बुधवार, 24 अप्रैल 2019

लोकसभा चुनाव- दूसरा चरण: ईवीएम में कैद हुआ सियासी दिग्गजों का भविष्य

बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद के सहारे भाजपा, कांग्रेस व गठबंधन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सत्रहवीं लोकसभा के लिए गुरुवार को दूसरे चरण में 12 राज्यों की 95 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया है, जिसमें एक पूर्व प्रधानमंत्री, तीन मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय एवं पूर्व मंत्रियों समेत दर्जनों दिग्गजों का सियासी भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है, जिसका पिटारा 23 मई को खुलेगा। 
लोकसभा के दूसरे चरण में भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्‍ट्रीय दलों की प्रतिष्‍ठा उन सीटों पर भी दांव पर है, जहां उनके सहयोगी दल भी चुनावी जंग में हैं। खासकर सत्ताधारी दल भाजपा और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी है, जिसमें 27 भाजपा, के अलावा उसके सहयोगी दलों में चार शिवसेना और 37 अन्नाद्रमुक के अलावा 1-1 जदयू व पीएमके  के कब्जे में हैं। भाजपा को उम्मीद है कि बिहार में जदयू पांचों सीटों पर जीत हासिल करेगी, वहीं भाजपा को तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक से पिछले चुनाव के प्रदर्शन को दोहराने का भरोसा है। भाजपा का प्रयास है कि यूपी में गठबंधन से जो थोड़ा बहुत नुकसान राजग को हो सकता है उसकी अन्य राज्यों में सहयोगी दलों के साथ भरपाई की जा सकेगी। इसलिए भाजपा को इस बार ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर में अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर अच्‍छे प्रदर्शन की उम्‍मीद है। हालांकि यूपी में इस चरण की सभी आठ सीटों पर भाजपा काबिज है, जहां भाजपा और सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के बीच सीधा मुकाबले में कांग्रेस भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद पर कायम है।
23 मई को खुलेगा इन दिग्गजों की किस्मत का ताला
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव में जिन सियासी दिग्गजों के भिवष्य का फैसला ईवीएम में कैद हुआ है उनमें कर्नाटक की टुमकुर सीट पर जद-एस के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, बंगलूरू साउथ सीट से भाजपा के युवा प्रत्याशी तेजस्वी सूर्या और कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद, कोलार से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस प्रत्याशी केएच मुनियप्पा के अलावा चिकबल्लापुर सीट पर कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा माईली के अलावा बंगलूरु नॉर्थ से पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौडा की किस्मत का फैसला भी कैद हो चुका है। जबकि मांड्या सीट भाजपा के समर्थन में अभिनेत्री सुमलता अंबरीश के साथ राज्य के सीएम कुमारस्वामी के बेटे निखिल पर भी नजरें लगी हैं। जबकि महाराष्ट्र की सोलापुर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे व नांदेड सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के अलावा जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर सीट पर पूर्व मुख्य मंत्री फारूख अब्दुला के सियासी वजूद भी मतदान के बाद ईवीएम में कैद हो चुका है। तमिलनाडु की करूर सीट से लोकसभा उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह, जुएल ओराम, पी. राधाकृष्णन के अलावा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, तमिलनाडु में पूर्व केंद्रीय मंत्रियों में अन्बुमणि रामदोस, टीआर बालू, दयानिधि मारन, केएच मुनियप्पा, एम. वीरप्पा माईली, दीपा दासमुंशी की किस्मत पर भी ताला लग गया है। राज्यसभा की द्रमुक सांसद द्रमुक की कनिमोझी तथा कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद व भुवनेश्वर कलिता के भाग्य का ताला भी अब 23 मई को होने वली मतगना के दौरान खुलेगा। इनके अलावा भाजपा की हेमामालिनी,डा. प्रीतम मुंडे और संतोष पांडेय, कांग्रेस के राज बब्बर व सुष्मिता देव, सपा के रामजी लाल सुमन, राजद के जयप्रकाश नारायण के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कीर्ति चिदंबरम जैसे दिग्गज भी अपना भविष्य ईवीएम में कैद करा चुके हैं।
यूपी में अग्नि परीक्षा का दौर
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान के बाद ईवीएम में कैद हुए प्रमुख सियासी दिग्गजों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश की अपने कब्जे वाली सभी आठ सीटे भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन सभी सीटो पर इस बार भाजपा को सपा-बसपा-रालोद गठबंधन सीधे टक्कर मिलती दिख रही है। यूपी में भाजपा के मथुरा से सिने तारिका हेमामालिनी, आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल ,अलीगढ़ से सतीश गौतम, बुलंदशहर से भोला सिंह, नगीना से यशवंत की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है, वहीं फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस के राज बब्बर, आगरा से प्रीता हरित के अलावा हाथरस से सपा के रामजीलाल सुमन के भाग्य का फैसला मतदाताओं ने लिख दिया है।
19ँApr-2019

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