मंगलवार, 16 जून 2015

आखिर खुले सार्क देशों के बीच वाहनों के रास्ते!

बांग्लादेश, भूटान व नेपाल के साथ लागू हुआ करार

मोदी सरकार ने पडोसी देशों के साथ हरेक क्षेत्र में बेहतर संबन्ध बनाने की कवायद में एक कदम आगे बढ़ा लिया है। मसलन सार्क देशों में बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ एक महत्वपूर्ण मोटर वाहन समझौते अंजाम तक पहुंचाकर सार्क देशों के बीच आपस में यात्री और माल वाहनों की निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित कर लिया है।

मोदी सरकार की पडोसी देशों के साथ बेहतर संबन्ध बनाने की कूटनीतिक पहल का विदेश नीति के रूप में यह नतीजा सामने आया है, जिसमें सार्क देशों के बीच यात्री, निजी और मालवाहक वाहनों के यातायात को नियंत्रित करने की दिशा में सोमवार को बांग्लादेश, भूटान व नेपाल के साथ महत्वपूर्ण मोटर वाहन समझौते पर हस्ताक्षर करके भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस मोटर वाहन करार से अब चारों पडोसी देशों के बीच वाहनों का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित हो जाएगा। दरअसल दक्षिण एशियाई देशों के बीच बेहतर संबन्धों को मजबूत करने के संकेत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के राष्टध्यक्षों को शामिल करके ही दुनिया के सामने दे दिये थे। इसका पहला नतीजा सोमवार को भूटान की राजधानी थिंपू में तीन सार्क देशों भूटान, बांग्लादेश व नेपाल के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने इस महत्वपूर्ण मोटर वाहन समझौता करने सार्वजनिक कर दिया है। मंत्रालय के अनुसार इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में गडकरी के अलावा बांग्लादेश के सड़क परिवहन मंत्री अब्दुल कादिर, भूटान के सूचना और प्रसारण मंत्री लियोंपो डीएन धुंग्याल तथा नेपाल के परिवन मंत्री बिमलेन्द्र निधि भी शामिल थे। बीबीआईएन एमवीए से जहां परिवहन लागत घटेगी वहीं मल्टी माडल परिवहन तथा पारगमन सुविधाओं का भी विकास होगा और चारों देशों के बीच संपर्क व व्यापार को बल मिलेगा। गौरतलब है कि इससे पूर्व बीबीआईएन मोटर-वाहन समझौते के मसौदे पर विचार-विमर्श करने और इसे अन्तिम रूप देने के लिए फरवरी 2015 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इन देशों के परिवहन सचिवों की एक बैठक में समझौते में कुछ सूक्ष्म बदलावों के साथ सार्क मोटर-वाहन समझौता मसौदे की तर्ज पर अंतिम रूप दिया था, जिसे पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी थी।
अब बारी म्यांमार व थाईलैंड की
सार्क देशों के बीच यात्री, व्यक्तिगत व माल ढुलाई वाहनों के यातायात के नियमन के लिए बांग्लादेश, भूटान, भारत व नेपाल (बीबीआईएन) मोटन वाहन समझौते के बाद भारत अगले चरण में जल्द ही म्यांमार और थाईलैंड के साथ भी इस समझौते को लागू करेगा, जिस पर दोनों देश समहमति जता चुके हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार सोमवार को हुए इस समझौते के तहत चारों देश समझौते के कार्यान्वयन के लिए जुलाई से छह महीने के कार्ययोजना बनाएंगे। गडकरी ने इस समझौते को शांति, स्थिरता व समृद्धि के लिए क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में राष्ट्रीय नेताओं की प्रतिबद्धताओं को दिखाने वाला छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण कदम बताया है। दक्षेस के बीबीआईएन की इस संधि का मकसद इस उपक्षेत्र में सड़क यातायात सुरक्षित,आर्थिक और पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल बनाना तथा प्रत्येक देश क्षेत्रीय समन्वय को स्थापित करने की दिशा में एक संस्थागत प्रक्रिया का सृजन करने में सक्षम करना है। 16June-2015

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