मुख्यमंत्रियों
के घरानों के लिए भी बना प्रतिष्ठा की जंग
इस चरण
में ग्लैमर के सियासी वजूद की भी होगी परीक्षा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सत्रहवीं
लोकसभा के लिए 302 सीटों के लिए संपन्न हुए चुनाव के बाद अब चौथे चरण के 29 अप्रैल
सोमवार को नौ राज्यों की 71 सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में जहां केंद्रीय
मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी, वहीं वॉलीवुड
सितारों समेत अनेक सियासी सुरमाओं की अग्नि परीक्षा होगी।
चौथे
चरण में 29 अप्रैल को नौ राज्यों की जिन 71 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होगा, उनमें
फिलहाल 56 सीटों पर राजग का कब्जा है, जिनमें अकेले भाजपा के 45 सांसद हैं। इसलिए
चौथे चरण का चुनाव भाजपा व उसके सहयोगी दलों के लिए अपनी सीटों को बचाने की चुनौती
होगी। वहीं भाजपा के खिलाफ लामबंद हुए
विपक्षी दलों के गठजोड़ में शामिल
खासकर कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे दल अपनी खोई हुई सियासी जमीन पाने की फिराक में
है।
इन दिग्गजों की दांव पर
प्रतिष्ठा
बिहार
में बेगूसराय सीट पर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह, जेएनयू से नेता बने कन्हैया
कुमार, उजियारपुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाह व भाजपा सांसद
नित्यानंद राय, दरभंगा सीट पर कांग्रेस के कीर्ति आजाद, मध्य प्रदेश की छिंदवाडा
सीट राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रतिष्ठा से जुड़ी है, जहां उनके बेटे
नकुलनाथ चुनाव मैदान में है। उत्तर प्रदेश की कन्नौज सीट पर मुलायम सिंह यादव के
परिवार में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है, जहां उनकी
धर्मपत्नी डिंपल यादव के सामने अपनी सीट को बचाने की चुनौती होगी। इसी प्रकार
उन्नाव सीट पर भाजपा के सांसद साक्षी महाराज व कांग्रेस की अन्नु टंडन, कानपुर सीट
पर कांग्रेस के टिकट पर पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और फर्रुखाबाद
से पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की प्रतिष्ठा दांव पर है। पश्चिम बंगाल में
भाजपा के कब्जे वाली आसनसोल लोकसभा सीट दो फिल्मी हस्तियों की प्रतिष्ठा का सवाल
बनी हुई है, जहां भाजपा के मौजूदा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के
सामने तृणमूल कांग्रेस सिने तारिका मुनमुन सेन के बीच चुनावी जंग है। इसी प्रकार
से महाराष्ट्र मुंबई नॉर्थ लोकसभा सीट पर कांग्रेस में आई वॉलीवुड हस्ती उर्मिला
मतोंडकर, मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से कांग्रेस के संजय निरूपम और मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट
पर भाजपा की पूनम महाजन की किस्मत दांव पर होगी। वहीं राजस्थान में झालवाड़-बारां सीट पर पूर्व
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे सांसद दुष्यंत सिंह, जोधपुर सीट पर भाजपा से
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत और राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे गौरव
गहलोत के अलावा की साख दांव पर होगी। जबकि ओडिशा की केंद्रपाड़ा सीट पर भाजपा के
बैजयंत जयपांडा पर नजरें होगी, जो बीजद छोड़कर इसी चुनावी समर में भाजपा में शामिल
होकर कमल के चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव मैदान में हैं।
भाजपा के लिए बड़ी चुनौती
इस
चौथे चरण में 71 सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा के सामने जहां अपने कब्ज वाली
45 सीटों को बचाते हुए उनकी संख्या बढ़ाने की चुनौती होगी। पिछले चुनाव में भाजपा
को महाराष्ट्र की 17 में आठ के अलावा
नौ सीट उसके सहयोगी दल शिवसेना को मिली थी। इसके अलावा यूपी में 13 में 12, मध्य
प्रदेश की छह में पांच, झारखंड की
तीनों, बिहार की पांच में तीन पर
भाजपा का कब्जा है, जबकि दो पर भाजपा की सहयोगी लोजपा काबिज है। राजस्थान की सभी 13 सीटों, पश्चिम बंगाल की आठ में से एक सीट पर
भाजपा का कब्जा है। इन 71 सीटों में कांग्रेस को मध्य प्रदेश व पश्चिम बंगाल में
केवल दो सीटों पर ही जीत मिली थी। इसके अलावा ओडिशा की सभी छह सीटें बीजद के कब्जे
में हैं। जबकि पश्चिम बंगाल में छह सीटों पर तृणमूल कांग्रेस और यूपी में एक सीट
पर सपा का कब्जा है।
दागियों व कुबेरों का सियासी
खेल
लोकसभा
चुनाव के चौथे चरण में नौ राज्यों की 71 सीटों के लिए 96 महिलाओं समेत कुल 943
प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनमें 210 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भी चुनाव लड़
रहे हैं, इनमें 158 के खिलाफ तो हत्या, अपहरण, लूट, डकैती, हत्या के प्रयास,
बलात्कार जैसे संगीन मामले भी लंबित हैं। वहीं विभिन्न दलों के टिकट पर 306 करोड़
प्रत्याशी भी अपनी किस्मत दांव पर लगाए हुए हैं।
29Apr-2019
29Apr-2019
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