनी जरूरतों की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को स्वयं सौंपती रही है।
समिति का तर्क
समिति
के अध्यक्ष पी भट्टाचार्य ने इस बैठके के बारे में केवल इतना कहा कि समिति
का मकसद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से पुलिस की समस्या समझना और पुलिस की
जरूरत को समझकर उन्हें पूरा कराने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजना
है। इस समिति में लोकसभा और राज्यसभा के 31 सदस्य है, लेकिन दिल्ली पुलिस
के साथ बैठक में केवल 22 सांसदों के शामिल हो सके। सूत्रों के अनुसार पुलिस
मुख्यालय में बैठक करने के बाद पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद पुलिस स्टेशन
भी गई और थाने का भी निरिक्षण किया, जिसका कारण जमीनी स्तर पर पुलिस के
जवानों की समस्या को समझना बताया जा रहा है।
30June-2015
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