बुधवार, 3 अप्रैल 2019

मतदाता सर्वे:छत्तीसगढ़ में रोजगार बढ़ने के साथ हुआ विकास!

मतदाता सर्वे: फिर भी यही मुद्दे लोकसभा चुनाव में सर्वोच्च प्राथमिकता    
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली। 
छत्तीसगढ़ राज्य में केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल में राज्य सरकार के साथ मिलकर बेहतर रोजगार के अवसर देने के अलावा सार्वजनिक परिवहन और सड़कों के निर्माण जैसे बुनियादी विकास सुविधाएं मुहैया कराने का काम किया है, भले ही वह औसत से ही कम हो। इसलिए मौजूदा लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की अपेक्षा और भी ज्यादा बढ़ना स्वाभाविक है, जिनके सामने बेहतर रोजगार, परिवहन और सड़क जैसे बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे अब भी सर्वाच्च प्राथमिकता पर खड़े हैं।
दरअसल यह तथ्य लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव सुधार के लिए कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा कराए गये एक मतदाता सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आए हैं। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर 31 मुद्दों को लेकर राज्य में कराए गये इस सर्वेक्षण में राज्य के करीब 5500 मतदाताओं को शामिल किया गया है। वहीं इन मुद्दों पर पिछले पांच साल के प्रदर्शन पर भी मतदाताओं की राय जानी है, जिसमें सरकार व शासन के प्रदर्शन को अंक दिये गये हैं। इनमें दस प्राथमिकता वाले मुद्दों पर ज्यादा फोकस किया गया है। शहरी और ग्रामीण मतदाओं ने शीर्ष तीन प्राथमिकताओं में पिछले पांच साल के प्रदर्शन के लिए सरकार को पांच में से बेहतर सार्वजनिक परिवहन के लिए 2.55, बेहतर सड़क के लिए 2.54 तथा बेहतर रोजगार के अवसर के लिए 2.09 का स्कोर दिया है। जबकि अब लोकसभा चुनाव के दौरान भी यही तीनों मुद्दे मतदाताओं की प्राथमिकता पर है, जिसके लिए इन मुद्दों की प्राथमिकता की रैंकिंग क्रमश: 38.41 प्रतिशत, 37.78 प्रतिशत तथा 58.84 प्रतिशत सामने आई है। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में 11 सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान होगा, जिसमें 4.61 लाख नए युवाओं समेत करीब 1.90 करोड़ मतदातओं के चक्रव्यूह को भेदने के लिए राजनीतिक दलों के सामने राज्य के प्राथमिकता वाले मुद्दें किसी चुनौती से कम नहीं होंगे।
ग्रामीण क्षेत्र में कृषि सब्सिड़ी
छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में मतदाताओं ने सरकार के प्रदर्शन को औसत से कम माना है और सर्वाधिक 2.15 स्कोर कृषि में बीजों व उर्वरक के लिए सब्सिड़ी के प्रदर्शन को दिया है, जबकि इसके बाद कृषि के लिए जल की उपलब्धता के लिए 2.08, कृषि उत्पादों के लिए मूल्यों की प्राप्ति के लिए 2.07 के अलावा बेहतर रोजगार के अवसर और कृषि के लिए बिजली को 2.05 स्कोर की रैंकिंग दी है, जो औसत से कम मानी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में मौजूदा लोकसभा चुनाव में रोजगार के बेहतर अवसर सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं, जिसके लिए 58 फीसदी की रैंकिंग के साथ अपेक्षा की गई है। इसके बाद कृषि के लिए जल की उपलब्धता के लिए 44 फीसदी ओर कृषि बिजली के लिए 39 फीसदी रैंकिंग अपनी शीर्ष प्राथमिकता के मुद्दों के रूप में अपेक्षा की गई है।
शहरी क्षेत्र में कानून व्यवस्था भी मुद्दा
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा चुनाव में शहरी क्षेत्र के मतदाताओं के लिए रोजगार के बेहतर अवसर सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसके लिए सर्वाधिक 61 फीसदी रैंकिंग के साथ अपेक्षा की गई है। इसके बाद कानून व्यवस्था के लिए 56 फीसदी और बेहतर सड़कों के लिए 55 फीसदी रैंकिंग मिली है। जबकि सरकार के पिछले पांच साल के प्रदर्शन को औसत से कम ही आंका गया है, जिसमें तीन शीर्ष प्राथमिकताओं में सरकार को पांच में से सर्वाधिक 2.22 अंक रोजगार के बेहतर अवसर, 2.20 अंक कानून व्यवस्था तथा 2.12 अंक बेहतर सड़कों के लिए दिये गये हैं। हालांकि शहरी क्षेत्र में दस प्राथमिकताओं में बेहतर सार्वजनिक परिवहन को 2.18 की तरह ही बेहतर अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 2.18 का स्कोर दिया है।               

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें