हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
लोकसभा
चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 26 सीटों का पहले
तीन चरण में चुनाव होने के बाद अब सियासी घरानों की नजर राज्य के बुंदेलखंड और
रुहेलखंड व अवध क्षेत्र में सियासी घरानों की अग्निपरीक्षा होगी। यूपी के इन क्षेत्रों
की 13 लोकसभा सीटों के लिए चौथे चरण में 29 अप्रैल को चुनाव होगा।
पश्चिमी
उत्तर प्रदेश की 26 सीटों के लिए ईवीएम में कैद हो चुके सियासी दिग्गजों के भाग्य
के बाद अब चौथे चरण में बुंदेलखंड, रुहेलखंड और अवध क्षेत्र के दायरे में आने वाली
13 लोकसभा सीटों पर जहां यूपी के मुलायम-अखिलेश और मायावती के अलावा कई अन्य
सियासी घरानों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। दरअसल चौथे चरण में इनमें 12 सीटों शाहजहांपुर,
हरदोई, कानपुर, इटावा, उन्नाव, फर्रूंखाबाद, झांसी, खीरी, जालौन, मिश्रिख, हमीरपुर
और अकबरपुर लोकसभा सीटों पर 2014 के चुनाव में भाजपा ने अपना कब्जा जमाया था, केवल
कन्नौज लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव की बहु डिंपल यादव (सपा)के कब्जे में है।
इसलिए इस चरण के चुनाव में भाजपा के सामने अपनी एक दर्जन सीटों पर अपने कब्जे को
बरकरार रखने की चुनौती होगी। इस बार भाजपा को चुनौती देने के लिए सपा-बसपा-रालोद गठबंधन
ने जातीय समीकरण के आधार पर सात पर सपा और छह पर बसपा के प्रत्याशी चुनाव मैदान
में उतारे हैं।
मौजूदा सांसदों की अग्नि परीक्षा
यूपी की उन्नाव लोकसभा सीट अपने बयानों से
सुर्खियों में रहे भाजपा के मौजूदा सांसद साक्षी महाराज के लिए इस बार किसी अग्नि
परीक्षा से कम नहीं होगी, जिन्हें भाजपा ने भरोसा जताते हुए गठबंधन और कांग्रेस को
चुनौती देने के इरादे से चुनावी जंग में उतारा है। इस सीट पर कांग्रेस पूर्व सांसद
अन्नू टंडन तथा सपा ने अरुण कुमार शुक्ला को चुनावी मैदान में उतारा है। कानपुर से
सटी अकबरपुर सीट से भाजपा ने अपने सांसद देवेन्द्र सिंह भोले को फिर चुनावी
मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने पिछला चुनाव हारे राजाराम पाल पर भरोसा
जताया। गठबंध से यहां बसपा की निशा सचान चुनाव मैदान में है। बुदेलखंड इलाके की हमीरपुर सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद
कुंवर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल पर भरोसा जताया है, जिनके सामने गठबंधन से बसपा के
दिलीप कुमार और कांग्रेस से प्रीतम सिंह लोधी चुनाव मैदान में हैं। बुंदलेखंड इलाके
की ही जालौन लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा
सांसद भानु प्रताप वर्मा के सामने गठबंधन ने बसपा ने पूर्व विधायक अजय सिंह पंकज को
टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने पूर्व सांसद ब्रजलाल खाबरी को उम्मीदवार बनाया है।
खीरी लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा
सांसद अजय मिश्र के सामने जफर अली नकवी और सपा ने पूर्वी वर्मा को टिकट दिया है।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद का गढ़ माने जाने वाली फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा ने
मौजूदा सांसद मुकेश राजपूत पर एक बार फिर भरोसा जताया, जबकि कांग्रेस के दिग्गज
सलमान खुर्शीद खुद चुनावी जंग में हैं। गठबंधन प्रत्याशी के रूप में सपा के मनोज
इस मुकाबले के बीच हैं।
भाजपा के नए प्रत्याशियों की चुनौती
कानपुर लोकसभा सीट भी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है, जहां भाजपा
ने डा. मुरली मनोहर जोशी के स्थान पर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी
को प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल
पर भरोसा जताया है, तो सपा ने राम कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है। इटावा लोकसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व
मंत्री रमाशंकर कठेरिया को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने
के बाद मौजूदा सांसद अशोक कुमार दोहरे ने इस बार कांग्रेस का दामन थामकर टिकट
हासिल किया है। जबकि गठबंधन की ओर से सपा के कमलेश कुमार भी इस मुकाबले में शामिल
हैं। भाजपा के लिए महत्वपूर्ण सीट झांसी पर
सुश्री उमा भारती के स्थान पर इस बार पेशे से उद्योगपति अनुराग शर्मा भाजपा के
टिकट पर चुनावी जंग में हैं। अनुराग के सामने सपा ने श्यामसुंदर पारीछा और
कांग्रेस समर्थित जन अधिकार पार्टी से बाबू सिंह कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा
शाहजहांपुर सीट से मौजूदा सांसद एवं
केंद्री मंत्री कृष्णा राज का टिकट काटकर उनके स्थान पर अरुण सागर को प्रत्याशी
बनाया है। जबकि गठबंधन ने बसपा के अमरचंद्र जौहर और कांग्रेस ने ब्रह्म स्वरुप सागर
को चुनावी मैदान में उतारकर त्रिकोणीय चुनाव बना दिया है। हरदोई लोकसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा के बजाए सपा
से भाजपा में आए जयप्रकाश रावत को चुनाव मैदान में उतारा है, जिनके सामने सपा ने
ऊषा वर्मा और कांग्रेस ने विरेन्द्र कुमार को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने मिश्रिख लोकसभा सीट से भी मौजूदा सांसद
अंजू बाला का टिकट काटकर नए उम्मीदवार के रूप में अशोक कुमार रावत को चुनाव मैदान
में उतारा है। गठबंधन से बसपा की नीलू सत्यार्थी और कांग्रेस की मंजरी राही चुनावी
जंग लड़ रही है।
कनौज में दांव पर सपा की
प्रतिष्ठा
सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में 13 सीटों पर भाजपा
और गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है, हालांकि कांग्रेस भी इन मुकाबले को
त्रिकोणीय बनाकर अपने लिए सियासी जमीन तलाशने की फिराक में हैं। सपा के कब्जे वाली
कन्नौज लोकसभा सीट पर भाजपा ने इस बार भाजयुमो के पूर्व अध्यक्ष सुब्रत पाठक को
सपा की डिंपल यादव के सामने चुनाव मैदान में उतारा है। 27Apr-2019
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