संसद की कैंटीन में बाजार से दस गुना सस्ता खाना
पांच साल में संसद की कैंटीनों को मिली 60.7 करोड़ की सब्सिडी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद
की कैंटीनों में परोसे जाने वाले भोजन बाजार मेें मिलने वाले भोजन से दस
गुना सस्ता होता है, इसके लिए इन कैंटीनों को लोकसभा सचिवालय द्वारा
सब्सिड़ी दी जाती है। पिछले पांच सालों में नेताओं को सस्ता भोजन मुहैया
कराने के लिए इन कैंटीनों को 60.7 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की सब्सिडी दी
जा चुकी है।
लोकसभा सचिवालय ने एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार
किया है कि संसद भवन परिसर की सभी कैंटीनों का संचालन उत्तर रेलवे करता आ
रहा है, जिन्हें लोकसभा सचिवालय की ओर से खान-पान के सामानों पर सब्सिडी दी
जाती है। वर्ष वर्ष 2013-14 के दौरान लोकसभा सचिवालय ने इन कैंटीनों को 14
करोड़ नौ लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान की है। यदि पिछले पांच साल के आंकड़े
को देखें तो इन कैंटीनों को 60.70 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। आंकड़ों
के मुताबिक वर्ष 2009-10 में 10.46 करोड़ रुपये की सब्सिडी बढ़कर वर्ष
2012-13 में 12.52 करोड़ रुपये तक पहुंची। जबकि वर्ष 2013-14 में 14.09 करोड़
रुपये की सब्सिडी दी गई। संसद भवन परिसर की कैंटीनों में एक संसद भवन
इमारत में हैं, जबकि एक संसद भवन एनेक्सी में, एक संसद भवन के स्वागत कक्ष
में और एक संसद भवन लाइब्रेरी में है। सभी कैंटीन उत्तर रेलवे द्वारा
संचालित हैं और हर कैंटीन में खाने की चीजों की कीमतें एक हैं। कैंटीन के
लिए राशि लोकसभा के बजटीय अनुदान से मिलती है। संसद भवन परिसर में खाद्य
प्रबंधन की संयुक्त समिति रोजमर्रा की गतिविधियों पर नजर रखती है।
पांच साल में नहीं बदले दाम

खास स्वादिष्ट व्यंजनों का जायका
सूत्रों
के अनुसार सब्जियों जैसे कई खाद्य पदार्थों के लिए कच्चा सामान जहां 41.25
रूपए में मिलता है, लेकिन सांसदों के लिए यह चार रूपए में उपलब्ध है और इस
पर करीब 90 प्रतिशत सब्सिडी है। इसी प्रकार लोकसभा सचिवालय की जानकारी के
अनुसार मांसाहारी व्यंजनों के लिए कच्चा सामान 99.05 रूपए में खरीदा जाता
है, जबकि सांसदों को वह 66 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 33 रूपए में परोसा जाता
है। वहीं संसद की कैंटीनों में पापड़ एक रुपए में मिलता है, जबकि इस पर 1.98
रूपए का खर्च आता है। आरटीआई जवाब में लोकसभा सचिचालय ने कहा है कि संसद
की कैंटीनों में 76 लजीज व्यंजन परोसे जाते हैं जिनमें उबले अंडों से लेकर
मटन और चिकन तक के व्यंजन भी शामिल हैं। इन पर 63 प्रतिशत से लेकर 150
प्रतिशत से ज्यादा तक की सब्सिडी दी जाती है।
कौन करता है यहां भोजन
संसद
भवन की इन कैंटीनों में सांसद, उनके परिजन, संसद भवन में कार्य करने वाले
लोग, वहां कवरेज के लिए जाने वाले मीडियाकर्मी आदि भोजन ग्रहण करते हैं।
पिछले काफी दिनों से यह मांग उठ रही है कि इन सभी लोगों को सब्सिडी क्यों
दी जा रही है। जबकि भोजन नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर उपलब्ध कराया जा
सकता है।
24June-2015
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