लोकसभा
चुनाव: दूसरे चरण में 97 सीटों पर 18 अप्रैल
को होगा चुनावकेंद्रीय
और पूर्व मंत्रियों समेत दर्जनों दिग्गजों का होगा महामुकाबला
सत्रहवीं लोकसभा
के लिए 91 सीटों पर हुए चुनाव के बाद अब 18 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान में 97 लोकसभा
सीटों का चुनाव होगा। इस चरण में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों
और पांच केंद्रीय मंत्रियों के अलावा आठ पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के सामने भी सियासी
साख बचाने की चुनौती होगी। इसके अलावा इस दूसरे दौर के चुनाव में कई अन्य दिग्गजों
की भी अग्नि परीक्षा होगी।
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।

लोकसभा
चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों के लिए 18 अप्रैल को होने वाले
चुनाव में 211 राष्ट्रीय दलों, 109 राज्य और 399 गैर पंजीकृत दलों के अलावा सर्वाधिक
925 निर्दलीय समेत कुल 1644 उम्मीदवार अपनी सियासी किस्मत आजमाने उतरे हैं। इनमें वैसे
तो कई दिग्गजों को अपनी साख बचाने के लिए चुनौती है, लेकिन प्रमुख रूप से कर्नाटक में
टुमकुर लोकसभा सीट पर जद-एस के प्रत्याशी के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा
का महामुकाबला भाजपा के जीएस बसवाराज से होगा। देवगौडा पिछला चुनाव हासन सीट से जीतकर
लोकसभा पहुंचे थे। जहां तक पूर्व मुख्यमंत्रियों
के चुनाव जंग में भविष्य दांव लगे हैं, उनमें महाराष्ट्र की सोलापुर से कांग्रेस के
सुशील कुमार शिंदे और नांदेड से अशोक चव्हाण चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर
की श्रीनगर सीट से नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अब्दुला की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। हालांकि
कर्नाटक की बंगलूरू नॉर्थ सीट से चुनावी जंग लड़ रहे केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंदगौडा
भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनके अलावा तमिलनाडु की करुर सीट से लोकसभा
उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई जैसे दिग्गज भी चुनावी जंग में हैं।
इनके सामने भी चुनौती
लोकसभा
के लिए 18 अप्रैल को सदानंद गौडा के अलावा जिन मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों के भविष्य
का फैसला होना है उनमें जम्मू-कश्मीर की उधमपुर लोकसभा सीट से डा. जितेन्द्र सिंह,
ओडिशा की सुंदरगढ़ सीट से जुएल ओराम, तमिलनाडु
की कन्याकुमारी सीट से पी. राधाकृष्णन के अलावा उत्तर प्रदेश की आगरा लोकसभा सीट से
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल भी शामिल हैं। वहीं इस चुनावी
जंग में जिन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी, उनमें तमिलनाडु राज्य
की धर्मपुरी से अन्बुमणि रामदोस, श्रीपेरुमबुदूर से टीआर बालू, चेन्नई सेंट्रल से दयानिधि
मारन व नीलगिरीस से ए. राजा, कर्नाटक की कोलार
सीट से केएच मुनियप्पा और चिकबल्लापुर सीट से एम. वीरप्पा माईली, पश्चिम बंगाल की रायगंज
सीट से कांग्रेस की दीपा दासमुंशी शामिल हैं। इनके अलावा राज्यसभा में सांसद भी लोकसभा
में जाने के इरादे से तमिलनाडु की तुत्थूकुडी सीट से द्रमुक की कनिमोझी तथा कर्नाटक
की बंगलूरु साउथ से कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद के अलावा असम की मंगलदोई सीट से भुवनेश्वर
कलिता भी चुनावी जंग के दिग्गजों में शामिल हैं।
कितनी सीटों पर किस दल का कब्जा
लोकसभा
चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों की जिन 97 सीटों के लिए चुनाव होना है, उनमें सर्वाधिक
70 सीटों पर राजग का कब्जा है, जिसमें भाजपा 27, शिवसेना चार, अन्नाद्रमुक 37, जदयू
व पीएमके एक-एक सीट पर काबिज है। इसके अलावा 12
सीट कांग्रेस, चार बीजद, दो-दो जद-एस, राजद व सीपीएम के पास हैं। जबकि टीएमसी,
एनसीपी, पीडीपी, एआईएनआरसी और एआईयूडीएफ के पास एक-एक सीट है।
इन दिग्गजों का भी महामुकाबला
इस
चरण के चुनाव में यूपी की मथुरा सीट पर भाजपा प्रत्याशी एवं हेमामालिनी और फतेहपुर सीकरी पर कांग्रेस प्रत्याशी
राज बब्बर, हाथरस में सपा दिग्गज रामजी लाल सुमन, बिहार में बांका से राजद नेता जयप्रकाश
नारायण, महाराष्ट्र में बीड से भाजपा प्रत्याशी डा. प्रीतम मुंडे, छत्तीसगढ में राजनांदगांव
में भाजपा के संतोष पांडेय की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वहीं असम की सिल्चर सीट से
कांग्रेस की सुष्मिता देव, तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबर
के बेटे कीर्ति चिदंबरम और कर्नाटक की बंगलूरू दक्षिण लोकसभा सीट से भाजपा के युवा
चेहरा तेजस्वी सूर्या जैसे दिग्गज भी चुनावी जंग के मोहरे हैं।
16Apr-2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें