बुधवार, 10 अप्रैल 2019

लोकसभा चुनाव का पहला चरण: 20 राज्यों की 91 सीटों पर दिग्गजों की दांव पर किस्मत

लोकसभा चुनाव: पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों पर 11 अप्रैल को होगा चुनाव
गडकरी समेत सात केंद्रीय मंत्रियों की होगी अग्नि परीक्षा                               
दांव पर लगी दो पूर्व मुख्यमंत्री और आठ पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा
लोकसभा चुनाव: पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों पर 11 अप्रैल को होगा चुनाव
इनमें सर्वाधिक 36 सीटों पर एनडीए का कब्जा, 51 मौजूदा सांसद भी चुनावी मैदान में
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। 
सत्रहवीं लोकसभा के लिए 20 राज्यों की 91 सीटों पर 11 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के चुनाव में जहां नितिन गडकरी समेत सात केंद्रीय मंत्रियों की अग्नि परीक्षा होगी, वहीं दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और और आठ पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। पहले चरण की जिन 91 सीटों पर चुनाव हो रहा है, उनमें 36 भाजपा के कब्जे में हैं।                                          
लोकतंत्र के इस महासमर में पहले चरण के चुनाव के लिए 91 सीटों को फतेह करने के इरादे से 90 महिलाओं समेत 1279 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें 227 राष्ट्रीय, 125 क्षेत्रीय और 368 गैरमान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के प्रत्याशी शामिल हैं। सर्वाधिक 553 निर्दलयो के बाद दलों में सबसे ज्यादा 83-83 प्रत्याशी भाजपा और कांग्रेस के इस चरण की चुनावी जंग में हैं। इन सीटों पर फिलहाल कब्जे की बात की जाए तो भाजपा की 33 समेत 36 एनडीए के पास हैं, जबकि 16 तेदेपा, 11 टीआरएस, नौ वाईएसआर कांग्रेस, चार बीजद, दो तृणमूल के अलावा एनसीपी, पीडीपी, सपा, एसडीएफ, एआईएमआई और सीपीएम का भी एक-एक सीट पर कब्जा है। इस चरण के चुनाव में 51 सीटों पर मौजूदा सांसद फिर से लोकसभा में दाखिल होने के लिए चुनावी जंग में हैं।
केंद्रीय मंत्रियों पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में महाराष्ट्र में नागपुर सीट से केंद्रीय मंत्री नितिन जयराम गडकरी व चंद्रपुर से गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर, अरुणाचल वेस्ट से गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू, उत्तराखंड की अल्मोडा से अजय टमटा, यूपी की गजियाबाद से विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, गौतमबुद्धनगर से पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, बागपत से जल संसाधन राज्यमंत्री डा. सत्यपाल सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। जबकि जिन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की अग्नि परीक्षा इस पहले चरण में होनी हैं, उनमें भाजपा के डा. संजीव बालियान व डी. पुरंदेश्वरी, तेदेपा के अशोक गणपति राजू व पान्नबा लक्ष्मी, रालोद के चौधरी अजित सिंह, कांग्रेस की रेणुका चौधरी व वीसेंट एच पाला शामिल हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कांग्रेस के हरीश रावत व भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक के भविष्य का फैसला भी इस पहले चरण के चुनाव में तय होगा।
करोड़पतियों व दागियों पर दांव
लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की चुनावी जंग में उतरे 1279 प्रत्याशियों में जहां 213 आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं तो वहीं वहीं 401 करोड़पति प्रत्याशियों पर भी विभिन्न दलों ने दांव आजमाया है। दिलचस्प बात है कि इस पहले चरण की इस चुनावी जंग में भाजपा से कहीं ज्यादा कांग्रेस ने दागियों व कुबेरों को प्रत्याशी बनाया है। मसलन कांग्रेस पार्टी 69 करोड़पति प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में लाकर पहले पायदान पर है, जबकि भाजपा ने 65 अमीरों को चुनावी मैदान में उतारा है। इसी प्रकार कांग्रेस ने 35 ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतरा है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। जबकि भाजपा के ऐसे 30 प्रतयाशी चुनावी मैदान में हैं।
चुनावी जंग में सर्वाधिक युवा प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में होने वाले 1279 प्रत्याशियों में सर्वाधिक 411 प्रत्याशियों की आयु 25 से 40 साल तक है, जिनमें 105 प्रत्याशी 25 से 30 साल और 306 प्रत्याशी 31 से 40 साल के बीच की उम्र के हैं।  पहले चरण की 91 सीटों पर 388 प्रत्याशियों की उम्र 41 से 50 साल, 283 नेताओं की उम्र 51 से 60 साल, 155 सियासी योद्धा 61 से 70 साल और 17  प्रत्याशी 71 से 80 साल की उम्र में चुनावी जंग का स्वाद ले रहे हैं। जबकि दो  प्रत्याशी 81 से 100 के बीच चुनावी जंग में हैं तो 10 ऐसे प्रत्याशी भी हैं जिन्हों अपनी उम्र ही नहीं बताई है।
सर्वाधिक मैट्रिक पास प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शिक्षा-दिक्षा के हिसाब से देखा जाए तो 1279 प्रत्याशियों में सर्वाधिक 240 दसवीं पास हैं, जबकि 239 प्रत्याशी पोस्ट ग्रेज्युएट और 201 ग्रेज्युएट किये हुए हैं। इस पहले चरण में 150 प्रोफेशनल ग्रेज्युएट और 29 डाक्टर हैं तो वहीं 66 अनपढ़ भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनावी जंग में हैं। जबकि 19 साक्षर के अलावा 60 पांचवी पास, 65 आठवीं पास और 161 इंटरमीडिएट प्रत्याशी हैं, जबकि 36 अन्य ने अपना विवरण नहीं दिया है।
कितनी सीटों पर दलीय बाहुबली
चुनाव के दौरान ऐसे निर्वाचन क्षेत्र को रेड अलर्ट की श्रेणी में रखा जाता है, जहां तीन या उससे ज्यादा बाहुबली या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी चुनावी जंग में हों। रेड ऐलर्ट घोषित 37 सीटों में 19 सीटों पर भाजपा, 15 सीटों पर कांग्रेस, 7 सीटों पर बसपा, पांच सीटों पर टीआरएस, तेदेपा के तीन के अलावा लोजपा, शिवसेना, सीपीआई, सीपीएम के अलावा केई क्षेत्रीय दलों के एक सीट पर चुनावी जंग में मुकाबाला कर रहे हैं। हालांकि प्रमुख दलों के अलावा गैर पंजीकृत दलों और निर्दलीयों के दागियों की संख्या ज्यादा होने के कारण इन सीटों को रेड अलर्ट सीटों की श्रेणी में रखा गया है।
10Apr-2019

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