शुक्रवार, 12 जून 2015

सड़क परियोजनाओं का जल्द बदलेगा मॉडल!

सड़क निर्माण में तेजी लाने की नीति पर सरकार
निजी कंपनियों के प्रोत्साहन को तैयार किया हाईब्रिड मॉडल
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।

देश में सड़कों का जाल बिछाने के इरादे से एक साल में सड़क निर्माण में तेजी लाने से उत्साहित मोदी सरकार ने अब नई सड़क परियोजनाओं को निजी भागीदारी के साथ हाईब्रिड मॉडल की पटरी पर उतारने की तैयारी कर ली है, ताकि राष्ट्रीय राजमार्गो समेत सभी सड़क परियोजनाओं में और भी तेजी लाई जा सके।
दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने महाराष्ट में मंत्री रहते हुए जिस तरह सड़क और ओवर ब्रिज का जाल बिछाकर सूबे की वाहवाही लूटी थी, उसी तरह वह इस अनुभव को  राष्ट्रीय स्तर पर समर्पित करना चाहते हैं। यही कारण था कि उन्होंने मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करते ही देशभर में सड़क निर्माण में तेजी लाने के लिए शुरूआती दो साल में प्रतिदिन 30 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य तय किया था। हाालांकि इस लक्ष्य में गडकरी सड़क निर्माण के कार्य को प्रतिदिन 15 किमी तक लाने में सफल रहे हैं, जो पिछले डेढ़ दशक में एक रिकार्ड है। गडकरी इस लक्ष्य के आधे रास्ते पर पहुंचने पर यह उम्मीद भी जता चुके हैं कि देश के विकास में सड़क परियोजनाओं के कार्यान्व्यन के लिए सरकार इस लक्ष्य से भी आगे बढ़ेगी। इसी इरादे से उन्होंने हॉल ही में निजी भागीदारी को बढावा देने के लिए एक मिश्रित हाइब्रिड मॉडल पेश किया है, जिसमें सरकार अब नई सड़क परियोजनाओं को इसी मॉडल के आधार पर पूरा कराने का निर्णय लिया गया है। अभी तक एक साल की सड़क परियोजनाओं में निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई द्वारा कराया गया है, लेकिन सड़क निर्माण में और भी ज्यादा तेजी लाने के लिए अब सरकार इस मॉडल के जरिए जोखिम के साथ निजी कंपनियों के टूटे भरोसे का वापस लाना चाहती है।
नए मॉडल पर तीन परियोजनाएं
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार के पीपीपी के तहत इस मॉडल में निजी कंपनियों ने भी दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि चार हजार करोड़ रुपये की तीन सड़क परियोजनाओं के लिए हाल ही में बोली लगाने के लिए कई निजी कंपनियों ने हिस्सा लिया। सड़क परिवहन मंत्रालय का दावा है कि केंद्र सरकार की सड़क निर्माण की नीतियों के कारण यह बदलाव देखने को मिला, जिसमें निजी निवेश की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। इन तीन सडक परियोजनाओं में मध्य प्रदेश में शिवपुरा-गुना, महाराष्ट में सोलपुर-विजापुर और कर्नाटक में होसपेट-चित्रदुर्ग शामिल है। मंत्रालय के अनुसार सरकार इन तीनों सड़क परियोजनाओं और बीओटी सडक परियोजनाओं के लिए लगाई गई बोली को जल्द ही अंतिम रूप देगी। मंत्रालय ने इन्ही सड़क परियोयजनाओं में यूपी में आगरा-इटावा, छत्तीसगढ़ में रायपुर-बिलासपुर तथा हरियाणा में मुकरबा चौक-पानीपत राजमार्ग के निर्माण की सड़क परियोजना भी
शामिल करने का निर्णय लिया है।
ऐसे मिलेगा कंपनियों को प्रोत्साहन
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार खासकर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में निजी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने के लिए कुछ परियोजनाओं के लिए इस हाइब्रिड मॉडल को पहली बार अपनाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने जा रही है। इसके तहत कंपनियों को बिना मांगे ही निर्माण के सुझाव देने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। हालांकि इस नीति में सरकार ने डिटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट यानि डीपीआर तैयार करने वाली कंपनियों को पहले तरजीह देने का निर्णय लिया है। सरकार मानती है कि जो कंपनी डीपीआर तैयार करके परियोजनाओं के लिए आगे आएगी, निश्चित रूप से उसे परियोजनाओं की जरूरतों और निर्माण का अनुभव होगा। सरकार का मकसद निजी कंपनियों में स्पर्धा के जरिए सड़क परियोजनाओं के लक्ष्य को तेजी से हासिल करना है।
12June-2015

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